ट्रिगर वॉर्निंग: यौन उत्पीड़न का ज़िक्र, पाठक अपने विवेक से इस आर्टिकल को पढ़ने का फैसला लें.
कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा से कथित बलात्कार का मामला सामने आने के बाद सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं ने इस मामले के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा से दूरी बनाने की पूरी कोशिश की. सोशल मीडिया पोस्ट में मोनोजीत मिश्रा के TMC के टॉप नेताओं के साथ संबंधों के संकेत मिलने के बाद पार्टी आलोचनाओं के घेरे में आ गई थी.
25 जून को मोनोजीत मिश्रा (31साल) ने कॉलेज परिसर में सुरक्षा गार्ड के कमरे में दो छात्र, ज़ैब अहमद (19 साल) और प्रमित मुखर्जी (20 साल) की मौजूदगी में 24 साल की छात्रा के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया. ऑल्ट न्यूज़ ने 26 जून को कसबा पुलिस स्टेशन में दर्ज FIR को एक्सेस किया है. तीनों पर कई धाराएं लगे हैं: 127 (2) जो ग़लत तरीके से कैद से संबंधित है; 70(1), सामूहिक बलात्कार; और भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5), संयुक्त आपराधिक दायित्व से संबंधित है.
पुलिस को दिए अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि मुख्य आरोपी एक पूर्व छात्र, एक कॉलेज अधिकारी और “अनौपचारिक रूप से” कॉलेज की TMC-संबद्ध छात्र शाखा-तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (TMCP) का प्रमुख था. उसने कहा कि वो “सभी को TMCP यूनिट के लिए एक पद दे रहा था” और उसे लड़कियों के सचिव का पद दिया गया था और उससे रेप से पहले मोनोजीत मिश्रा ने उससे TMCP यूनिट के प्रति उसकी ‘वफादारी’ के बारे में पूछा गया था. उसने ये भी आरोप लगाया कि मोनोजीत मिश्रा और अन्य लोगों ने घटना के वीडियो रिकॉर्ड किए और ‘सहयोग’ करने से इनकार करने पर उन्हें लीक करने की धमकी दी. उसने लिखा कि जब ये सब चल रहा था तो उसे घबराहट का दौरा पड़ा और उसे इन्हेलर दिया गया, लेकिन उन्होंने उसे जाने नहीं दिया. मोनोजीत मिश्रा ने उसे हॉकी स्टिक से मारने की भी कोशिश की. मामले में आरोपी दो अन्य छात्रों ने मुख्य परिसर के गेट पर ताला लगा दिया था, जबकि गार्ड वहां असहाय खड़ा था.
ऑल्ट न्यूज़ की जांच से पता चला कि मोनोजीत मिश्रा एक हिस्ट्रीशीटर है जिसका हिंसा और उत्पीड़न के परेशान करने वाले रिकॉर्ड के बावजूद, पार्टी की छात्र शाखा (तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद) में एक आधिकारिक पद दिया गया था. यहां तक कि जब वो किसी पद पर नहीं था, तब भी मोनोजीत मिश्रा ने कथित तौर पर बार-बार बर्बरता और उत्पीड़न के साथ परिसर में अपनी शक्ति का इस्तेमाल किया.
‘2019 में भविष्यवाणी नहीं हुई थी कि मोनोजीत मिश्रा ऐसा अपराध करेगा’
आरोपी का TMC के साथ संबंध को पूरी तरह से खारिज करने से लेकर दावा करने तक कि जो कुछ हुआ, उसकी भविष्यवाणी नहीं हुई होगी, TMCP नेताओं ने सार्वजनिक बयान दिए हैं और मुख्य आरोपी को खुद से दूर रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की हैं. हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि नए मामले से पहले आरोपी के नाम पर एक महिला से कथित तौर पर छेड़छाड़ सहित कई पुलिस शिकायतों के बावजूद मोनोजीत मिश्रा को पार्टी की छात्र शाखा में नेतृत्व पद सौंपा गया था.
