10 सितंबर, 2025 को बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पेश किए गए ‘वोट चोरी’ के PDF को विदेशी बताया. उन्होंने एक पोस्ट में इसे ‘राहुल गांधी का इंटरनेशनल वोट थेफ्ट टूलकिट बस्टेड’ कहा.
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Rahul Gandhi’s International ‘Vote Theft’ Toolkit Busted :
Who was the "foreign BOSS" driving Rahul Gandhi's remote control
On 7th Aug 2025, Rahul Gandhi held a press conference shouting about “vote theft” and uploaded PDFs on https://t.co/EnGLqe6bF7 in English, Hindi &… pic.twitter.com/UVsxEjst1z
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)🇮🇳 (@pradip103) September 10, 2025
प्रदीप भंडारी के इस पोस्ट को न्यूज़ 18 ने खबर के रूप में प्रसारित कर दावा किया, “राहुल का वोट चोरी वाला PDF म्यामांर में तैयार हुआ!”
दरअसल, ये दावा खुरपेंच नाम के एक X हैंडल के पोस्ट के बाद किया गया है. इस हैन्डल ने राहुल गांधी की वेबसाइट पर मौजूद पीडीएफ़ के बारे में पोस्ट करते हुए लिखा कि उसमें म्यांमार के ट्रेस मिले हैं.
खुरपेंच हैंडल ने एक थ्रेड में लिखा कि ‘वोट चोरी’ के मुद्दे से जुड़े पीडीएफ़ के मेटाडाटा में Create Date में +6:30 दिखा रहा है, चूंकि ये समय फॉर्मेट म्यांमार का है, इसलिए दावा किया जा रहा है कि ये फ़ाइल म्यांमार में बनाया गया है. इसके बाद से बीजेपी नेता राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले मुद्दे में कथित विदेशी हस्तक्षेप की आशंका जता रहे हैं.
खुरपेंच टीम ने pdf का metadata निकाला,
जिसमे यह पाया यह तीनों भाषाओं की PDF में Create Date में “Myanmar” का timezone +6:30 पाया गया।
जो कि English pdf : 29 सेकेंड
Hindi pdf : 31 सेकेंड
Kannada pdf : 37 सेकेंड के अंतराल पे की गईं। pic.twitter.com/5Niv4HmmXW— खुरपेंच (@khurpenchh) September 10, 2025
शिवम त्यागी, अजीत भारती सहित अन्य लोगों ने भी खुरपेंच के दावे को दोहराया.
बता दें कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मतदाता सूची में गड़बड़ियों को दर्शाया था जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ सांठगांठ और वोट चोरी जैसे गंभीर आरोप लगाए. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने मीडिया के सामने एक प्रेजेंटेशन दिखाया था, जिसका हिन्दी, इंग्लिश और कन्नड संस्करण राहुल गांधी ने अपनी वेबसाइट पर पीडीएफ़ फॉर्मेट में अपलोड किया था.
फ़ैक्ट-चेक
सबसे पहले खुरपेंच नाम के हैंडल ने जो स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है उसे गौर से देखने पर मालूम पड़ता है कि फ़ाइल के मेटाडाटा में तीन तारीख और समय का उल्लेख किया गया है. ये हैं – मेटाडाटा डेट, मोडीफ़ाई डेट और क्रीऐट डेट. तीनों जगह तारीख और समय में बिल्कुल समानता है, लेकिन मेटाडाटा डेट, मोडीफ़ाई डेट के साथ +5:30 यानी भारत का समय लिखा है, वहीं क्रीऐट डेट के साथ +6:30 लिखा हुआ है. यही एक वजह है कि इस फ़ाइल को म्यांमार में बनाए जाने का दावा किया जा रहा है.
इससे पहले कि हम टेक्निकल विश्लेषण पर जाएं, हमें सामान्य बुद्धि का इस्तेमाल कर ये सोचना चाहिए कि क्या ये संभव है कि एक ही फ़ाइल, बिल्कुल सटीक समय (सेकेंड सहित) पर म्यांमार के टाइमज़ोन में बनाया जाए, और उसी क्षण उसका मेटाडाटा डेट और मोडीफ़ाई डेट भारत के टाइमज़ोन में कैप्चर हो?
