यूट्यूबर एल्विश यादव ने 10 फरवरी, 2025 को अपने व्लॉगिंग चैनल पर 15 मिनट का एक वीडियो अपलोड किया जिसका टाइटल है, “राजस्थान में फुल प्रोटोकॉल”. इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर काफी विवाद खड़ा कर दिया. लोगों ने राजस्थान पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किये. वीडियो का संदर्भ एल्विश यादव की हाल ही में एक गाने की वीडियो शूट के लिए राजस्थान की यात्रा से जुड़ा है, जिसके दौरान उन्होंने एक व्लॉग रिकॉर्ड किया था. वीडियो में एल्विश यादव राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन सिंह खाचरियावास के साथ गाड़ी में यात्रा करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसे कृष्णवर्धन चला रहे हैं. पूरे वीडियो में राजस्थान पुलिस की कई गाड़ियां एल्विश यादव की कार को एस्कॉर्ट करती दिखती हैं. इस वीडियो में कृष्णवर्धन यह कहते हुए भी नज़र आते हैं कि जैसे-जैसे वे अलग-अलग क्षेत्रों से गुजरेंगे, उनके आगे पुलिस एस्कॉर्ट की गाड़ी बदल जाएगी. यह व्यवस्था ऐसी व्यक्तिगत गतिविधियों में पुलिस की भागीदारी की उपयुक्तता पर प्रश्न उठाती है.

वीडियो में कई चिंताजनक तत्व मौजूद हैं जो राजस्थान पुलिस की निष्ठा पर गंभीर संदेह उत्पन्न करते हैं:

  • यूट्यूबर एल्विश यादव और पूर्व मंत्री के बेटे को पुलिस की विशेष सुविधा

एल्विश यादव द्वारा अपलोड किये गए वीडियो में कई मौकों पर राजस्थान पुलिस ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन सिंह खाचरियावास और यूट्यूबर एल्विश यादव को विशेष सुविधाएं दी हैं. पुलिस एस्कॉर्ट का प्रावधान विशिष्ट प्रोटोकॉल के लिए आरक्षित होता है, इस संदर्भ में इसका इस्तेमाल राजस्थान पुलिस के आचरण और प्राथमिकताओं के बारे में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है.

  • एल्विश यादव को राजस्थान पुलिस का एस्कॉर्ट

व्लॉग में स्पष्ट रूप से एल्विश यादव के एस्कॉर्ट में शामिल कम से कम तीन पुलिस वाहन दिखाई देते हैं. शुरुआत में उनके साथ राजस्थान पुलिस की एक नीली बोलेरो (चेतक-14) गाड़ी दिखाई देती है. वीडियो के एक अन्य फ्रेम में पीले रंग की रजिस्ट्रेशन संख्या (RJ14TF5324) वाली राजस्थान पुलिस की एक सफ़ेद बोलेरो एल्विश यादव को एस्कॉर्ट करती दिखाई देती है. इसके अलावा, गाने की शूटिंग से लौटने के दौरान सफ़ेद रजिस्ट्रेशन प्लेट वाली एक अन्य पुलिस बोलेरो उनके साथ चलती दिखाई देती है. ये सबूत इस दावे की पुष्टि करता है कि राजस्थान पुलिस ने एल्विश यादव के लिए एस्कॉर्ट प्रदान किया था. वीडियो के अंत में पूर्व मंत्री का बेटा कहता है कि एक पुलिस वाहन एल्विश यादव को गुड़गांव तक छोड़ेगी, जिसमें पुलिस की गाड़ी जयपुर से गुड़गांव तक उनके काफिले का नेतृत्व करेगी. यह व्यवस्था ऐसे व्यक्तिगत परिवहन में पुलिस की भागीदारी की उपयुक्तता के बारे में सवाल उठाती है.

  • निजी वाहन में अवैध सायरन का गैर-आपातकालीन उपयोग

वीडियो में एल्विश यादव और पूर्व मंत्री के बेटे जिस टोयोटा कंपनी की प्राइवेट गाड़ी में बैठे हैं उसमें कई बार सायरन का इस्तेमाल करते हुए देखा जा सकता है. ज्ञात हो कि निजी वाहनों में सायरन लगाना अवैध है. गौर करने लायक बात यह है कि वहाँ मौजूद पुलिस हस्तक्षेप नहीं करती या कोई आपत्ति नहीं जताती, जो कानून को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है और वीआईपी कल्चर को बढ़ावा देने का संकेत देता है.

