लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने 24 सितंबर, 2025 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने इस दौरान धूप का चश्मा पहने एक बेज जैकेट और हाथ में बंदूक लिए एक व्यक्ति की तस्वीर दिखाई. सबिंत पात्रा ने दावा किया कि ये व्यक्ति अपर लेह वार्ड के कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग हैं.

लेह क्षेत्र में 24 सितंबर को भारी हिंसा देखी गई जब युवाओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के क्षेत्रीय कार्यालय को आग के हवाले कर दिया. देर रात जारी एक बयान में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अशांति के लिए पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को ‘दोषी’ ठहराया. आरोप लगाया गया कि उन्होंने अरब स्प्रिंग-शैली के विरोध और नेपाल में हाल ही में जेनज़ी विरोध प्रदर्शनों का ज़िक्र करके उत्तेजक बयान देकर भीड़ को उकसाया था.

भाजपा के स्थानीय कार्यालय में आग लगाने के अलावा, प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर एक पुलिस की गाड़ी में भी आग लगा दी, जिसमें करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस छोड़ा. इसके परिणामस्वरूप, कथित तौर पर चार लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. गृह मंत्रालय के बयान में कहा गया, “आत्मरक्षा में पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी, जिसमें दुर्भाग्य से कुछ लोगों के हताहत होने की ख़बर है.” सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को लेह पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.

संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता में जो तस्वीर दिखाई वो नीचे है:

सबिंत पात्रा ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के पीछे जेनज़ी नहीं, बल्कि कांग्रेस का हाथ है.

इस दावे को कई भाजपा नेताओं सहित राईटविंग इन्फ्लुएंसर ने प्रचारित किया. बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने X पर त्सेपाग की कथित तस्वीर शेयर की लिखा, “क्या यही अशांति है जिसके बारे में राहुल गांधी सोचते रहे हैं?” (आर्काइव)

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार होने का दावा करने वाले कंचन गुप्ता ने भी X पर तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा कि लेह में विरोध के पीछे कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग का हाथ है. (आर्काइव)

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी उस आदमी की वही तस्वीर ट्वीट की और वायरल दावे को आगे बढ़ाया. (आर्काइव)

न्यूज़ 18 इंडिया के वरिष्ठ संपादक अमन चोपड़ा ने अपने शो ‘देश नहीं झुकने देंगे’ में एक संवाद के दौरान नेपाल विरोध और लद्दाख में प्रदर्शन के बीच एक संबंध बताया. ऐसा करते वक्त, उन्होंने कई बार ज़िक्र किया कि कांग्रेस पार्षद को 24 सितंबर को लद्दाख में भीड़ को उकसाते हुए देखा गया था. अमन चोपड़ा ने कहा, “कांग्रेस ने अभी तक इससे इनकार नहीं किया है. वे इससे कैसे इनकार करेंगे, आप उनके हाथ में इतना बड़ा हथियार देख सकते हैं.” (आर्काइव)

पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी यही तस्वीर सरकारी दूरदर्शन समाचार पर प्रसारित की. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, “क्या इसके बाद भी कोई प्रमाण चाहिए ? और प्रशासन बताए कि आखिर उसकी गिरफ्तारी कब होगी?” (आर्काइव)

राईटविंग आउटलेट ऑपइंडिया ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसका टाइटल है, “कांग्रेस और सोनम वांगचुक ने अशांति फ़ैलाने और लद्दाख के लोगों को गुमराह करने के लिए मिलीभगत की: पढ़ें कि कैसे केंद्र के साथ बातचीत को गुप्त रखा गया.” रिपोर्ट की फ़ीचर इमेज में भी वही आदमी बेज कोट में दिखाया गया है. रिपोर्ट में लिखा है, “फ़ुटेज और तस्वीरें सामने आई हैं जिनमें एक कांग्रेस पार्षद सक्रिय रूप से हथियार लहराते हुए लोगों को उकसा रहा है.” (आर्काइव) इस दावे को ऑपइंडिया संपादक नूपुर जे शर्मा ने भी प्रचारित किया. (आर्काइव)

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कई इन्फ्लुएंसर राईटविंग X यूज़र ने वायरल दावे को बढ़ावा दिया. इनमें @TheSquind, @MrSinha_ (12), @rishibagree, @theskindoctor13, @MumbaichaDon, विजय पटेल (@vijaygajera) और @TheSkandar शामिल हैं. इन सभी यूज़र्स के पास X का वेरिफ़ाईड बैज है.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ को कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग का फ़ेसबुक पेज मिला, जिसमें उनकी कई तस्वीरें थीं.

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इसके बाद हम लद्दाख में प्रदर्शनों के दौरान उस व्यक्ति के और भी फ़ुटेज ढूंढने में सक्षम थे. वायरल तस्वीर में नकाब पहने हुए व्यक्ति को दिखाया गया है. हमें जो फ़ुटेज मिला उसमें वही व्यक्ति बिना मास्क के भी दिखाई दे रहा है. उसे एक सफेद कार के सामने बैठे देखा जा सकता है.

उपरोक्त वीडियो फुटेज के साथ दिक्कत ये है कि कोई व्यक्ति बेज कोट के नीचे आदमी की सफेद टी-शर्ट नहीं देख सकता है, जिसे वायरल तस्वीर में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. हमें इंडिया टुडे की एक वीडियो रिपोर्ट मिली, जिसमें दूर से उसी आदमी को सफेद कार के सामने बैठे देखा जा सकता है; इस बार सफेद टी-शर्ट नज़र आ रही है.

जब हम त्सेपाग की तस्वीर की तुलना प्रदर्शन में मौजूद व्यक्ति से करते हैं, तो ये स्पष्ट होता है कि ये दोनों अलग-अलग व्यक्ति हैं. वायरल तस्वीर में दिख रहे शख्स का माथा त्सेपाग से काफी बड़ा है. इसके अलावा, त्सेपाग का चेहरा छोटा और गोल है, जबकि दूसरे शख्स का चेहरा लंबा है. त्सेपाग की नाक भी छोटी होती है.

वायरल दावों के बाद पार्षद त्सेपाग ने एक वीडियो बयान जारी कर विरोध में किसी भी तरह की भागीदारी से इनकार किया. उन्होंने पुष्टि की कि वो विरोध स्थल के आसपास कहीं नहीं थे. उन्होंने ये भी कहा कि वो उनके बारे में ग़लत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे.

इसके अलावा, लेह के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्टैनज़िन नोरबू ने न्यूज़ आउटलेट द प्रिंट से लेह में हुई हिंसा में कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैंज़िन त्सेपाग की सीधे संलिप्तता से इनकार किया है.

कुल मिलाकर, 24 सितंबर को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन में हथियार लिए एक व्यक्ति की तस्वीर को कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग के रूप में ग़लत तरीके से प्रसारित किया जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है. असल में वो आदमी त्सेपाग नहीं है, क्योंकि चेहरे की विशेषताएं मेल नहीं खातीं. और इस दावे का खुद त्सेपाग ने भी खंडन किया है.

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