नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी BVR सुब्रमण्यम ने 24 मई, 2025 को एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा, “जैसा कि मैं बोल रहा हूं, हम चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं. हम 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हैं, और ये मेरा डेटा नहीं है – ये IMF डेटा है.”
BVR सुब्रमण्यम सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे. सुब्रमण्यम ने कहा, इस बैठक का विषय ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ था, जिसका मतलब था कि भारत को एक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए राज्यों को अपने स्वयं के विकास दृष्टिकोण पेश करने होंगे.
उन्होंने कहा, “केवल अमेरिका, चीन, जर्मनी ही हैं, जो भारत से बड़े हैं और अगर हम जो योजना बनाई गई है और जो सोचा जा रहा है, उस पर कायम रहें, तो 2.5-3 सालों में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे.”
सुब्रमण्यम के बयानों से उत्साह की लहर दौड़ गई. 27 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस उपलब्धि की सराहना की, इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत उनके कार्यकाल के दौरान 11वें स्थान की अर्थव्यवस्था से चौथे स्थान की अर्थव्यवस्था बन गया.
#WATCH | Gandhinagar: Prime Minister Narendra Modi says “On 26th May 2014, I took the oath as the Prime Minister for the first time. At that time, India’s economy was at the 11th position…Today, India has become the world’s fourth-largest economy. It is a matter of pride for… pic.twitter.com/OFNMPEKXvq
— ANI (@ANI) May 27, 2025
सोशल मीडिया पर सुब्रमण्यम के दावों को दोहराने वाली कुछ प्रमुख हस्तियों में बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन, महिंद्रा ग्रुप के चेयरपर्सन आनंद महिंद्रा, RPG ग्रुप के चेयरपर्सन हर्ष गोयनका, टेक उद्यमी कुणाल बहल, जो पहले शार्क टैंक इंडिया पर दिखाई दिए हैं और मामाअर्थ के CEO ग़ज़ल अलघ शामिल हैं. कई भाजपा नेताओं, या भाजपा सहयोगियों से जुड़े राजनेताओं और कुछ पत्रकारों ने भी भारत के विकास पथ का जश्न मनाते हुए, तोते की तरह बयान दिए. ध्यान दें कि इस पर ज़्यादातर सोशल मीडिया पोस्ट में एक ग्राफ़िक भी शेयर किया गया था जहां सोर्स IMF की विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट, अप्रैल 2025 थी.
DD न्यूज़ ने एक आर्टिकल में ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के नवीनतम प्रकाशन, वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट की गहराई से जांच की, जो 22 अप्रैल, 2025 को जारी किया गया था. उस रिपोर्ट में कहीं भी ये नहीं कहा गया है कि भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है या इसने जापान को पीछे छोड़ दिया है.
हमें 190 पन्नों की रिपोर्ट में कोई सांख्यिकीय चार्ट भी नहीं मिला जो देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को रैंक करता हो जैसा कि सोशल मीडिया पोस्ट में दिखाया गया है. ध्यान दें कि GDP किसी देश द्वारा सालाना उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य का कुल योग है और इसका इस्तेमाल अक्सर अर्थव्यवस्था के आकार को संदर्भित करने के लिए किया जाता है.
हालांकि, वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) सेक्शन देश के आर्थिक डेटाबेस डाउनलोड करने की अनुमति देता है. ऑल्ट न्यूज़ ने सभी देशों के सकल घरेलू उत्पाद (अमेरिकी डॉलर में व्यक्त मौजूदा कीमतों पर) का डेटाबेस डाउनलोड किया. एक्सेल शीट में देशों का वर्णानुक्रम में ज़िक्र किया गया है और हमें 2022 और 2029 के बीच सभी देशों के लिए GDP (अमेरिकी डॉलर में) दिया गया है. भारत के लिए, 2024 के बाद के GDP आंकड़े अनुमानित थे.
ये भी ध्यान दें कि भारत के लिए, साल 2025 फ़ाइनेंसियल इयर 2025-26 या फ़ाइनेंसियल इयर 26 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) को संदर्भित करता है, जिसके लिए GDP संख्या अनुमान है क्योंकि इस फ़ाइनेंसियल इयर में मुश्किल से दो महीने रह गए हैं. ये कैलेंडर साल 2025 (जनवरी से दिसंबर) का ज़िक्र नहीं करता है. रिपोर्ट और स्टैटिस्टिकल इंडेक्स में ये साफ किया गया है.
