बढ़ते सांप्रदायिक तनाव के बीच 17 मार्च को नागपुर में हिंसक झड़प हुईं. विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे राईटविंग संगठनों ने खुल्दाबाद में मुगल सम्राट औरंगज़ेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया.

खुल्दाबाद, छत्रपति संभाजी नगर को पहले औरंगाबाद कहा जाता था. ये नागपुर से लगभग 450-500 किलोमीटर दूर है और यहां हिंदुत्व संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का मुख्यालय है.

VHP और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्लामी शिलालेख वाला एक कपड़ा जलाए जाने का दावा शेयर किए जाने से तनाव बढ़ गया. इसके तुरंत बाद, माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी नामक एक ग्रुप के अध्यक्ष फ़हीम खान अपने 50 समर्थकों के साथ, विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर कुरान की आयत जलाने के लिए बजरंग दल और VHP कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए गणेशपेठ के पुलिस स्टेशन गए. फ़हीम खान ने कथित तौर पर महल क्षेत्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास लगभग 500 मुसलमानों को इकट्ठा किया और भीड़ ने वहां से हिलने से मना कर दिया.

शाम को लगभग 7 बजे तक, नागपुर में तीन जगह – महल, भालदारपुरा, और हंसपुरी – में स्थिति भड़क गई क्यूंकि तबतक ये बात व्यापक रूप से फ़ैल गई थी कि प्रदर्शन के दौरान कपड़े पर कुरान की आयत जलाई गई थी. जल्द ही हिंसक झड़पें शुरू हो गईं, जिससे 30 से ज़्यादा लोग घायल हो गए. बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ भी हुई जिसमें कई घरों पर हमला किया गया और वाहनों को आग लगा दी गई. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि अधिकारियों ने 104 आरोपी व्यक्तियों की पहचान की है. पकड़े गए 92 आरोपियों में  से 12 किशोर हैं. उनके मुताबिक, हिंसा से जुड़े 68 से ज़्यादा भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को भी मार्क किया गया और हटा दिया गया है. हालांकि, सीएम ने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान किसी भी धार्मिक प्रतीक (चादर) का अपमान नहीं किया गया.

फडणवीस का दावा, आयत वाली कोई चादर नहीं जलाई गई, पुलिस के विरोधाभासी बयान

घटना के बाद, सीएम फडणवीस ने कहा कि नागपुर में हुई झड़पें ‘कुछ लोगों’ द्वारा पहले से नियोजित थीं. 19 मार्च को महाराष्ट्र विधानसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा:

“1992 के बाद से नागपुर में कोई दंगा नहीं हुआ है… पिछले दिनों जो घटना (दंगे) हुई… ज़रूरी नहीं है कि ये समुदाय या वो समुदाय शामिल हो, लेकिन ये देखने में आया है कि कुछ लोगों ने जानबूझकर ये (दंगा) किया है. इसका कारण ये है कि, जब औरंगज़ेब की कब्र का प्रतीकात्मक पुतला जलाया गया था, तो उस पर कोई ‘आयत’ (कुरान की आयत) नहीं थी. हमने इसे ठीक से वेरिफ़ाई किया है. हमने इसे (वीडियो) बढ़ाया और वेरिफ़ाई किया है. लेकिन कुछ मैसेज में ऐसा दावा किया गया है. आयत जलाए गए, ऐसा मेसेज फैलाया गया, जिसके कारण वो घटना (दंगा) हुई… जो लोग सामाजिक सौहार्द बिगाड़ते हैं, जो लोग जानबूझकर अफवाह फैलाते हैं, उन पर भी कार्रवाई की गई है, उनमें से कुछ को गिरफ़्तार भी किया गया है.”

पिछले दिन, 18 मार्च को फडणवीस ने विधानसभा में बताया कि 17 मार्च को एक ‘अफवाह’ फैलाई गई थी कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जलाए गए पुतले पर धार्मिक आयत लिखे थे.

पुलिस ने भी शुरूआत में इन दावों से मना किया कि प्रदर्शन के दौरान धार्मिक कपड़ा जलाया गया था. हालांकि, 18 मार्च को पत्रकार राजदीप सरदेसाई के साथ एक इंटरव्यू में नागपुर के पुलिस आयुक्त, कुमार सिंगल ने कहा कि वो ये “कंफ़र्म नहीं कर सकते कि चादर पर असल में क्या लिखा था.”

मीडिया आउटलेट द प्रिंट की एक रिपोर्ट में महाराष्ट्र पुलिस के हवाले से कहा गया है कि प्रदर्शन के दौरान दरअसल, एक चादर जलाई गई थी. इसमें बयान देने वाले पुलिस अधिकारियों का नाम नहीं लिखा है.

अज्ञात बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने द इंडियन एक्सप्रेस को ये भी बताया कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान सिर्फ औरंगज़ेब का पुतला जलाया था.