27 जून को मामले में FIR दर्ज़ होने के बाद, TMC के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष और शशि पांजा ने TMCP के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनानकुर भट्टाचार्य के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जहां उन्होंने बार-बार ये कहा कि TMC और उसकी छात्र शाखा, TMCP को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, “अलग-अलग वर्ग धीरे-धीरे तृणमूल छात्र परिषद को निशाना बना रहे हैं. क्यों?…मैंने कभी ये दावा नहीं किया कि आरोपी TMCP का हिस्सा नहीं था… चाहे वो तृणमूल या उसकी छात्र शाखा से जुड़ा हो या नहीं, ये निर्णय का आधार कभी नहीं होना चाहिए.” 6 साल तक TMCP के अध्यक्ष रहे त्रिनानकुर भट्टाचार्य ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि पार्टी के सदस्य ज्योतिष में विशेषज्ञ नहीं थे और इस प्रकार 6 साल बाद क्या होने वाला है इसकी भविष्यवाणी 2019 में नहीं कर पाए कि मोनोजीत मिश्रा ऐसा काम करेंगे. त्रिनानकुर भट्टाचार्य ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2022 के बाद से मोनोजीत मिश्रा के पास कोई आधिकारिक TMCP पद नहीं है.
लेकिन कोई पद न होने के बावजूद, ऐसा लगता है कि मोनोजीत मिश्रा ने पार्टी नेताओं की तुलना में कैंपस में ज़्यादा शक्ति का इस्तेमाल किया है. पीड़िता के बयान के मुताबिक़, वो कॉलेज स्तर पर TMCP पदों पर लोगों की नियुक्ति कर रहा था. उनके बयान में कहा गया है, “अनौपचारिक रूप से, वो कॉलेज का TMCP प्रमुख है और कॉलेज में बहुत ज़्यादा पॉवर रखता है. हर कोई उनकी बात सुनता है. वो सभी को TMCP इकाई के लिए एक पद दे रहा था.”
इस बीच, द हिंदू ने कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के हवाले से कहा कि मोनोजीत मिश्रा किसी भी तरह से TMC से नहीं जुड़ा था. “वो समर्थक हो सकता है, लेकिन उसका TMC से कोई संबंध नहीं है. जो कोई आदर्शों के आधार पर TMC का समर्थन करता है वो कभी भी ऐसे अपराध नहीं कर सकता है.”
हालांकि, मोनोजीत मिश्रा सिर्फ समर्थक नहीं था. दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज में अभिषेक बनर्जी के पोस्टरों के साथ TMCP के नारों के साथ उसके नाम और शुरुआती अक्षरों वाले भित्तिचित्र प्रमुखता से प्रदर्शित किए गए थे जिन्हें बाद में हटा दिया गया था.
मोनोजीत मिश्रा को 2021 में TMCP की दक्षिण कोलकाता ज़िला समिति का ‘संगठन सचिव’ भी नामित किया गया था. TMCP के राज्य अध्यक्ष त्रिनानकुर भट्टाचार्य के मुताबिक़, पश्चिम बंगाल के कई ज़िलों में सक्रिय TMCP की लगभग 100 ज़िला समितियां हैं. मोनोजीत मिश्रा ऐसी ही एक ज़िला समिति का हिस्सा था, लेकिन 2022 के बाद से नहीं है.
यानी, ये साफ नहीं है कि क्या कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ये सुझाव दे रहे थे कि TMC और उसकी छात्र शाखा (TMCP) का एक-दूसरे के साथ कोई संबंध नहीं है.
TMCP के दो वरिष्ठ नेताओं ने ऑल्ट न्यूज़ से कंफ़र्म किया कि 2021 में ज़िला समिति की सूची में मोनोजीत मिश्रा का नाम शामिल था, लेकिन 2022 में इसका पुनर्गठन किया गया और मोनोजीत मिश्रा का नाम हटा दिया गया. ऑल्ट न्यूज़ को दक्षिण कोलकाता ज़िला TMCP समिति के सदस्यों के नाम वाला 2022 का डॉक्यूमेंट भी मिला जिसमें अब मोनोजीत मिश्रा का नाम नहीं है. जब उनसे उसे निकालने का कारण पूछा गया तो इनमें से एक नेता ने कहा कि उस वक्त उसके खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के ऐसे ही आरोप सामने आए थे. इस सवाल के जवाब में कि ज़िला समितियों में कितनी बार फेरबदल किया जाता है, हमें बताया गया कि बदलाव “पार्टी की ज़रूरतों” के मुताबिक किए जाते हैं.
TMC नेताओं के दावे भ्रामक क्यों हैं?