यानी IMF के विश्व आर्थिक आउटलुक डेटा के मुताबिक़, 2024 या फ़ाइनेंसियल इयर 2024-25 (FY25) में भारत की GDP 3.91 ट्रिलियन डॉलर थी. IMF के उसी डेटा के मुताबिक, फ़ाइनेंसियल इयर 2026 के अंत तक भारत की आय 4.187 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
हमने डेटा की तुलना जापान से की. जापान के लिए भी 2024 के बाद के आंकड़े सभी अनुमानित हैं. कैलेंडर इयर 2024 में जापान की GDP 4.03 ट्रिलियन डॉलर थी. 2025 के अंत में जापान की GDP 4.186 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के आंकड़ों को ध्यान से पढ़ने पर साफ पता चलता है कि सकल घरेलू उत्पाद के मामले में भारत अभी भी जापान से आगे नहीं निकल पाया है. अनुमान के मुताबिक, फ़ाइनेंसियल इयर 2025-26 या फ़ाइनेंसियल इयर 26 के अंत में ये जापान से आगे निकल सकता है. फिर भी, ये अनुमान है कि दोनों की GDP में अंतर काफी कम है. फिलहाल भारत पांचवें स्थान पर बना हुआ है.
IMF के WEO डेटा के मुताबिक, 2024 के लिए आधिकारिक GDP आंकड़ों पर आधारित (जिसे हमने डीसेंडिंग ऑर्डर में क्रमबद्ध किया; IMF डेटा अल्फ़ाबेटीकली में देता है), हाईएस्ट GDP वाले देश हैं (1) संयुक्त राज्य अमेरिका, (2) चीन, (3) जर्मनी, (4) जापान, (5) भारत और (6) यूनाइटेड किंगडम (उसी क्रम में). नीचे दिए गए स्क्रीनशॉट में 1-5 रैंकिंग नहीं हैं, लेकिन डेटा की कमी के कारण टॉप पर दिखाई देती हैं. (n/a द्वारा डीनोटेड).
ये काफी अजीब है कि नीति आयोग के CEO सुब्रमण्यम, (जो 1987 से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं) जिन्होंने PMO सहित कई सरकारी पदों पर काम किया है और विश्व बैंक में भी काम किया है, ने वर्तमान रैंकिंग को संदर्भित करने के लिए अनुमानों का इस्तेमाल किया. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नीति थिंक टैंक के अन्य सदस्य, जैसे कि अरविंद विरमानी, ये कहने में सावधानी बरत रहे थे कि भारत 2025 के अंत तक ही चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
विरमानी ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया, “भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की प्रक्रिया में है, और मुझे व्यक्तिगत रूप से विश्वास है कि ये 2025 के अंत तक हो जाएगा क्योंकि हमें ये कहने के लिए सभी 12 महीनों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के (डेटा) की ज़रूरत है, जैसा कि आप जानते हैं. तब तक ये एक पूर्वानुमान है.” नीति के CEO बीवीआर सुब्रमण्यम की इस टिप्पणी पर कि भारत पहले से ही वहां मौजूद है, उन्होंने कहा: “…मैं असल में नहीं जानता कि किसी ने क्या शब्द इस्तेमाल किए हैं. शायद कोई शब्द था जो छूट गया या कुछ और.”
ध्यान दें कि IMF सरकारी आंकड़ों और अनुमानों से डेटा पेश करता है और इनके आधार पर अनुमान लगाता है. ये स्वयं डेटा जमा या इकट्ठा नहीं करता है.
इसके अलावा, भले ही हम सकल घरेलू उत्पाद के मामले में जापान से आगे निकल जाएं, विशेषज्ञों ने इसमें बहुत ज़्यादा पढ़ने या उस डेटा को देश की प्रगति के मार्कर के रूप में इस्तेमाल करने के खिलाफ चेतावनी दी है. ऐसा इसलिए है क्योंकि बढ़ती GDP समग्र रूप से हाई पर कैपिटा इनकम की गारंटी नहीं देती है, न ही ये आय असमानताओं और बेरोजगारी का होलिस्टिक व्यू लेती है. हालांकि, ये बहुत लंबी चर्चा है.
कुल मिलाकर, IMF डेटा का हवाला देते हुए नीति आयोग के CEO बीवीआर सुब्रमण्यम का दावा भ्रामक है कि भारत वर्तमान में चौथी सबसे बड़ी और 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था है. भारत वर्तमान में सकल घरेलू उत्पाद के मामले में पांचवां सबसे बड़ा देश है. अनुमानित अनुमान बताते हैं कि ये 2025-26 फ़ाईनेनसियल के अंत तक जापान से आगे निकल सकता है.
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