  • पुलिस की सह पर बिना भुगतान किए टोल प्लाज़ा क्रॉस

एक जगह पर एल्विश यादव के आगे-आगे चल रही पुलिस की गाड़ी टोल प्लाज़ा से गुज़रती है, जहां गाड़ी में बैठे पुलिसकर्मी टोल कर्मचारी को एल्विश यादव के वाहन को बिना भुगतान के गुज़रने देने का संकेत देता है, जिसके बाद एल्विश यादव की गाड़ी सायरल बजाते हुए बिना टोल भुगतान किये हुए वहाँ से गुज़र जाती है. यह घटना पुलिस और एल्विश यादव समेत पूर्व मंत्री के बेटे के बीच समन्वय के चिंताजनक स्तर को इंगित करती है, जो कानून की अखंडता को और कमज़ोर करती है.

  • ट्रैफ़िक नियमों का उल्लंघन और प्रभाव का इस्तेमाल

वीडियो में पूर्व मंत्री के बेटे को ट्रैफ़िक नियमों के उल्लंघन में लिप्त देखा जा सकता है, जिसमें ट्रांसपोर्ट नगर में सड़क के गलत साइड पर गाड़ी चलाना और रास्ता साफ़ करने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करना शामिल है. ऐसा व्यवहार न केवल ट्रैफ़िक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि रसूख के दुरुपयोग का भी उदाहरण है. इस मामले में अधिकारियों द्वारा जाँच और जवाबदेही की आवश्यकता है.

मामले में राजस्थान पुलिस का रूख

वीडियो वायरल होने के बाद जयपुर पुलिस ने ट्विटर पर पत्रकारों को जवाब देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके कई वीडियो को एडिट कर भ्रामक खबर फैलाई जा रही है. मीडिया पर दबाव बनाने के प्रयास में पुलिस ने चेतावनी दी कि भ्रामक जानकारी फैलाने वालों के खिलाफ साइबर पुलिस स्टेशन द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी. नतीजतन, पत्रकार ने अपना ट्वीट डिलीट करने का फैसला किया.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि संबंधित वीडियो हाल का नहीं है और पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए पुराने फुटेज को वर्तमान के रूप में गलत तरीके से पेश करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने संकेत दिया कि एल्विश यादव के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

एडिशनल पुलिस कमिश्नर रामेश्वर सिंह ने कहा कि पुलिस एस्कॉर्ट केवल विशिष्ट प्रोटोकॉल के तहत प्रदान किए जाते हैं और दावा किया कि राजस्थान पुलिस द्वारा एल्विश यादव के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.

राजस्थान पुलिस के झूठ का पर्दाफाश 

पत्रकारों द्वारा शेयर किया गया वीडियो एल्विश यादव के व्लॉग का ही पार्ट है और पुलिस द्वारा किए गए दावों के उलट, पत्रकारों द्वारा इसमें आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके एडिट नहीं किया गया है. इसके अलावा, राजस्थान पुलिस अबतक अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस तर्क या सबूत देने में विफल रही है.

एलविश यादव को पुलिस एस्कॉर्ट प्रदान करने के बारे में राजस्थान पुलिस द्वारा किया गया इनकार स्पष्ट रूप से झूठ है, क्योंकि वीडियो में साफ तौर पर पुलिस की गाड़ियों द्वारा उन्हें एस्कॉर्ट करते हुए देखा जा सकता है जिसका ज़िक्र वीडियो में भी किया गया है. विभिन्न जगहों पर एल्विश यादव की कार के आगे अलग-अलग पुलिस की गाड़ी की मौजूदगी महज संयोग नहीं है, और यह तथ्य कि पुलिस ने एलविश यादव की गाड़ी को बिना भुगतान के टोल प्लाज़ा से गुजरने में मदद की, यह पुलिस द्वारा एस्कॉर्ट प्रदान नहीं करने के दावों का खंडन करती है.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ का यह दावा कि वीडियो पुराने हैं, पूरी तरह से भ्रामक है. एल्विश यादव के व्लॉग में कई ऐसे संकेत हैं जो दर्शाते हैं कि ये वीडियो उनके हाल ही में हुए जयपुर दौरे का है. इस आर्टिकल में आगे हम इस वीडियो के विभिन्न फ्रेम्स का विश्लेषण करेंगे कि और देखेंगे कि हम कैसे इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि ये वीडियो पुराना नहीं है.

एल्विश यादव के व्लॉग में उन्होंने एक गाने की शूटिंग के बारे में चर्चा की जिसके लिए वह जयपुर आए थे. वीडियो में उन्होंने गाने की शूटिंग के लिए लोहागढ़ फोर्ट रिज़ॉर्ट और सांभर झील की अपनी यात्रा को दिखाया है. व्लॉग में एल्विश यादव के साथ प्रिंस नरूला काले कुर्ते में नज़र आते हैं. प्रिंस नरूला ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर 8 फरवरी को वीडियो शेयर करते हुए बताया था कि वे लोहागढ़ फोर्ट रिज़ॉर्ट में एल्विश यादव और प्रांजल दहिया के साथ एक गाने की वीडियो की शूटिंग में आए हैं. हमने लोहागढ़ फोर्ट रिज़ॉर्ट से इस बात की पुष्टि की कि एल्विश यादव वास्तव में 8 और 9 फरवरी को गाने की शूटिंग के लिए मौजूद थे. ये बात पुलिस द्वारा किए गए दावों का खंडन करती है कि यह एक पुराना वीडियो है.

