सोशल मीडिया के साथ-साथ मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सऐप पर कई लोगों ने एक ‘सेल्फ़-सस्टेनिंग’ मैग्नेटिक पॉवर जनरेटर का वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया कि ये बिना किसी बिजली आपूर्ति या ईंधन के, 700 सालों तक चल सकता है. इसे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताते हुए ये भी कहा जा रहा है कि इस आविष्कार ने अमेरिका, चीन और रूस जैसी वैश्विक महाशक्तियों को असमंजस में डाल दिया है.

X हैन्डल ‘@mRupeshVerma‘ ने 8 जुलाई, 2025 को वायरल दावे के साथ वीडियो पोस्ट किया जिसमें प्रधानमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल में उल्लेखनीय आविष्कारों पर प्रकाश डाला गया. (आर्काइव)

ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी ऐसे ही दावों के साथ वायरल है:

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इन दावों को वेरिफ़ाई करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ की व्हाट्सऐप हेल्पलाइन (+91 76000 11160) पर भी कई रिक्वेस्ट मिलीं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो और वायरल दावे को लेकर छानबीन करते हुए ऐसे किसी आविष्कार के बारे में छपी मीडिया रिपोर्ट ढूंढने की कोशिश की. लेकिन हमें ऐसे किसी इनोवेशन के बारे में कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली.

आगे, वायरल वीडियो के एक फ़्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें मार्च 2007 में अपलोड किया गया एक यूट्यूब वीडियो मिला.

कैप्शन के मुताबिक, वीडियो ‘Searl इफ़ेक्ट’ दिखाता है.

इसे ध्यान में रखते हुए, सबंधित की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें मालूम चला कि वीडियो में देखा गया उपकरण, जॉन Searl द्वारा विकसित, एक Searl इफ़ेक्ट जेनरेटर (SEG) है. ये वायुमंडल से इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज का इस्तेमाल करके ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक रिंग में व्यवस्थित घूमने वाले चुम्बकों का इस्तेमाल करता है. इसे 1940 के दशक में विकसित किया गया था.

विशेष रूप से इस आविष्कार ‘विज्ञान’ के इस्तेमाल के लिए आलोचना की गई थी. कई लोगों का आरोप है कि SEG की चुंबकीय घटना का रचनात्मक प्रदर्शन या परीक्षण नहीं किया गया है.

कुल मिलाकर, ये दावा निराधार और मनगढ़ंत है कि मोदी सरकार के तहत भारत ने चुंबकीय जनरेटर का आविष्कार किया. किसी भी विश्वसनीय मीडिया आउटलेट ने इसकी सूचना नहीं दी है. इसके अलावा, वायरल दावे के साथ शेयर किए गए वीडियो में दिखाया गया उपकरण Searl इफ़ेक्ट जेनरेटर (SEG) है जो 20वीं सदी के मध्य में जॉन Searl द्वारा किया गया एक विवादास्पद आविष्कार है.

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