“राजस्थान के चुनावी नतीजों के बाद भारतीय मुस्लमान अल्लाह-ओ-अकबर के नारे लगाते हुए हरे पाकिस्तानी झंडे फहरा रहे है”-(अनुवादित), पाकिस्तानी लेखक तारेक फतह ने यह ट्वीट किया। साथ ही कथित रूप से राजस्थान में कांग्रेस की जीत के बाद मुसलमान समुदाय की रैली का वीडियो भी शेयर किया। ये ट्वीट 600 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया।

बाद में तारेक फतह ने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया, और उसी ट्वीट का दूसरा संस्करण पोस्ट किया, जिसमे “पाकिस्तानी झंडे” की जगह “हरे इस्लामी झंडे” शब्द इस्तेमाल किये।

Politics Solitics नाम के फेसबुक पेज ने वही वीडियो इस सूचना के साथ शेयर किया, “कांग्रेस समर्धक हिन्दु भाइयो मुबारक हो आपकी चाहत की मांग शुरू हो गयी है।” अब तक ये पोस्ट ने तकरीबन 16,000 शेयर्स और 3 लाख से ज्यादा व्यूज हासिल कर लिए हैं।

फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने इस वीडियो को उन्ही दावों के साथ शेयर किया कि राजस्थान में मुसलमान चुनाव जीत के जश्न की रैली में “पाकिस्तान ज़िंदाबाद” और “बाबरी मस्जिद ले के रहेंगे” के नारे लगा रहे थे।

मधु पूर्णिमा किश्वर ने भी वही कहानी के साथ इस वीडियो को ट्वीट किया है। एक्टर कोएना मित्रा ने भी मधु किश्वर के ट्वीट को क्वोट-ट्वीट करते हुए लिखा कि “भारत विरोधी तत्व बाहर आ गए हैं”

दो साल पुराना असंबंधित वीडियो

The Quint ने रिपोर्ट किया था कि ये वीडियो उत्तर प्रदेश से है, ना कि राजस्थान से, जैसा कि सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है।

दिसंबर 6, 2016 को जुनैद ज़ुबैरी द्वारा यूट्यूब पर इस लम्बे वीडियो का शीर्षक है, “संभल बाबरी मस्जिद जुलूस”। वीडियो में दिखाए गए झंडे दरअसल ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ के प्रतिनिधिक है, जब कि दावा ये किया जा रहा है कि पाकिस्तानी झंडे है।

द क्विंट को बताते हुए ज़ुबैरी ने कहा कि शहर में पिछले हफ्ते में कोई प्रदर्शन या जुलूस नहीं निकला है, और ये वीडियो तकरीबन एक साल पुराना था, जब इसे पोस्ट किया गया था।

कांग्रेस के राजस्थान में चुनाव जीतते ही पिछले दो दिन में गलत जानकारी के कई उदाहरण सामने आये है। पहले भी, राहुल गाँधी का किसान क़र्ज़ माफ़ी पर पलटने का क्लिप वीडियो व्यापक तौर पर सोशल मीडिया पर शेयर हुआ। फिर, मोरबी, गुजरात में दंगे के समय के एक वीडियो को राजस्थान में मुठभेड़ का बताकर शेयर किया गया। उसके बाद तिवरी, राजस्थान में कांग्रेस जश्न रैली में इस्लामी धार्मिक झंडे को पाकिस्तानी झंडे के रूप में बता कर शेयर किया।

अनुवाद: ममता मंत्री के सौजन्य से

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.