कई सोशल मीडिया यूज़र्स और मीडिया चैनल्स दावा कर रहे हैं कि बलूचिस्तान पर टिप्पणी करने के बाद बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को कथित तौर पर पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी अधिनियम के तहत “चौथी अनुसूची” में डाल दिया गया है. साथ ही ये भी कहा जा रहा है पाकिस्तान ने सलमान खान को “आतंकवादी” घोषित कर दिया है. इस दावे के साथ बलूचिस्तान सरकार के गृह विभाग का नोटिफिकेशन जैसा दिखने वाला एक पत्र भी शेयर किया जा रहा है.

दरअसल, 16- 17 अक्टूबर को सऊदी अरब के रियाद शहर में जॉय फ़ॉरम द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम हुआ था. इसमें मनोरंजन के अगले अध्याय को परिभाषित करने के लिए वैश्विक सीईओ, क्रिएटिव, टेक्नोलॉजिस्ट और नीति निर्माता शामिल हुए थे. इस कार्यक्रम में शाहरुख खान आमिर खान और सलमान खान तीनों एक साथ एक मंच पर मौजूद थे. 17 अक्टूबर को कार्यक्रम के दौरान सलमान खान ने सऊदी अरब में रह रहे भारतीय मजदूरों के जीवन पर बातें कहीं साथ ही उन्होंने विश्व में भारतीय सिनेमा की बढ़ती प्रसिद्धि पर कहा, “इस समय, अगर आप एक हिंदी फिल्म बनाते हैं और उसे यहां (सऊदी अरब में) रिलीज करते हैं, तो वह सुपरहिट होगी, अगर आप एक तमिल फिल्म, तेलुगु फिल्म या मलयालम फिल्म बनाते हैं, तो वह सैकड़ों करोड़ रुपये का कारोबार करेगी, बस GCC (Gulf Cooperation Council) बेल्ट में ही, क्योंकि हमारे देश से बहुत सारे लोग यहां आए हैं, यहाँ बलूचिस्तान के लोग हैं, अफगानिस्तान के लोग हैं, पाकिस्तान के लोग हैं. हर कोई यहां काम कर रहा है.”

इसी संदर्भ में भाजपा समर्थक मोनिका वर्मा ने बलूचिस्तान सरकार के गृह विभाग के नोटिफिकेशन जैसे दिखने वाले पत्र की तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को “आतंकवादी” घोषित कर दिया है, क्योंकि उन्होंने एक कार्यक्रम में बलूचिस्तान को एक अलग देश बताया था.

साथ टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर भारत भी पाकिस्तानी फिल्म उद्योग के साथ ऐसा करता, तो कश्मीर को भारत से अलग कहने वाले उनके सभी कलाकार आतंकवादी बन जाते.

इसके अलावा DD न्यूज़, न्यूज़18, लाइव मिंट, मनी कंट्रोल, पत्रिका न्यूज़, मिड डे, बिजनेस टूडे, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, DNA, ज़ी तेलगु न्यूज़, TV9 भारतवर्ष, आउटलुक, द टेलीग्राफ़ ऑनलाइन, बिग टीवी, मातृभूमि समेत कई भारतीय न्यूज़ मीडिया संस्थाओं ने बिना किसी विशेष प्रमाण के या जाँच के एक ख़बर चलाई कि “पाकिस्तान ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को “आतंकवादी” घोषित कर दिया”.

हालांकि, बाद में कुछ न्यूज़ संस्थाओं ने अपने रिपोर्ट को डिलीट या अपडेट कर दिया.

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फैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वायरल पत्र और सलमान खान के बयान वाले कार्यक्रम के दिन में अंतर है. दरअसल, सऊदी अरब के रियाद शहर में जॉय फ़ॉरम द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में सलमान खान ने अपना बयान 17 अक्टूबर 2025 को दिया था, जबकि वायरल पत्र में दिनांक 07 अक्टूबर, 2025 के तहत, आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों में शामिल/संबंधित होने के कारण, आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 (एटीए, 1997) की चौथी अनुसूची में निम्नलिखित नामों को शामिल करने की सिफारिश की है. और वायरल पत्र 16 अक्टूबर, 2025 का है.

