वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में बहस के दौरान, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने गुजरात में हिन्दू देवता कृष्ण से जुड़े एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बेट द्वारका के बारे में एक बयान दिया. उन्होंने कहा गया कि गुजरात वक़्फ़ बोर्ड ने बेट द्वारका के दो द्वीपों पर दावा किया है. उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से वक़्फ़ बोर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा, “क्या भगवान कृष्ण से पहले इस्लाम धर्म आया था?” कई यूज़र्स ने संसद में अनुराग ठाकुर के बयान की क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर की.

अक्सर गलत जानकारी फैलाते हुए पाए जाने वाले भाजपा समर्थक रौशन सिन्हा ने अनुराग ठाकुर का वीडियो ट्वीट किया.

प्रॉपगेंडा वेबसाइट पोस्टकार्ड न्यूज़ के फाउंडर महेश विक्रम हेगड़े ने अनुराग ठाकुर का वीडियो ट्वीट कर विपक्षी दल के नेता पर तंज कसते हुए लिखा कि अब मुझे जवाब मिल गया कि राहुल गांधी वक़्फ़ की चर्चा के दौरान लोकसभा में क्यों नहीं थे.

इसी प्रकार संजय दीक्षित द्वारा संचालित, अक्सर सांप्रदायिक गलत जानकारी फैलाने वाले अकाउंट जयपुर डायलॉग्स ने अनुराग ठाकुर का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “बेट द्वारका पर वक़्फ़ बोर्ड अपना दावा ठोक रहा है, भगवान कृष्ण से पहले इस्लाम आ गया था क्या?”

अनुराग ठाकुर ने जो दावा संसद में अभी किया है वो दावा कम से कम 2021 से सोशल मीडिया पर वायरल है. कई यूज़र्स, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक परिमल नथवानी भी शामिल हैं, ने भी उस समय यही पोस्ट किया था.

फ़ैक्ट-चेक

हमने गूगल पर इस माम्ले से जुड़ा की-वर्ड्स सर्च किया. हमें गुजरात स्थित मीडिया संगठन, वाइब्स ऑफ इंडिया का 2021 का एक आर्टिकल मिला. रिपोर्ट में गुजरात वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सज्जाद हीरा का एक बयान मौजूद है. इसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा, “वक़्फ़ बोर्ड ने बेट द्वारका में किसी भी भूमि के लिए अदालत में कोई आवेदन नहीं किया है. एक याचिका अमरेली ज़िले के शियाल बेट के बारे में थी, जो कि वक़्फ़ बोर्ड द्वारा नहीं, बल्कि एक निजी सुन्नी ट्रस्ट द्वारा दायर की गई थी और नियमानुसार हम केवल उपस्थित थे.”

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि उच्च न्यायालय में “कृष्णनगरी” के कथित उपयोग से यह भ्रम पैदा हुआ था. भाजपा सांसद पूनम मदाम ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि पिछले दो दिनों से उन्हें विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिली है कि वक़्फ़ बोर्ड ने बेट द्वारका में दो द्वीपों पर दावा कर इसके लिए गुजरात हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. उन्होंने वीडियो में कहा कि जज ने कोर्ट में पूछा कि बोर्ड “कृष्णनगरी” में ज़मीन का दावा कैसे कर सकता है.

पूनम मदाम ने इस मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, “मैंने कानून मंत्री और कलेक्टर से बात की और मुझे जानकारी मिली कि अमरेली ज़िले के जाफ़राबाद में शियाल बेट नामक दो द्वीप हैं, जिन्हें जज ने वेकेशन बेंच को रेफर किया था. मुझे लगता है कि ‘बेट’ शब्द की वजह से यह भ्रम पैदा हुआ.

2021 में ही GSTV न्यूज़ से लाइव बात करते हुए भाजपा सांसद ने वायरल दावे का खंडन करते हुए कहा था कि वक़्फ़ बोर्ड ने ऐसा कोई दावा नहीं किया था.

किस वजह से ये भ्रम की स्थिति पैदा हुई?

जैसा कि पूनम मदाम ने कहा था ‘बेट’ शब्द की वजह से ऐसा हुआ होगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की 20 मार्च 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, सवाई पीर और इतर पीर दरगाह मस्जिद ट्रस्ट द्वारा गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर किया गया था जिसमें कहा गया था कि अधिकारियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए श्रद्धालुओं को शियाल बेट के पास एक द्वीप सवाई बेट में जाने से रोक दिया है. इसके साथ ही ट्रस्ट ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों ने दरगाह की ज़मीन पर मंदिर के निर्माण की अनुमति देकर वक़्फ़ की ज़मीन हड़प ली है. सवाई पीर और इतर पीर दरगाह मस्जिद ट्रस्ट ने वक़्फ़ बोर्ड से भी मदद मांगा था.

इस केस से जुड़े डीटेल्स गुजरात हाई कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद है. इसमें गुजरात स्टेट वक़्फ़ बोर्ड का नाम याचिककर्ता में नहीं बल्कि रिस्पॉनडेंट में है. साथ ही शियालबेट अमरेली ज़िले के अंतर्गत आता है और बेट द्वारका, देवभूमि द्वारका ज़िले के अंतर्गत आता है.

कुल मिलाकर, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर लोकसभा में बहस के दौरान गुजरात वक़्फ़ बोर्ड द्वारा बेट द्वारका के दो द्वीपों पर दावा करने का झूठ फैलाया. विडंबना देखिये कि इस दावे को एक बीजेपी नेता ने ही पहले खारिज किया था.

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