ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है। इसमें मिलिट्री पोशाक पहने हुए एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की पिटाई करता हुआ दिख रहा है। दावा किया जा रहा है कि वीडियो में जिस व्यक्ति की पिटाई हो रही है, वो मुस्लिम है। एक ट्विटर यूजर @Tkwondo_T के पोस्ट के अनुसार तथाकथित तौर पर उसकी पिटाई इसलिए हुई थी क्यूंकि पूर्वी तुर्किस्तान में उसके घर पर कुरान की एक कॉपी पाई गई थी।
यह ट्वीट अब डिलीट हो चूका है। एक और यूजर राबिआ अज़हर ने ये वीडियो 1 जनवरी को ट्वीट किया था, जिसे 17000 बार रीट्वीट किया जा चूका है।
This is a Chinese officer beating a Muslim Uyghur for having a copy of the Quran in his house! Everyone send this out so the world knows what is happening in East Turkistan. China is killing all Muslims. Please Retweet to expose Chinese terrorism against innocent Muslims pic.twitter.com/sFv32fHGfc
— Rabia Azhar (@RabiaBaluch) December 31, 2018
द पायनियर अखबार के विशेष संवाददाता जे गोपीकृष्णन ने भी इन शब्दों के साथ ट्वीट किया, “सुनो: भारतीय कम्युनिस्ट”। इस ट्वीट को 600 से भी ज़्यादा बार रिट्वीट किया गया है, और इसे अभी तक डिलीट नहीं किया गया है।
Attn : Indian Communists https://t.co/crrbhD2Nod
— J Gopikrishnan (@jgopikrishnan70) January 1, 2019
चीन में इस पाकिस्तानी मुस्लिम व्यक्ति की निर्ममता से पिटाई सिर्फ़ इसलिए हो रही है कि इसके पास क़ुरआन की एक प्रति मिली जो चीन में प्रतिबंधित है।
इस पर भी कुछ बोलना चाहिए @ImranKhanPTI को। pic.twitter.com/bbabHD7bvM
— SD Tiwari (@sdtiwari) January 1, 2019
चीन नहीं, इंडोनेशिया
कई ट्विटर यूजर्स ने ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि ये वीडियो चीन से नहीं, बल्क इंडोनेशिया से है, और जिस व्यक्ति की पिटाई की जा रही है, वो एक अपराधी है। जाहिर तौर पर इंडोनेशिया के फौजियों ने उसकी पिटाई की थी। लोगों ने सबका ध्यान उस आदमी के बोले हुए ‘अपुन पाक’ शब्दों की तरफ दिलवाया, जिसका मतलब इंडोनेशिया की भाषा में है, ‘मुझे माफ़ कर दो’।
जिन्होंने ट्वीट का जवाब देते हुए वीडियो का इंडोनेशिया से होने का दावा किया था, उनके दावों के हिसाब से ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो सचमुच इंडोनेशिया से है, न कि चीन से, जैसा की कई सोशल मीडिया यूजर्स ने दावा किया। इंडोनेशिया के अखबार ट्रिब्यून जटंग की 24 मई, 2017 को प्रकाशित एक लेख में ये लिखा गया था कि घटना 13 मई 2017 को पश्चिम जावा प्रान्त के दीपक बरु स्टेशन पर हुई थी।
रिपोर्ट के हिसाब से, वो व्यक्ति पॉकेटमार था, जिसे इंडोनेशिया की मिल्टरी पुलिस पीट रही थी। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि उन ‘ऑफिसरों’ के खिलाफ कार्रवाही की गयी है और उन्हें सेवा से हटा कर वापस यूनिट में भेज दिया गया है। ये वीडियो मई 2017 में भी वायरल हुआ था और इंस्टाग्राम पर भी पोस्ट हुआ था। वीडियो यूट्यूब पर भी मौजूद है।
https://www.youtube.com/watch?v=vTvFpdfpUzA
इसके अलावा, इस्लामाबाद में चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने ट्विटर द्वारा पुष्टि की कि ये वीडियो चीन का नहीं है, और इसका मकसद “चीन और मुस्लिम देशों के बीच के रिश्तों को नुक्सान पहुँचाना है।”
Fake news! Not Chinese language!! Not even Chinese police uniform!!! This is sheer propaganda against China, trying to sabotage relations between China & muslim countryies. There’s no ‘East Turkistan’ in China. Only terrorists & their sympathizers call Xinjiang ‘East Turkistan’. https://t.co/kCMm8zX6CE
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) January 3, 2019
निष्कर्ष के तौर पर, यह दावा कि वीडियो में चीन के जवान द्वारा एक मुस्लिम व्यक्ति को कुरान रखने कि वजह से पीटा गया, गलत है। यह वीडियो इंडोनेशिया से है।
अनुवाद: ममता मंत्री के सौजन्य से
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