मतलब वायरल पत्र में आतंकवादी गतिविधि में शामिल होने की सिफारिश सलमान खान के बयान से 10 दिन पहले का दिख रहा है. यानी, ठीक सलमान खान के बयान से एक दिन पहले पत्र का जारी होना दिखा रहा है. नीचे तस्वीरों में आप इन अन्तरों को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं.

इन सबके अलावा, वायरल पत्र को गौर से देखे तो पत्र में लिखे कई शब्द के स्पेलिंग गलत लिखे गए हैं. जैसे TO BE को “TO DE”,  BALOCHISTAN को “BALOCIIISTAN”, Committee को “Committes”, और affiliated को “aftilisted” लिखा गया है. और पत्र के कुछ शब्द साफ अक्षरों में नहीं लिखे हैं जिसे आप नीचे तस्वीर में हरे रंग के साइन से देख सकते हैं.

पत्र में जो Computerized National Identity Card (CNIC) नंबर 52203-000000 लिखा है वो 11 अंकों का है जबकि CNIC नंबर 13 अंकों का होता है. गौर करने वाली बात ये भी है कि CNIC नंबर को केवल पाकिस्तान के नागरिक के विशिष्ट पहचान संख्या के रूप दिया जाता है ना कि किसी ग़ैर- पाकिस्तानी नागरिकों को दिया जाता है.

ऑल्ट न्यूज़ ने 16 अक्टूबर को आतंकवादी सूची में नाम शामिल करने के दावे के संबंध में की-वर्डस सर्च किया. हमें 22 अक्टूबर 2025 को प्रकाशित INS live न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया कि बलूचिस्तान गृह विभाग द्वारा 16 अक्टूबर को जारी अधिसूचना में बलूच महिला फोरम (बीडब्ल्यूएफ) की केंद्रीय आयोजक शाली बलूच और बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) की सदस्य नाज गुल और सैयद बीबी पर “आतंकवाद” से संबंधित गतिविधियों में शामिल होने और उन्हें सुविधा प्रदान करने का आरोप लगाया गया है. और उन्हें पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) 1997 की चौथी अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है.

बलूच महिला फोरम के संबंध में कीवर्ड सर्च करने पर हमें Baloch Women Forum नामक X- हैंडल मिला. 21 अक्टूबर को एक पोस्ट के जरिए बलूचिस्तान गृह विभाग ने 16 अक्टूबर को जारी अधिसूचना शेयर करते हुए बताया कि बलूच महिला फोरम के सदस्यों को पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) 1997 की चौथी अनुसूची में शामिल कर दिया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सलमान के खिलाफ वायरल पत्र और बलूच महिला फोरम को जारी अधिसूचना पत्र में जारी अधिसूचना नंबर No.SO(Judl:II)8(1)/2025/ΑΤΑ/5995-6018. और लेटर नंबर 10520-545/DICC/JB. दोनों के समान हैं. इसे देखने पर मालूम पड़ता है कि 16 अक्टूबर को जारी इसी अधिसूचना पत्र को एडिट कर सलमान वायरल पत्र को बनाया गया है.

जांच के दौरान हमें पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फैक्ट चेक यूनिट का एक पोस्ट भी मिला. इसमें इंडिया टुडे की रिपोर्ट इंडिया टुडे की उस रिपोर्ट का खंडन किया गया जिसमें बताया गया था कि सलमान खान को आतंकवादी घोषित कर दिया गया है.

साथ ही बताया गया कि NACTA (National Counter Terrorism Authority) के प्रतिबंधित व्यक्तियों के पेज पर या आंतरिक मंत्रालय/प्रांतीय गृह विभाग के किसी राजपत्र में सलमान खान को चौथी अनुसूची में शामिल करने की अधिसूचना जारी नहीं की गई है.

यानी, सलमान खान को पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिनियम (एटीए) 1997 की चौथी अनुसूची में शामिल करने वाली अधिसूचना पत्र पूरी तरह से फ़र्ज़ी है और इस पत्र को बिना किसी जाँच पड़ताल के भारतीय कई मीडिया संगठनों ने सनसनीखेज खबर बनाते हुए चला दिया.

 

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