अपनी जांच के दौरान, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि 2021 में TMCP ज़िला समिति के आयोजन सचिव के रूप में नामित होने से पहले भी, मोनोजीत मिश्रा के खिलाफ कदाचार के कई आरोप लगाए गए थे और उसका नाम FIR और पुलिस आरोपपत्र में रखा गया था. जैसा कि नीचे दी गई टाइमलाइन से पता चलेगा, 2021 में TMCP में पद दिए जाने से पहले भी उसका हिंसा और हमले का परेशान करने वाला इतिहास था और बाद में 2024 में, संस्थान के शासी निकाय द्वारा कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था जिसका नेतृत्व एक TMC नेता कर रहे थे.
2012-2025
- 2012: मोनोजीत मिश्रा एक छात्र के रूप में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में शामिल हुआ.
- 2013: कथित तौर पर एक युवक को चाकू मारने के आरोप में उसे निष्कासित कर दिया गया. कालीघाट थाने में इसका मामला दर्ज है. SCLC के पूर्व छात्र टिटास मन्ना ने इंडिया टुडे को बताया कि 2013 में “कैटरिंग कर्मचारी को चाकू मारने और उनकी उंगली काटने” के लिए मोनोजीत मिश्रा के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था.
- 2016: मोनोजीत मिश्रा कैंपस लौटा. उसने परिसर में बाहरी लोगों की भीड़ का नेतृत्व किया और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
- 2017: उसे साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में दोबारा दाखिला मिला. उसी साल, नवंबर में उसने कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कथित तौर पर परिसर में तोड़फोड़ की. उस वक्त की ABP आनंद की रिपोर्ट के मुताबिक, मोनोजीत मिश्रा और उसके साथ भीड़ ने कथित तौर पर प्रिंसिपल की नेमप्लेट, खिड़कियां और CCTV कैमरे तोड़ दिए. उस वक्त, मोनोजीत मिश्रा ने प्रेस को बताया था कि प्रदर्शन का कारण SCLC को हाई फ़ीस थी. इस घटना के बाद कथित तौर पर मोनोजीत मिश्रा को कुछ वक्त के लिए परिसर में आने से रोक दिया गया था.
दिसंबर 2017 में मोनोजीत मिश्रा ने 30-40 लड़कों के एक ग्रुप के साथ, महिलाओं सहित कॉलेज के छात्रों की कथित तौर पर पिटाई की. एक पूर्व छात्र टिटास मन्ना ने न्यूज़ आउटलेट एबीपी आनंद और इंडिया टुडे को बताया कि छात्र संघ में शामिल होने से रोके जाने के बाद मोनोजीत मिश्रा ने छात्र संघ के सदस्यों पर हमला किया. द टेलीग्राफ़ की रिपोर्ट में लाल बाज़ार पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए बताया गया है कि मोनोजीत मिश्रा को 2017 में दो बार गिरफ़्तार किया गया था – एक बार अप्रैल में कालीघाट पुलिस द्वारा और फिर अगस्त में. आरोपों में गंभीर चोट पहुंचाना, ग़लत तरीके से कैद करना और बदमाशी शामिल है. ऑल्ट न्यूज़ इन गिरफ़्तारियों पर कोलकाता पुलिस से स्वतंत्र रूप से बयान प्राप्त नहीं कर सका. ज़्यादा डिटेल मिलने पर स्टोरी को अपडेट किया जाएगा.
- 2019: उसी साल जुलाई से एक फ़ेसबुक पोस्ट में TMCP की दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज इकाई ने मोनोजीत मिश्रा से संबंधों की निंदा की. यूनिट ने उसे “असामाजिक” कहते हुए कहा कि उसने छात्रों को “कॉलेज परिसर के अंदर और बाहर उसके असामाजिक कार्यों” का समर्थन करने के लिए उकसाया और धमकाया. पोस्ट में ये भी कहा गया कि उसने TMC नेता अभिषेक बनर्जी के नाम का ग़लत इस्तेमाल करके ऐसा किया.
पोस्ट में लिखा है, “वो यूनिट का सदस्य नहीं था; उसने इस कॉलेज के छात्रों को जो कुछ भी बताया वो अस्पष्ट था और यूनिट के लिए अपमानजनक था. इसलिए छात्रों से अनुरोध है कि मोनोजीत मिश्रा द्वारा ऐसे किसी भी उकसावे या गतिविधियों में शामिल न हों…”
पेज ने जुलाई में गरियाहाट और टॉलीगंज पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ दर्ज़ दो FIR की कॉपीयां भी शेयर कीं.
