वक्फ़ (संशोधन) बिल, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के कुछ सदस्यों ठहाके लगाकर बाते करने का वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ वायरल है कि ये विवादास्पद विधेयक के पारित होने के बाद ये सभी संतुष्ट दिख रहे हैं.

बहुचर्चित वक्फ़ (संशोधन) विधेयक, 4 अप्रैल 2025 के शुरुआती घंटों में संसद में पारित किया गया था. विधेयक का एक पुराना वर्जन, वक्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2024, 8 अगस्त, 2024 को लोकसभा में पेश किया गया था, अगले दिन, 9 अगस्त, 2024 को, संसद के दोनों सदनों ने अलग-अलग समीक्षा के लिए विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने पर सहमति व्यक्त की. इस समिति में 21 लोकसभा सदस्य और 10 राज्यसभा सदस्य थे.

वायरल क्लिप में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के असदुद्दीन ओवैसी सहित सभी पार्टियों के JPC सदस्य; भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अभिजीत गंगोपाध्याय, निशिकांत दुबे, अपराजिता सारंगी, संजय जयसवाल, दिलीप सैकिया, डी.के. अरुणा और जगदंबिका पाल; समाजवादी पार्टी (सपा) के मोहिबुल्लाह नदवी; कांग्रेस के मोहम्मद जावेद और सैयद नासिर हुसैन और शिव सेना के नरेश गणपत म्हस्के को कुछ अन्य लोगों के साथ हंसते हुए देखा जा सकता है.

हालांकि, वायरल वीडियो शेयर करने वालों ने विशेष रूप से ओवैसी पर निशाना साधा जो इस बिल के मुखर आलोचक हैं.

फ़ार-राइट X अकाउंट ‘@HPhobiaWatch’ ने वीडियो को व्यंग्यात्मक टिप्पणी के साथ ट्वीट किया कि इसमें “लोकतंत्र और अल्पसंख्यकों के रक्षक” को दिखाया गया है. ये भी कहा गया, “ओवैसी ने सबसे तेज़ ठहाका लगाया.” (आर्काइव)

ABP न्यूज़ ने इस वायरल वीडियो के आधार पर एक रिपोर्ट पब्लिश कर दी. इस न्यूज़ चैनल ने लिखा, “कहते हैं कि जो बात आपके दिल में है वही बात अगर आपके जुबान पर आ जाए तो आप कभी नेता नहीं बन सकते. जिम्मेदार लोग भले ही किसी की मुखालिफत के कितने ही दावे करें, लेकिन अक्सर वो ऐसा कुछ कर बैठते हैं कि अपने ही चाहने वाले लोगों की निगाहों को खटकने लगते हैं. ऐसा ही कुछ हुआ AIMIM सुप्रीमो और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी के साथ.”

एक यूज़र ‘@KreatelyMedia’ ने भी ये वीडियो ट्वीट कर टिप्पणी की कि बिल से “आंतरिक रूप से वे सभी खुश थे.” (आर्काइव)

राईटविंग विचारधारा से जुड़े सोशल मीडिया यूज़र ऋषि बागरी, जिनकी ग़लत सूचना वाली पोस्ट्स को ऑल्ट न्यूज़ कई बार फ़ैक्ट-चेक कर चुका है, ने टिप्पणी की कि JPC जलेबियों के साथ विधेयक के पारित होने का जश्न मना रही थी. (आर्काइव)

खुद को मोदी समर्थक बताने वाले जितेंद्र प्रताप सिंह सहित कई यूज़र्स ने भी कथित वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया. (आर्काइव- 12)

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल क्लिप के फ़्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें न्यूज़ एजेंसी ANI का 29 जनवरी, 2025 को शेयर किया गया एक वीडियो मिला. कैप्शन के मुताबिक, वीडियो में JPC के सदस्यों को समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के साथ बातचीत करते हुए दिखाया गया है.

हमें उसी तारीख को उसी बातचीत का एक PTI वीडियो भी मिला. इसके टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “वक्फ़ (संशोधन) विधेयक की जांच कर रही संयुक्त संसदीय समिति के सदस्य, मसौदा रिपोर्ट को अपनाने के बाद चाय पर मिलते हैं.”

PTI तस्वीरों का इस्तेमाल मीडिया आउटलेट्स ने भी किया था. उन्होंने इससे पहले JPC की बैठक की रिपोर्ट की थी जिसमें कुछ विपक्षी सदस्यों ने बिल में ‘यूज़र्स द्वारा वक्फ़’ पर एक खंड की प्रस्तावित चूक पर आपत्ति जताई थी.

इस तरह, JPC सदस्यों के एक साथ बैठने का वीडियो वक्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित होने से दो महीने पहले 29 जनवरी का है. बिल के पारित होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा क्लिप में किए गए दावे से पता चलता है कि ओवेसी जैसे आलोचकों की ये प्रतिक्रियाएं भी ग़लत हैं.

ये भी पढ़ें: क्या वक्फ़ बिल पास होने के बाद रो पड़े असदुद्दीन ओवैसी?

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Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.