बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बताकर 1 मिनट 31 सेकंड का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में 2 लोगों को उल्टा लटकाकर पीटा जा रहा है. दावा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को कपड़े निकालकर पीटा गया. X यूज़र दीपक शर्मा ने ये वीडियो ऐसे ही क्लैम के साथ पोस्ट किया. ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस वीडियो को 44 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. वीडियो की संवेदनशीलता को देखते हुए हम इसे आर्टिकल में एम्बेड नहीं कर रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
X यूज़र अतुल कुशवाहा ने भी ये वीडियो इसी दावे के साथ पोस्ट किया.
X पर और भी कई यूज़र्स ने ये वीडियो ऐसे ही क्लैम के साथ पोस्ट किया है.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो में दिख रही घटना के बारे में जानने के लिए की-वर्ड्स सर्च किया. हमें बांग्लादेश की कई न्यूज़ वेबसाइट्स मिलीं. 25 फ़रवरी 2025 के द बिज़नस स्टैन्डर्ड के एक आर्टिकल में बताया गया है कि ढाका में 25 फ़रवरी की रात में भीड़ ने लुटेरा समझ के 2 लोगों को पीटा था. लोगों ने उन्हें फुट ओवरब्रिज पर उल्टा लटकाया और उनकी पिटाई की थी.
उत्तर पूर्व पुलिस स्टेशन प्रभारी शमीम अहमद ने मीडिया को बताया कि कुछ लोगों ने इन दोनों को कथित रूप से रंगे हाथों पकड़ा था. पुलिस ने इन दोनों की पहचान बकुल और नाज़िम के रूप में की. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी और इन दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया था.
एक और आर्टिकल में घटना के बारे में यही जानकारी दी गई है. और जिन्हें पीटा जा रहा है उन दोनों की पहचान मोहम्मद नाज़िम और मोहम्मद बकुल के रूप में की गई है.
यानी, बांग्लादेश में लूट के आरोप में 2 लोगों की बर्बरता से पिटाई की गई और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया. लेकिन भारतीय सोशल मीडिया पर इस घटना को ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार की घटना’ बताकर गलत कम्यूनल ऐंगल दिया जाने लगा.
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