गरियाहाट पुलिस स्टेशन में दर्ज़ की गई FIR में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) शामिल है. ध्यान दें कि FIR का कंटेंट पढ़ने लायक नहीं है, लेकिन हम “उसकी विनम्रता का अपमान” वाक्यांश का पता लगा सकते हैं. लागू की गई IPC की अन्य धाराओं में 341 (ग़लत तरीके से रोकने के लिए सजा) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाने के लिए सजा) शामिल हैं. टॉलीगंज थाने में दर्ज़ FIR में भी उस पर इन धाराओं के तहत आरोप लगाए गए थे.
इस फ़ेसबुक पेज से हमें 23 जुलाई, 2019 की ABP आनंद रिपोर्ट भी मिली जिसमें SCLC के छात्र कथित तौर पर महिला छात्रों को परेशान करने के लिए मोनोजीत मिश्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. वीडियो में एक प्रदर्शनकारी छात्रकहता है, “मोनोजीत मिश्रा ने 2012 में कॉलेज में प्रवेश लिया था. उस वक्त, उसे परिसर में अश्लील गतिविधियों की वजह से निकाल दिया गया था. 2016 में उसने बाहरी लोगों की मदद से कॉलेज में तोड़फोड़ की. उसके बाद, उसने अवैध रूप से कॉलेज में फिर से प्रवेश किया. वो बार-बार महिला छात्रों को अपनी टीम में रखने के लिए परेशान करता था और उन वीडियो को वायरल कर देता था. अगर कोई लड़की कॉलेज के बाहर दिखती थी, तो वो उसके साथ शारीरिक उत्पीड़न करता था. अगर कोई छात्र बाहर जाता था, जन्मदिन मनाने या किसी पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, वो उन्हें भी परेशान करने की कोशिश करता है. हमारी एक स्पष्ट मांग है- मोनोजीत मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए, अगर वो ऐसा नहीं करते हैं, तो सभी छात्रों को SCLC से दूसरे कॉलेज में ट्रांसफ़र किया जाना चाहिए.
चैनल ने 1 जुलाई, 2025 को इस क्लिप को फिर से प्रसारित किया जिसमें वीडियो में वक्ता की पहचान तत्कालीन TMCP छात्र नेता सुफल कुंडू के रूप में की गई. गौरतलब है कि हालिया घटना में भी पीड़िता ने आरोप लगाया था कि मोनोजीत मिश्रा ने उसके साथ हुए बलात्कार को रिकॉर्ड किया था और वीडियो लीक करने की धमकी दी थी.
- 2021: इन आरोपों और कॉलेज अधिकारियों के साथ परेशान करने वाले इतिहास के बावजूद, फ़रवरी 2021 के एक ऑफ़िशियल डॉक्यूमेंट में मोनोजीत मिश्रा को तृणमूल छात्र परिषद की दक्षिण कोलकाता ज़िला समिति का आयोजन सचिव नामित किया गया है. इसके बाद, मोनोजीत मिश्रा को पश्चिम बंगाल तृणमूल छात्र परिषद के कार्यक्रमों में भाग लेने के साथ-साथ घर-घर जाकर TMC के लिए पर्चे बांटते देखा जाता है.
- 2022: जैसा कि पहले बताया गया है, फ़रवरी 2022 में दक्षिण कोलकाता TMCP की ज़िला समिति का “पुनर्गठन” किया गया था. मोनोजीत मिश्रा अब इसका हिस्सा नहीं था. उसके लिंक्डइन प्रोफ़ाइल के मुताबिक, उसने 2022 में कॉलेज से स्नातक भी किया. टेलीग्राफ़ की एक रिपोर्ट में सूत्रों का हवाला देते हुए बताया गया है कि मार्च 2022 में एक महिला से छेड़छाड़ के आरोप में कस्बा पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र में उसका नाम लिया गया था.
- 2023: 2023 में बज बज में एक छात्र पिकनिक के दौरान, मोनोजीत मिश्रा ने कथित तौर पर दूसरे साल की एक छात्रा को पकड़ के दांत से काटा. द टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छात्र के बारे में रिपोर्ट की गई थी. छात्रा ने कहा, “उसने मुझे नीचे गिरा दिया और मेरे हाथों को इतनी कसकर पकड़ लिया कि मैं हिलने की स्थिति में नहीं थी. उसने उस मौके का फायदा उठाया और मेरे इनरवियर फाड़ दिए.” रिपोर्ट के मुताबिक़, जब उसने औपचारिक शिकायत दर्ज करने का फैसला किया, तो “मोनोजीत के गिरोह” ने उस पर तेजाब फेंकने और उसके परिवार को “खत्म” करने की धमकी दी. छात्रा ने बताया कि वो डेढ़ महीने के लिए शहर छोड़कर चली गई थी.
