जलती हुई चिता की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई. कई पाकिस्तान स्थित एकाउंट्स ने दावा किया कि ये रोहित कटारिया के अंतिम संस्कार की तस्वीर है जो 7 मई को भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ शुरू करने के बाद पाकिस्तान सशस्त्र बलों के जवाबी हमलों में मारे गए राफ़ेल पायलट थे.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी के बीच ये तस्वीर वायरल हो गई.
X यूज़र @DI313_ ने तस्वीर को कैप्शन के साथ शेयर किया कि स्क्वाड्रन लीडर रोहित कटारिया का अंतिम संस्कार आयोजित किया जा रहा था. कैप्शन में कहा गया, “वो अपने पीछे पत्नी शालिनी चौधरी और 2 साल के बेटे चंदन को छोड़ गए हैं.” यूज़र्स ने कटारिया के नाम के साथ 5 अंकों का नंबर, 32292 शेयर किया था. ये एक बैज या सेवा नंबर जैसा लगता है. (आर्काइव)
X अकाउंट्स @IntelPk_ और @War_Analysts सहित कई अन्य X यूज़र्स ने ऐसे ही दावों के साथ तस्वीर शेयर की. (आर्काइव्ड यहां, यहां और यहां) दावे और तस्वीर फ़ेसबुक पर भी वायरल थे.
फ़ैक्ट-चेक
सबसे पहले, रोहित कटारिया नाम की सबंधित कीवर्ड सर्च करने से हमें जनवरी 2024 की एक सरकारी प्रेस रिलीज मिली जिसमें उनका ज़िक्र ग्रुप कैप्टन और पायलट के रूप में किया गया था. कर्तव्य के प्रति समर्पण के लिए रोहित कटारिया को वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया था. वहां से हमें उनका सर्विस नंबर 27443 मिला, जो सोशल मीडिया दावों में बताए गए सर्विस नंबर से मेल नहीं खाता. जब हमने अंतिम संस्कार की तस्वीर शेयर करने वालों द्वारा उल्लिखित सेवा नंबर 32292 को देखा, तो मालूम चला कि ये स्क्वाड्रन लीडर इंदर सेतिया का है, न कि रोहित कटारिया का.
इसके अलावा, भारतीय वायु सेना ने जानकारी दी है कि सारे पायलट सुरक्षित घर वापस पहुंच गए हैं. यानी, ये स्पष्ट है कि तस्वीर IAF अधिकारी के अंतिम संस्कार की नहीं है.
फिर हमने रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें सितंबर, 2011 की CNN रिपोर्ट मिली जिसका टाइटल था, “हिंदू अंतिम संस्कार की चिताओं से उत्सर्जन के साथ भारत का ज्वलंत मुद्दा”. इसमें प्रतीकात्मक रूप में उसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. तस्वीर को कैप्शन दिया गया था, “16 अप्रैल, 2008 को भारतीय राज्य गुजरात के बमरोली में ओरसांग नदी के तट पर 15 स्कूली लड़कियों के सामूहिक दाह संस्कार में हिंदू अंतिम सम्मान देते हुए.” और इसका क्रेडिट AFP/गेटी इमेज को दिया गया.
यही तस्वीर हमें Getty Images पर भी मिली. सामूहिक दाह संस्कार की 2008 की तस्वीर के कैप्शन में कहा गया है कि गुजरात के बोडेली में नर्मदा नहर में बस गिरने से 44 लोग डूब गए थे, जिनमें से ज़्यादातर बच्चे थे.
इसे ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया जिससे हमें उस वक्त की कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना 16 अप्रैल की सुबह वडोदरा से लगभग 70 किलोमीटर दूर हुई. कंडक्टर सहित 44 पीड़ितों के शव बरामद किए गए थे. वाग-भोड गांव से बस बोडेली जा रही थी. ज़्यादातर बच्चे आठ से 10 साल के बीच के थे; इस दुर्घटना में सिर्फ पांच बच्चे जिंदा बचे.
कुल मिलाकर, 2008 में वडोदरा के पास एक दुर्घटना में मरे स्कूल के बच्चों के सामूहिक दाह संस्कार की तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि ये पाकिस्तानी हमलों में मारे गए राफ़ेल पायलट की चिता है.
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