सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें साधु के हाथ में रस्सी बंधी है और दो पुलिसकर्मी उसे दोनों तरफ से पकड़े हुए हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि अयूब खान नामक आतंकी साधु का वेश धारण करके महाकुंभ मेले में साधुओं की भीड़ में घुस गया था जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि ये तस्वीर आतंकी अयूब खान की है जो साधू बनकर महाकुंभ मेले में आया था और बड़ा अपराध करने की साजिश रची थी. (आर्काइव लिंक)
ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर भी इस तस्वीर से जुड़ी रीक्वेस्ट प्राप्त हुई.
ये तस्वीर इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
हमने अयूब खान से जुड़े की-वर्ड्स सर्च किये तो हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली. इसमें बताया गया है कि 14 जनवरी को पुलिस ने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद गिरी के महाकुंभ में कैंप के बाहर से एटा के अलीगंज के रहने वाले अयूब अली नाम के युवक को पकड़ा. रिपोर्ट के मुताबिक, उसने अपना नाम आयुष बताया था, जब पुलिस ने पूछताछ की तो उसने अपना नाम अयूब अली और पिता का नाम शाकिर अली बताया. युवक ने कहा कि वो यहां घूमने आया था. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में पकड़े गए युवक की तस्वीर है जो वायरल तस्वीर से बिल्कुल मेल नहीं खाती.
एटा के एसपी ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि सूचना मिलने के बाद अलीगंज पुलिस अयूब के घर पर पूछताछ के लिए पहुंची. लोगों ने बताया कि वह मंदबुद्धि और नशेड़ी है. कभी-कभार बैंड-बाजे में काम कर लेता था और घर-घर जाकर लोगों से खाना मांगकर खाता है. एसपी राजकुमार सिंह ने बताया कि अयूब अली का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है. उसके घरवाले जयपुर में रहते हैं और वह इधर-उधर घूमता रहता है. इस मामले में कहीं भी उस युवक के आतंकी होने की बात नहीं बताई गई है.
कुम्भ मेला क्षेत्र के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बूमलाइव को बताया कि कुंभ में साधु के वेश में अयूब नाम का कोई आतंकवादी नहीं पकड़ा गया है. साथ ही जिस अयूब अली को हिरासत में लिया गया था उससे पूछताछ करने के बाद कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला और उसे छोड़ दिया गया.
वायरल तस्वीर AI जेनरेटेड
हमने वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें कई यूज़र्स द्वारा सोशल मीडिया पर अपलोड किया वीडियो मिला जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. इस वीडियो को देखकर साफ मालूम पड़ता है कि वायरल तस्वीर आर्टफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है. इसमें ऐसी ही कई तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है जो आर्टिफिसियल् इंटेलिजेंट की मदद से बनाई गई हैं.
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इसके अलावा वायरल तस्वीर में बहुत कुछ ऐसा है जो इसके वास्तविक होने पर सवालिया निशान लगाता है. पुलिस ने जिस प्रकार से इस व्यक्ति को पकड़ रखा है यह पुलिस की सामान्य पोजीशन नहीं है. उदाहरण के लिए, पुलिस ने अपने हथियार को उस इंसान कि तरफ कर रखा है जो बेसिक फायरआर्म सुरक्षा मानकों के खिलाफ है. इसके अलावा पुलिसकर्मी की उंगली ट्रिगर पर है, जो इन परिस्थितियों से मेल नहीं खाती. सामान्य तौर पर भी पुलिस को तबतक ट्रिगर पर उंगली रखने से मना किया जाता है जबतक वो फायर करने का पूरा मन ना बना चुके हों. और ऐसे धार्मिक आयोजन और भीड़भाड़ वाली जगह पर इस प्रकार की प्रैक्टिस सामान्य प्रतीत नहीं होती है.
हमने तस्वीर को AI डिटेक्शन टूल Hivemoderation पर भी चेक किया. यहां इसके AI जेनरेटेड होने की संभावना 97.3 प्रतिशत दिखाती है.
कुल मिलाकर कई लोगों ने मानसिक रूप से विक्षिप्त युवक अयूब अली की गिरफ्तारी की खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हुए उसे आतंकवादी बताया. और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया कि आतंकवादी अयूब खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जो साधु का वेश धारण कर महाकुंभ मेले में किसी साजिश की योजना बना रहा था.
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