- 2024: 30 अगस्त, 2024 को मोनोजीत मिश्रा को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में शासी निकाय द्वारा “अस्थायी कार्यालय कर्मचारी” के रूप में नियुक्त किया गया था. गौरतलब है कि बज बज से गवर्निंग बॉडी का नेतृत्व TMC विधायक अशोक कुमार देब करते हैं जिनके साथ मोनोजीत मिश्रा ने कई तस्वीरें और वीडियोज़ अपलोड किए हैं जिसमें उन्हें ‘जेठू’ या चाचा के रूप में संदर्भित किया गया है.
- 2025: 1 जुलाई, 2025 को बलात्कार के आरोप सामने आने के बाद, कॉलेज के शासी निकाय ने उन्हें उनके पद से बर्खास्त कर दिया जिसका मतलब है कि कथित घटना तब हुई जब मोनोजीत मिश्रा परिसर में “कार्यालय कर्मचारी” के रूप में कार्यरत था.
राजनीतिक ‘संबंध’
हालांकि, पार्टी और उसकी छात्र शाखा ने मोनोजीत मिश्रा से दूरी बनाने की कोशिश की है, लेकिन उनकी फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल इस मामले में एक अलग तस्वीर पेश करती है. कई मौकों पर, उन्होंने अभिषेक बनर्जी और मेयर फिरहाद हकीम सहित TMC के बड़े लोगों के साथ तस्वीरें शेयर की हैं.
2024 में (जब उनके पास कॉलेज या TMCP में कोई आधिकारिक पद नहीं था), उन्हें कॉलेज में एक रक्तदान शिविर में वरिष्ठ TMC विधायक देबाशीष कुमार और TMCP साउथ कोलकाता ज़िला अध्यक्ष सार्थक बनर्जी के साथ देखा गया था. उसी साल, उन्हें TMCP के स्थापना दिवस से पहले तैयारी दिवस की बैठकों में बोलते हुए भी देखा गया और देबाशीष कुमार और सार्थक बनर्जी के साथ मंच शेयर करते हुए तस्वीरें खींची गईं. हाल ही में इस साल अप्रैल में वो संस्थान में एक रक्तदान शिविर में बनर्जी को सम्मानित कर रहे थे.
उसकी फ़ेसबुक टाइमलाइन भी तृणमूल कांग्रेस, छात्र विंग और पार्टी के नेताओं को श्रद्धांजलि से भरी हुई है. तस्वीरों से ये भी पता चलता है कि वो कॉलेज की गतिविधियों में काफी शामिल रहता था और एक समर्पित कार्यकर्ता था.
उसके खिलाफ नए बलात्कार के आरोप सामने आने के बाद, कई छात्रों ने दावा किया है कि उन्हें भी मोनोजीत मिश्रा द्वारा परेशान किया गया, हमला किया गया या धमकी दी गई, और डर से चुप करा दिया गया. ये डिटेल, बलात्कार पीड़िता के बयान के साथ, उपरोक्त उदाहरणों से – जिसमें कॉलेज में उसके नाम की दीवार भी शामिल है – इससे पता चलता है कि उसका न सिर्फ परेशान करने वाला रिकॉर्ड था, बल्कि इन आरोपों के बावजूद उसे TMCP और कॉलेज में नियुक्त किया गया था. ऐसा लगता है जैसे उसे सिर्फ नाम के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे सार्वजनिक विजुअल्स में जगह दी गई. इन सभी बातों से यही लगता है कि उसे चुपचाप समर्थन मिलता था.
मोनोजीत मिश्रा का ऐसा रिकॉर्ड, वो भी तब जब वो संस्थान में छात्र या नेतृत्व पदों पर नहीं हैं, TMC से जुड़े छात्र नेताओं का कॉलेज परिसर में इस हद तक अधिकार रखने के बारे में महत्वपूर्ण प्रणालीगत सवाल भी उठाता है. इसके अलावा, उसके खिलाफ FIR के बारे में भी बहुत कम जानकारी उपलब्ध है जिनमें से कुछ में उसे गैर-जमानती अपराधों के लिए नामित किया गया था.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.