इसके अलावा एल्विश यादव के व्लॉग में वे कार में प्रिंस नरूला के साथ सांभर झील जाते हुए नज़र आते हैं, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने एल्विश यादव के गाने की शूटिंग से तस्वीरें और वीडियो शेयर की हैं. इनमें एल्विश यादव और प्रिंस नरूला को उन्हीं कपड़ों में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने व्लॉग शूट किया है. ये डिटेल्स सामूहिक रूप से संकेत देते हैं कि व्लॉग हाल ही में गाने की शूटिंग के लिए जयपुर की उनकी यात्रा के दौरान रिकॉर्ड किया गया था.

राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने 10 फरवरी को ट्विटर पर एल्विश यादव के साथ अपनी एक तस्वीर शेयर की और बताया कि यह मुलाकात उसी दिन उनके जयपुर आवास पर हुई थी. तस्वीर में एल्विश यादव ने नीले रंग की धारियों वाली एक काले रंग की पुलओवर जैकेट पहनी हुई है. एलविश यादव के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया विवादित वीडियो इस टाइमलाइन की पुष्टि करता है. क्योंकि इसमें एल्विश यादव को पूर्व मंत्री के बेटे हर्षवर्धन खाचरियावास के साथ पुलिस द्वारा एस्कॉर्ट किए जाने के दौरान उसी पोशाक में देखा जा सकता है, जो संकेत देता है कि वीडियो का ये हिस्सा 10 फरवरी को रिकॉर्ड किया गया था.

इसके अलावा, वीडियो में प्रताप खाचरियावास के बेटे को एल्विश यादव के साथ पुलिस एस्कॉर्ट के दौरान सफेद मोटी धारियों वाली एक टी-शर्ट पहने हुए देखा जा सकता है. वीडियो के अंत में, एल्विश यादव एक अस्पताल का दौरा करते हुए दिखाई देते हैं, जहाँ हर्षवर्धन खाचरियावास भी मौजूद हैं. उन्होंने वही टी-शर्ट पहना हुआ है. गौर करने वाली बात ये है कि इसी वक्त कैमरा वहां मौजूद पेशेंट हेल्थ मॉनिटर का क्लोज-अप शॉट लेती है जिसमें तारीख 10 फरवरी लिखा हुआ है. यानी, वीडियो का ये हिस्सा 10 फरवरी को ही रिकॉर्ड किया गया था. इसलिए, पुलिस का ये दावा निराधार है कि ये फुटेज पुराने हैं.

पूर्व मंत्री और उनके बेटे का वक्तव्य 

पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि एल्विश यादव अक्सर उनसे मिलने आते हैं और एक राजनेता के तौर पर वह बहुत से लोगों से मिलते हैं. आगे उन्होंने कहा कि उनके द्वारा या उनके बेटे के द्वारा एस्कॉर्ट नहीं मांगा गया, राज्य में उनकी सरकार सत्ता में नहीं है, इसलिए उन्हें नहीं पता कि पुलिस की गाड़ी उनके बेटे और एल्विश यादव को क्यों एस्कॉर्ट कर रही थी. लोगों को राजस्थान सरकार या एल्विश यादव से पूछना चाहिए कि पुलिस की गाड़ी उन्हें क्यों एस्कॉर्ट कर रही थी. ज्ञात हो कि प्रताप सिंह खाचरियावास कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और फिलहाल राजस्थान में भाजपा की सरकार है.

राजस्थान पुलिस का कवरअप एफआईआर

राजस्थान पुलिस ने एल्विश यादव के खिलाफ कथित तौर पर भ्रामक सूचना प्रसारित करने और पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है. हालांकि, तथ्यों की बारीकी से जांच करने पर ऐसा लगता है कि यह एफआईआर पुलिस की छवि को बचाने और मीडिया ट्रायल से बचने के उद्देश्य से एक रणनीतिक है. वास्तव में, इस मामले में गहन जांच के साथ साथ दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.

एल्विश यादव के व्लॉग में पर्याप्त सबूत हैं जो स्वतंत्र जांच में काफी मदद कर सकते हैं. पुलिस के पास विभिन्न स्थानों से सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के लिए आवश्यक संसाधन हैं, फिर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा मीडिया को प्रस्तुत की गई असंतोषजनक कहानी, इस मामले को अस्पष्ट करने के प्रयासों के साथ, एक व्यापक जांच को आगे बढ़ाने में वास्तविक रुचि की कमी को दर्शाती है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).