टेक्निकल विश्लेषण
हमने देखा कि खुरपेंच नाम के हैंडल द्वारा शेयर किये गए स्क्रीनशॉट में क्रीऐटर टूल का नाम Adobe Illustrator और मेटाडेटा टूल का नाम exiftool लिखा हुआ है. हमने सोशल मीडिया पर चल रहे दावे को वेरीफाई करने के लिए अपने विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम वाले कंप्यूटर में इंस्टॉल्ड Adobe Illustrator पर एक डमी पीडीएफ़ फ़ाइल बनाया और उसे मेटाडाटा व्यूअर exiftool की मदद से चेक किया.
हमें इस डमी फ़ाइल के मेटाडेटा में भी ठीक वैसा ही रिजल्ट मिला, जैसा राहुल गांधी द्वारा अपलोड किये गए फ़ाइल के मेटाडेटामें मौजूद है. हमारे डमी फ़ाइल के मेटाडाटा में भी मेटाडाटा डेट, मोडीफ़ाई डेट और क्रीऐट डेट तीनों जगह तारीख और समय में बिल्कुल समानता है, लेकिन मेटाडेटा डेट, मोडीफ़ाई डेट के साथ +5:30 यानी भारत का समय लिखा है. वहीं क्रीऐट डेट के साथ +6:30 लिखा हुआ है. यानी, राहुल गांधी के फ़ाइल में म्यांमार के ट्रेस का दावा भ्रामक है. ये Adobe Illustrator के ऐप्लिकेशन में एक त्रुटि कि वजह से हुआ है.
हमने इस पूरे प्रोसेस को स्क्रीन रिकार्ड किया है, जिसे नीचे देखा जा सकता है जिसमें हमने ऑफलाइन मेटाडाटा व्यूअर टूल exiftool और ऑनलाइन मेटाडाटा व्यूअर टूल metadata2go का इस्तेमाल किया है. पारदर्शिता कारणों से हम उस डमी फ़ाइल को यहाँ अपलोड कर रहे हैं, जिसे डाउनलोड कर exiftool या metadata2go के माध्यम से उसका मेटाडाटा चेक किया जा सकता है. इस वीडियो में एक गौर करने वाली बात ये भी है कि कंप्यूटर में दिख रहे टाइम और मेटाडेटा में दिख रहा टाइम बिल्कुल समान है, यानी GMT+5:30. ये एप्लीकेशन जिस कंप्यूटर में इंस्टॉल रहता है, उसका रियल-टाइम डेट और टाइम मेटाडेटा में कैप्चर करता है.
ऐसा GMT+6:30 के साथ संभव ही नहीं है. अगर म्यांमार का टाइमज़ोन GMT+6:30 अप्लाई होता तो वह भारत के समय से एक घंटे आगे चल रहा होता, जबकि मेटाडेटा में ऐसा नहीं है, जो साबित करता है कि यह सिर्फ ऐप्लिकेशन की एक त्रुटि है.
हमने एक और कम्प्यूटर से मेटाडेटा चेक किया. एक डिजाइनर ने अपने कम्प्यूटर में Adobe Illustrator का इस्तेमाल कर एक डमी फाइल बनाया. उन्हें भी ऑफलाइन मेटाडेटाव्यूअर टूल exiftool और ऑनलाइन मेटाडाटा व्यूअर टूल metadata2go में फ़ाइल का मेटाडाटा में ऐसा ही देखने को मिला. उनके कम्प्यूटर में भी मेटाडाटा डेट, मोडीफ़ाई डेट के साथ +5:30 लिखा हुआ दिखता है, वहीं क्रीऐट डेट के साथ +6:30 लिखा हुआ आता है. ये एक बार फिर से पुष्टि करता है कि ये Adobe Illustrator के ऐप्लिकेशन में एक त्रुटि है. इसका म्यांमार से कोई संबंध नहीं है.
कुल मिलाकर, राहुल गांधी की वेबसाइट पर मौजूद पीडीएफ़ फ़ाइल के मेटाडेटा से ये साबित नहीं होता कि इसमें म्यांमार का कोई ट्रेस है. ऑल्ट न्यूज़ ने Adobe Illustrator का इस्तेमाल कर वेरीफ़ाई किया कि यह ऐप्लिकेशन की एक त्रुटि है.
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