कश्मीर की सुरम्य बैसारन घाटी में हाल ही में हुए एक आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. इसके कुछ घंटों बाद, एक धुंधली तस्वीर वायरल हुई जिसमें हाथों में बंदूक लिए बैंगनी कुर्ता पहने एक व्यक्ति की पीठ दिख रही थी. कई मीडिया आउटलेट्स ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया कि ये “हमलावर की पहली तस्वीर” है.

22 अप्रैल का आतंकवादी हमला, पर्यटकों को निशाना बनाकर की गई सबसे घातक घटना थी. ज़िंदा बचे लोगों के मुताबिक, सेना की वर्दी में तीन से चार लोग दोपहर 2 बजे के आसपास घास के मैदानों के आसपास घने देवदार के जंगलों से उतरे और वहां आनंद ले रहे नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की. कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में पहलगाम के पास बैसरन घाटी के हरे-भरे घास के मैदान देखते ही देखते भयावह हो गए जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के कारण ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के रूप में लोकप्रिय है. ये जगह पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है जो इसका अनुभव करने के लिए पैदल या घोड़े पर वहां आते हैं.

प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LET) के एक शैडो ग्रुप, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने हमले की ज़िम्मेदारी ली है. इसके तुरंत बाद, कुर्ता पहने और बंदूक हाथ में लिए एक व्यक्ति की तस्वीर न्यूज़ आउटलेट्स ने व्यापक रूप से चलाई. और दावा किया कि ये 22 अप्रैल के हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक था, इसके अलावा, ये भी कहा गया कि उसकी पहचान लश्कर कमांडर आदिल गौजरी के रूप में हुई है.

मीडिया आउटलेट टाइम्स नाउ ने इस तस्वीर के साथ एक रिपोर्ट पब्लिश की, इसे हमलावरों में से एक का खुलासा करने वाला पहला विजुअल बताया. कैप्शन में लिखा है, “तस्वीर में आतंकवादी को हाथ में AK-47 लेकर बैसरन घाटी से भागते हुए दिखाया गया है.” टाइम्स नाउ ने अपने चैनल पर “कैमरा पर: आतंकवादी जिसने टूरिस्ट्स पट हमला किया” टिकर के साथ स्क्रीनग्रैब प्रसारित किया.

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X पर, न्यूज़ चैनल NDTV इंडिया ने भी ये तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की कि आतंकवादियों में से एक की तस्वीर सामने आई है. X पोस्ट को बाद में हटा दिया गया. (आर्काइव)

बाकी न्यूज़ आउटलेट्स, जैसे द इकोनॉमिक टाइम्स, CNBC TV18, मिंट, मनीकंट्रोल, ट्रिब्यून, फ़र्स्टपोस्ट और न्यूज़ 24 ने इसी तरह की रिपोर्ट पब्लिश की और दावा किया गया कि कथित तस्वीर आतंकवादियों में से एक का ‘पहला’ विजुअल था. इसे कथित तौर पर हमले वाली जगह पर लिया गया था. आगे, इन आर्टिकल्स के स्क्रीनशॉट्स एड किये गए हैं:

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हालांकि, द इकोनॉमिक टाइम्स और मिंट ने ज़िक्र किया कि “तस्वीर अभी तक वेरिफ़ाईड नहीं हुई है.”

रिपब्लिक वर्ल्ड ने कथित तस्वीर का इस्तेमाल एक रिपोर्ट में भी किया जिसका टाइटल था, “पहलगाम में सेना की वर्दी में पाक आतंकवादियों ने US-निर्मित M 4 और AK 47/56 राइफ़लों के साथ घातक हमला किया, स्थानीय ऑपरेटरों से मदद मिली.” इस बीच, ABP न्यूज़ हिंदी की एक रिपोर्ट बीजेपी सांसद कंगना रनौत की इंस्टाग्राम स्टोरी पर केंद्रित है जिसमें उन्होंने तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, “आतंकवाद का एक धर्म होता है और पीड़ितों का भी.”

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दूसरे हिंदी न्यूज़ आउटलेट्स, जैसे फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी, लेटस्ली, न्यूज़ 24, लोकमत न्यूज़ और पंजाब केसरी ने भी इसी तरह की रिपोर्ट पब्लिश कीं. नवभारत टाइम्स ने रिपोर्ट में घटनास्थल पर मौजूद एक व्यक्ति के एकाउंट्स से ली गई तस्वीर का इस्तेमाल किया. FE हिंदी की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सुरक्षा बलों का मानना ​​है कि तस्वीर पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों में से एक की है.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि ये तस्वीर खुद ही उस बात का खंडन करती है जो घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने कहा था. वहां मौजूद लोगों ने पुलिस को बताया था कि AK-सीरीज़ राइफ़लों से लैस कुछ हमलावर सेना की वर्दी पहने हुए थे. जबकि अन्य ने काली पोशाक पहनी थी. ये उस तथाकथित “आतंकवादी” की तस्वीर से मेल नहीं खाता है जो बैंगनी रंग के पठानी सूट में दिख रहा है.

आगे, जांच करते हुए ऑल्ट न्यूज़ को 26 अक्टूबर, 2021 का एक फ़ेसबुक वीडियो मिला. इसमें एक व्यक्ति ज़मीन पर कलाबाज़ी करते हुए बंदूक से फ़ायरिंग कर रहा है, ऐसा लग रहा है कि ये एक ट्रेनिंग अभ्यास का हिस्सा है.

फ़ेसबुक वीडियो के ठीक 28 सेकेंड पर, स्क्रीनग्रैब मीडिया आउटलेट्स द्वारा शेयर की जा रही तस्वीर से पूरी तरह मेल खाता है.

ये वीडियो पाकिस्तान के पेशावर स्थित बिलाल खान सफी नामक अकाउंट ने पोस्ट किया था. ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि इस यूज़र ने काफी पाकिस्तानी कंटेंट शेयर किया है. ध्यान दें कि वीडियो शायद 2021 से भी पहले शूट किया हो सकता है और उसे 2021 में अपलोड किया गया हो. ऑल्ट न्यूज़ ये वेरिफ़ाई नहीं कर सका कि वीडियो असल में कब और कहां रिकॉर्ड किया गया है.

लेकिन ये पूरी तरह स्पष्ट है कि कई मीडिया आउटलेट्स ने 2021 के एक वीडियो के पुराने, असंबंधित स्क्रीनग्रैब का इस्तेमाल करके एक संवेदनशील मुद्दे पर गलत रिपोर्टिंग की. और ये गलत दावा भी किया कि इसमें दिख रहा व्यक्ति पहलगाम नरसंहार में शामिल आतंकवादियों में से एक था.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.