कश्मीर के बैसरन घाटी में हुए एक आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की गोली मारकर हत्या के बाद देश में तनाव बढ़ गया है. पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर राज्य के दो कथित कश्मीरी निवासियों का पता शेयर करके आग में घी डालने करते हुए पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (ANI) से इस पर गौर करने का आग्रह किया.

बंदूक से हमला 22 अप्रैल की दोपहर बैसरन घाटी के हरे-भरे घास के मैदानों में हुआ. घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक, हमलावरों ने गोली मारने से पहले पर्यटकों से धर्म पूछा. हमले के समय मौजूद लोगों ने न्यूज़ आउटलेट्स को ये भी बताया कि आतंकवादियों ने उनसे कलमा (इस्लामिक प्रार्थना) पढ़ने के लिए कहा और जो नहीं पढ़ सके उन्हें गोली मार दी. हमले के ज़्यादातर पीड़ित हिंदू हैं, जबकि एक स्थानीय मुस्लिम टट्टू पालक (जो आतंकवादियों के खिलाफ खड़ा था) को भी गोली मार दी गई. इस घटना से पूरे देश में सदमे की लहर दौड़ गई और कई राजनेताओं और नागरिकों ने हिंदुओं से बदला लेने की घोषणा की.

24 अप्रैल की सुबह, शुभेंदु अधिकारी जो राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता भी हैं, इन्होंने X पर एक पोस्ट लिखा कि उन्हें एक ‘स्थानीय’ से जानकारी मिली कि कश्मीर के दो व्यक्ति पश्चिम बंगाल के बरुईपुर में रह रहे थे और उन्होंने पश्चिम बंगाल पुलिस और ANI के X हैंडल को टैग करते हुए उनसे जांच करने का आग्रह किया. शुभेंदु अधिकारी ने लिखा, “उन्होंने छत पर नैनोबीम 2AC कॉम्पैक्ट और हाई-परफॉर्मेंस वायरलेस नेटवर्क ब्रिज इंस्टॉल किया है. इसे हाई स्पीड, लॉन्ग डिस्टेंस की वायरलेस कनेक्टिविटी के लिए कुशल और विश्वसनीय समाधान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.” उन्होंने सबूत के तौर पर कथित ‘डिवाइस’ की एक तस्वीर भी अटैच की. (आर्काइव)

यहां X पोस्ट का स्क्रीनशॉट है. (ऑल्ट न्यूज़ ने वहां रहने वाले व्यक्तियों की गोपनीयता के लिए पते को काला कर दिया है.)

फ़ैक्ट-चेक

हमने अधिकारी द्वारा अपलोड की गई तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च के जरिए ढूंढा. इससे हमें एक यूट्यूब वीडियो मिला जिसमें वही डिवाइस दिखाई दे रही है जो बीजेपी नेता के पोस्ट में दिखती है. यूट्यूब वीडियो के मुताबिक, ये रिलायंस जियो एयरफ़ाइबर प्लस वाई-फ़ाई राउटर की आउटडोर यूनिट थी.

हमने अधिकारी द्वारा शेयर की गई तस्वीर की तुलना यूट्यूब वीडियो के स्क्रीनग्रैब से की और देखा कि ज़्यादातर चीजें मेल खाती हैं.

इसे ध्यान में रखते हुए, हमने Jio AirFiber के बारे में ज़्यादा जानकारी ऑनलाइन ढूंढी. हमें 12 अप्रैल, 2024 का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जहां किसी ने Jio AirFiber की आउटडोर यूनिट (ODU) की अनबॉक्सिंग रिकॉर्ड की थी. यहां भी, फ़ीचर्स सुवेंदु अधिकारी द्वारा शेयर किए गए डिवाइस से मेल खाते हैं. यूज़र्स ने ये भी ज़िक्र किया है कि ये आउटडोर यूनिट का नया वर्जन है जिसे हाल ही में जारी किया गया है.

हमने बरुईपुर में जिला पुलिस के X हैंडल को भी देखा, शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि वहां दो व्यक्ति रहते थे, मालूम चला कि पुलिस ने 24 अप्रैल की शाम को अधिकारी के दावों को खारिज कर दिया था.

पुलिस के मुताबिक, अधिकारी ने जिन दो व्यक्तियों के कश्मीरी होने का दावा किया था, वे असल में मध्य प्रदेश के हैं. पुलिस ने लिखा, “असल में दो व्यक्तियों में से एक हिंदू और दूसरा मुस्लिम है. ये दोनों मध्य प्रदेश से हैं. इन्होंने लगभग तीन सप्ताह पहले बारुईपुर में एक फ्लैट किराए पर लिया था. पेशे से इंजीनियर, वे एक स्थानीय मित्र के माध्यम से पश्चिम बंगाल में मछली पालन में व्यवसाय के अवसर तलाश रहे थे. उनके फ्लैट में एक साधारण जियोफ़ाइबर नेटवर्क है, जिसका इस्तेमाल कई नागरिक करते हैं. इसमें कुछ भी संदेहास्पद नहीं है. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग राज्य या केंद्रीय एजेंसी से बात करने के बजाय इस तरह की ग़लत और संभावित रूप से उकसाने वाली जानकारी को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने का विकल्प चुनते हैं. ”

इस प्रकार, सतर्कता दिखाने के चक्कर में भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में दो व्यक्तियों का पूरा पता ऑनलाइन शेयर कर दिया. उनका मानना ​​​​था कि वे कश्मीरी थे. साथ ही उन्होंने एक डीवाइस की तस्वीर भी शेयर की, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि ये संदिग्ध है. असल में तस्वीर वाई-फ़ाई कनेक्शन की बाहरी यूनिट की थी जो काफी सामान्य है और दोनों लोग मध्य प्रदेश से हैं. शुभेंदु अधिकारी ने न केवल आधारहीन जानकारी शेयर की, बल्कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीरियों को निशाना बनाकर विभाजनकारी भावनाओं को भी बढ़ावा दिया.”

ध्यान दें कि इस आर्टिकल के पब्लिश होने तक शुभेंदु अधिकारी ने अपना X पोस्ट नहीं हटाया है.

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About the Author

Student of Economics at Presidency University. Interested in misinformation.