फ़ैक्ट-चेक

सोशल मीडिया पर और न्यूज़ आउटलेट्स द्वारा शेयर किए गए कई वीडियोज में हरे कपड़े से ढका हुआ एक पुतला दिखाया गया है, जिसके ऊपर औरंगज़ेब की तस्वीर रखी हुई है. इसके बाद प्रदर्शनकारी इसे पीटते और आग लगाते नज़र आ रहे हैं. इन वीडियोज़ से ये स्पष्ट नहीं है कि हरे कपड़े पर दिए गए टेक्स्ट में क्या लिखा है.

हालांकि, हमें न्यूज़ आउटलेट स्टार महाराष्ट्र द्वारा शेयर किए गए प्रदर्शन का एक फ़ेसबुक वीडियो मिला. इसमें हरे कपड़े से ढके पुतले को प्रदर्शनकारियों द्वारा लात और लाठियों से पिटाई करते देखा जा सकता है. बाद में उसमें आग भी लगा दिया जाता है.

नागपुरात यामुळे भडकली दंगल

#nagpur #nagpurpolice #DevendraFadnavis #EknathShinde #AjitPawar #NCP #Shivsena #udhavthakare #AdityThakare #chsndrashekharbawankule #Star Maharashtra#nitingadakari

Posted by Star Maharashtra on Monday 17 March 2025

ऊपर दिए गए वीडियो में हरे कपड़े पर लिखा टेक्स्ट दिखाई दे रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने ये समझने के लिए तीन लोगों से संपर्क किया कि क्या यहां दिख रहे कपड़े में धार्मिक टेक्स्ट है. इस्लाम का जानकारी रखने वाले और लिपि को समझने वाले इन सोर्स ने पुष्टि की कि हरा कपड़ा असल में मुसलमानों के लिए चादर और उस पर लिखा टेक्स्ट मुसलमानों की पवित्र पुस्तक, कुरान की आयतें थीं.

This slideshow requires JavaScript.

टेक्स्ट को साफ तौर पर देखने के लिए, हमें एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस में वैसी ही चादर दिखी. सूत्रों की मदद से हम ये निर्धारित कर पाए कि स्टार महाराष्ट्र द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में दिखाई देने वाले टेक्स्ट बिट्स उस टेक्स्ट से मेल खाते हैं जो हमें ऑनलाइन मिला था.

तीन सोर्स में से एक, इस्लाम के जानकार ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि वे प्रदर्शन के दौरान इस्तेमाल की गई चादर पर घेरे के चारों ओर लिखे गए कुरान के चार क़ुल या अध्यायों में से कम से कम दो की पहचान करने में सक्षम थे – सूरह अल-इखलास या क़ुल अल फ़लक और सूरह अल-फ़लक या क़ुल अल इखलास. इसके अलावा, दोनों चादरों पर इस्लाम के महत्वपूर्ण धार्मिक स्मारकों की तस्वीरें भी थीं.  नीचे एक तुलना दी गई है.

ये वेरिफ़ाई करने के लिए कि स्टार महाराष्ट्र द्वारा पोस्ट किया गया फ़ेसबुक वीडियो 17 मार्च को नागपुर में हुए प्रदर्शन का था, हमने इसकी तुलना प्रेस ट्रस्ट ऑफफ़ इंडिया की एक तस्वीर से की. जैसा कि देखा जा सकता है, बहुत से प्रदर्शनकारियों के जूते इससे मेल खाते हैं. तस्वीरों के दो सेटों में मेल खाने वाले जूते – बाईं ओर स्टार महाराष्ट्र वीडियो के स्क्रीनशॉट और दाईं ओर PTI तस्वीर को एक ही रंग के घेरे में रखा गया है. 

 

बजरंग दल के प्रदर्शन कावीडियो पोस्ट करने पर पत्रकार मोहम्मद शहजाद और जाकिर अली त्यागी के खिलाफ FIR दर्ज की गई. उन पर अलग-अलग समुदायों के बीच और पुलिस बल के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था.

This slideshow requires JavaScript.

पुलिस के तीन वर्जन थे: एक जहां उन्होंने धार्मिक टेक्स्ट वाले कपड़े के टुकड़े को जलाने से इनकार किया. दूसरा जहां पुलिस आयुक्त ने रिकॉर्ड पर कहा कि वो ‘कंफ़र्म नहीं कर सके’ कि जली हुई चादर में धार्मिक टेक्स्ट था या नहीं और तीसरा जहां महाराष्ट्र पुलिस ने कहा है कि एक चादर असल में जलाई गई थी.

ऑल्ट न्यूज़ ने जो वीडियो साक्ष्य ऊपर रखे हैं उनसे पता चलता है कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान धार्मिक इस्लामी टेक्स्ट – विशेष रूप से कुरान के चार क़ुल – वाली एक चादर या कपड़े को अपवित्र किया गया और औरंगज़ेब की तस्वीर के साथ जला दिया गया. मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और पुलिस के इनकार वाले बयान सच नहीं हैं.

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.