महाकुंभ में मौनी आमावश्या के दिन हुई भगदड़ में कई जानें चली गईं, जिसके बाद शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर नाराज़गी व्यक्त की और उनसे इस्तीफा देने की मांग की. इस इस्तीफे के बाद से कई भाजपा के नेताओं और योगी आदित्यनाथ के समर्थकों ने उनपर अभद्र टिपण्णी की और उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल किया. एक यूज़र ने उनकी हत्या करने पर इनाम की घोषणा कर दी जिसपर मानवाधिकार आयोग ने जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है.

इस घटना के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें देखा जा सकता है कि ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मीडिया से बात करते हुए कहते हैं, “हमारे भगवान सड़क पर खड़े हुए हैं, उन्हें भोग-राग नहीं लग रहा है….” इतने में उन्हें वर्दी में वहाँ मौजूद जवान खींचकर ले जाते हैं और उनपर लाठीचार्ज करते हैं. ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कुंभ में अव्यवस्था की वजह से लोगों की जान जाने पर जगद्गुरु शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध किया था, इसलिए उनपर लाठीचार्ज किया गया.

रितेश सिंह नाम के एक यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि सनातन धर्म का ध्वज लिए शंकराचार्य पर लाठीचार्ज किया गया, इस पोस्ट में प्रयागराज और कुम्भ मेला से जोड़कर हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है. (आर्काइव लिंक)

अर्चना सिंह नाम की यूज़र ने वीडियो पोस्ट करते हुए गृह मंत्री अमित शाह को टैग किया और लिखा कि शंकराचार्य पर लाठीचार्ज बेहद शर्मनाक है और पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट में योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे की मांग की. (आर्काइव लिंक)

ऑल्ट न्यूज़ को व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर भी इस वीडियो के संबंध में एक रीक्वेस्ट प्राप्त हुआ जिसमें दावा किया गया कि कुंभ में अव्यवस्था के कारण कई लोगों की जान जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विरोध करने पर जगद्गुरु शंकराचार्य पर लाठीचार्ज किया गया.

इसी प्रकार कई अन्य यूजर्स हरीश गोयल, विशाल दोषी, डॉ विजेंदर सिंह संधु ने भी वीडियो हाल का बताकर शेयर किया.

फ़ैक्ट-चेक

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के फ़ेसबुक पेज पर ‘लाठी’ की-वर्ड् सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो 28 सितंबर 2015 को अपलोड किया हुआ मिला. यानी, इतना तो तय है कि ये वीडियो हाल का नहीं है और इसका महाकुंभ से कोई संबंध नहीं है.

वायरल वीडियो से जुड़े की-वर्ड्स यूट्यूब पर सर्च करने पर हमें आजतक की 2015 की रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद वाराणसी में गंगा नदी में प्रतिमा के विसर्जन पर पाबंदी लगी थी, लेकिन लोग गणेश भगवान की प्रतिमा विसर्जन पर अड़े हुए थे. तत्कालीन एसपी सिटी वाराणसी, धाकर यादव ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि लगभग 38 घंटे से लोगों का जत्था चौराहे पर डटा था, पुलिस ने पहले समझाया जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें जबरन हटा दिया.

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2021 में मांगी माफी

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2021 में वाराणसी में 2015 में हुए लाठीचार्ज के लिए संतों से माफी मांगी. उन्होंने गलती स्वीकारते हुए कहा कि मैंने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद और उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से माफी मांगी है.

कुल मिलाकर, कई यूज़र्स ने 2015 में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर हुए लाठीचार्ज का वीडियो हाल में चल रहे महाकुंभ से जोड़कर शेयर किया.

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