नोट: वायरल तस्वीरें विचलित करने वाली हैं जिसे ध्यान में रखकर ऑल्ट न्यूज़ ने इन्हें ब्लर किया है.
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक महिला की तस्वीर वायरल है जिसमें उसका पैर ज़ख़्मी दिख रहा है. यूज़र्स इसे शेयर कर दावा कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक दलित दरोगा ने ब्रह्मभोज आयोजित करने पर एक ब्राह्मण परिवार पर क्रूरता की हदें पार कर दी. मेसेज में कथित रूप से कहा गया कि दलित दरोगा ने राम राम बोलने पर मुहं में जूता डाला और कहा की राम राम नहीं जय भीम बोल. वहीं साथ में ये बताया गया कि दरोगा का नाम रमेश कुमार है और उसकी पोस्टिंग गाजीपुर के नूरपुर स्थित हालत थाने में है. वायरल टेक्स्ट में कई ऐसे आरोप लगाए गए हैं और दरोगा द्वारा ब्राह्मण परिवार पर अत्याचार के दावे किये गए हैं.
X-यूज़र ‘दी हिंदू सेना‘ ने दरोगा को जातिवादी बताते हुए ऐसे ही क्लैम के साथ तस्वीर पोस्ट की. (आर्काइव लिंक)
X-यूज़र ‘यति रविंद्रानन्द सरस्वती’ ने भी ये तस्वीर ट्वीट की और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस को टैग करते हुए इस मामले में कारवाई करने की मांग की. (आर्काइव लिंक)
फ़ेसबूक पेज ‘साधना पाण्डेय‘ ने भी ऐसा दावा करते हुए तस्वीर पोस्ट की. (आर्काइव लिंक)
फ़ैक्ट चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने देखा की वायरल पोस्ट पर ग़ाज़ीपुर पुलिस ने 9 फ़रवरी को रिप्लाइ किया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि सोशल मीडिया पर हाल की घटना की बताते हुए जो तस्वीर शेयर की गई है वो लगभग 5 साल पहले की घटना से जुड़ी हुई है. साथ ही उसी वक़्त संबंधित पुलिसवालों पर कार्रवाई हो चुकी है. (आर्काइव लिंक)
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्वीटर) पर वायरल पोस्ट, जिसे कतिपय ट्वीटर हैण्डल द्वारा वायरल किया जा रहा है जो लगभग 05 वर्ष पूर्व में घटित घटना का है, जिसे वर्तमान समय का बताकर ट्वीट कर अफवाह फैलाना/भ्रमित किये जाने के सम्बन्ध में। @Uppolice @IgRangeVaranasi @adgzonevaranasi pic.twitter.com/J1dcUmCFeZ
— Ghazipur Police (@ghazipurpolice) February 9, 2025
प्राप्त जानकारी के आधार पर ऑल्ट न्यूज़ ने आगे जांच की. हमने पाया कि अगस्त 2020 में भी वर्तमान में किए गए समान दावों के साथ तस्वीर शेयर करते हुए फ़ेसबूक पेज उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय अपराध जांच ब्यूरो और X-हैंडल प्रवेश शर्मा द्वारा पोस्ट किए गये थे.
1 अगस्त 2020 को ग़ाज़ीपुर पुलिस ने इस मामले पर पोस्ट किया में बताया कि ये घटना 26 जुलाई 2020 की है. मुखबिर की सूचना पर थाना नगसर हाल्ट पुलिस ने राजन पांडे उर्फ झगडू को मय तमंचे के ग्राम नूरपुर में गिरफ्तार किया था. पुलिस जब उसे थाने ला रही थी तो उनके परिजनों व पड़ोसियों ने मिलकर पुलिस के साथ बदतमीजी करते हुए राजन उर्फ झगडू पांडे को छुड़वा लिया. इस दौरान, 3 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. इस घटना के क्रम में मु0अ0सं0 33/20 धारा 3/25 आर्म्स एक्ट राजन उर्फ झगडू पांडे व 34/20 धारा 147,148 332, 333, 353, 323, 504, 506, 188,269,270 भादवि व 7 सीएलए एक्ट विरूद्ध दिपेश पांडे सहित 10 नामजद व 2 अज्ञात अभियुक्तगण थाना नगसर हाल्ट पर पंजीकृत किया गया. मामले पर संज्ञान लेते हुए मेडिकल के बाद शिवदास पांडे, अजय, कमलेश, भूपेंद्र, अविनाश व सुशील पांडे समेत 9 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और न्यायालय के समक्ष 27 जुलाई 2020 को प्रस्तुत किया गया था. नामजद अभियुक्तगण राजन उर्फ़ झगडू पांडे के सगे पाटीदार हैं और दिपेश, अविनाश व सुशील रिश्ते में राजन के चचेरे भाई है. (आर्काइव लिंक)
— Ghazipur Police (@ghazipurpolice) August 1, 2020
साथ ही हमें ग़ाज़ीपुर पुलिस के फ़ेसबूक पेज पर अपर पुलिस अधीक्षक का वीडियो स्टेटमेंट भी मिला जिसे 4 अगस्त 2020 को पोस्ट किया गया था. वीडियो में घटना से सम्बंधित जानकारी देते हुए मेजेस्ट्रियल जांच की बात बताई गई है और कहा गया है कि नगसरहाल्ट थाना अध्यक्ष और उप निरीक्षक को लाइन हाज़िर किया गया था. अपर पुलिस अधीक्षक ने वायरल जातिगत टिप्पणी और दावों को झूठा बताया. (आर्काइव लिंक)
थाना नगसरहाल्ट ग्राम नूरपुर की घटना के सम्बन्ध में अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण की बाइट ।
Posted by Ghazipur Police on Monday 3 August 2020
पंजाब केसरी यूपी ने भी इस मामले में खबर चलाई थी. (आर्काइव लिंक)
10 फ़रवरी को एक बार फिर गाज़ीपुर पुलिस ने ट्वीट कर इन दावों का खंडन किया और अफवाह फैलाने वालों की खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर कार्यवाही की जाने की जानकारी दी.
सोशल मीडिया पर भ्रामक पोस्ट कर अफवाह फैलाना,लोगों को भ्रमित,जनमानस में विद्वेष उत्पन्न कर कानून व्यवस्था प्रभावित कर लोकशांन्ति के विरुद्ध अपराध के लिए उत्प्रेरित करने वाले ट्वीटकर्ताओं/पोस्टकर्ताओं के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। @Uppolice @IgRangeVaranasi pic.twitter.com/o6nAUPWqQi
— Ghazipur Police (@ghazipurpolice) February 10, 2025
कुल मिलाकर, क़रीब 5 पहले हुई घटना एक बार फिर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. इस मामले में पुलिसकर्मियों के खिलाफ उसी वक़्त उचित कार्रवाई कर उन्हें निलंबित कर दिया गया था.
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