अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तहत संयुक्त राज्य अमेरिका ने अवैध अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. बुधवार, 5 फ़रवरी को, प्रेस ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि 100 से ज़्यादा भारतीय प्रवासियों को लेकर एक अमेरिकी विमान पंजाब के अमृतसर में उतरा. सोशल मीडिया पर भारतीयों को निर्वासित किए जाने की ये रिपोर्ट्स, ऐसी तस्वीर और क्लिप्स के साथ शेयर की गईं जिनमें लोग जंजीरों और हथकड़ियों में बंधे हुए थे.
तुर्की के पब्लिक ब्रॉडकास्टर TRT वर्ल्ड की एक रिपोर्ट में “हथकड़ी पहने” भारतीय अप्रवासियों को ले जा रहे अमेरिकी सैन्य विमान की एक ऐसी ही तस्वीर दिखाई गई है. (आर्काइव) दिल्ली स्थित मीडिया आउटलेट द डेली गार्डियन ने भी अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन पर अपनी रिपोर्ट में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया. (आर्काइव)
इस बीच, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी बयान जारी कर कहा कि तस्वीरों में भारतीय अप्रवासी हथकड़ी लगाए हुए हैं. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “अमेरिका से निर्वासित किए जाने के दौरान भारतीयों को हथकड़ी लगाए जाने और अपमानित किए जाने की तस्वीरें देखकर मुझे एक भारतीय के रूप में दुख होता है…” पवन खेड़ा की शुरुआती पोस्ट में चार तस्वीरें थीं जो जाहिर तौर पर भारतीय प्रवासियों के रूप में शेयर की गई थीं. बाद में पवन खेड़ा ने पोस्ट को एडिट किया और तस्वीरें हटा दीं. आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने उनके ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स रखे हैं. (आर्काइव्स लिंक 1, लिंक 2)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि TRT वर्ल्ड की रिपोर्ट में हथकड़ी लगे आप्रवासियों की तस्वीर और पवन खेरा की पोस्ट में ऊपर दाईं ओर की तस्वीर असल में ग्वाटेमाला के लोगों की है न की भारतीयों की. इन तस्वीरों को न्यूज़ एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस ने 1 फ़रवरी की एक रिपोर्ट में शेयर किया था.
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायु सेना के एक जेट ने गुरुवार, 30 जनवरी को 80 प्रवासियों को कलाई और टखनों में हथकड़ी बांधकर ग्वाटेमाला भेज दिया. इसके कैप्शन में कहा गया है कि चेहरे पर मास्क और हाथों और पैरों पर बेड़ियां पहने प्रवासी, टेक्सास के एल पासो में फ़ोर्ट ब्लिस में एक सैन्य विमान पर निर्वासन का इंतजार कर रहे हैं.
पवन खेड़ा की पोस्ट की चार तस्वीरों में से दूसरी तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर (जिसमें नकाबपोश प्रवासी अपनी पीठ के पीछे हाथ बांधे हुए एक लाइन में चल रहे हैं) हमें 30 जनवरी को X पर शेयर किया गया एक वीडियो मिला. ये तस्वीर इस वीडियो का ही एक फ़्रेम है. पोस्ट के कैप्शन में बताया गया है कि प्रवासियों को मेक्सिको में निर्वासित होते हुए दिखाती है. वीडियो में एक लोकेशन स्टाम्प में हिडाल्गो, टेक्सास का है.
Border patrol walking them right back in to Mexico.
(Repost ) pic.twitter.com/rRQ7JcifDr
— Viral News NYC (@ViralNewsNYC) January 30, 2025
इसे ध्यान में रखते हुए, हमने की-वर्ड्स सर्च किया. हमें रॉयटर्स द्वारा तस्वीरों का एक कंपाइलेशन मिला जिसमें 29 जनवरी से आप्रवासन कार्रवाई के विजुअल्स थे. कंपाइलेशन की तस्वीरों में से एक में टेक्सास के मैकलेन में हिडाल्गो अंतरराष्ट्रीय सीमा पुल के पार प्रवासियों को ले जाते हुए दिखाया गया है. उन्हीं प्रवासियों को रॉयटर्स कंपाइलेशन, X पर जनवरी में अपलोड किए गए वीडियो और पवन खेरा की पोस्ट (जिसे अब एडिट कर दिया गया है) में देखा जा सकता है. आगे, ऑल्ट न्यूज़ ने इनकी तुलना भी की है.
हमने उसी रॉयटर्स पिक्चर कंपाइलेशन में पवन खेरा द्वारा शेयर की गई तीसरी तस्वीर भी मिलीं. 23 जनवरी की तस्वीर में हिरासत में लिए गए प्रवासियों को एरिज़ोना के टक्सन में टक्सन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अमेरिकी वायु सेना सी-17 ग्लोबमास्टर III निष्कासन उड़ान पर उड़ान भरने का इंतजार करते हुए दिखाया गया है. और ये तस्वीर भारतीयों को निर्वासित किए जाने से दो सप्ताह पहले ली गई थी.
ऑल्ट न्यूज़ ने पवन खेरा की पोस्ट में इस्तेमाल की गई आखिरी तस्वीर को भी वेरिफ़ाई किया. ये 28 जनवरी को US होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा X पर शेयर किए गए वीडियो के फ़्रेम्स में से एक है. पोस्ट में कहा गया है, “ट्रम्प प्रशासन के पहले सप्ताह में, हमने देश में अवैध रूप से हिंसक अपराधियों को गिरफ़्तार करने और निर्वासित करने के अमेरिकी लोगों से राष्ट्रपति ट्रम्प के वादे को पूरा किया है.”
इसके अलावा, हालांकि कुछ न्यूज़ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि लगभग 200 भारतीयों को निर्वासित किया गया था, पंजाब के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल (जो प्रवासी भारतीयों के मामलों को देखते हैं) ने ये संख्या 104 बताई है.
मिरर नाउ ने निर्वासन की क्लिप प्रसारित की
भारतीय न्यूज़ आउटलेट मिरर नाउ ने क्लिप प्रसारित करते हुए दावा किया कि इसमें भारतीयों को निर्वासित किया जा रहा है. ध्यान दें कि इन वीडियो में हवाईअड्डे और अमेरिकी अधिकारियों के अप्रवासियों की कतार को ले जाने के विजुअल्स थे. लेकिन अप्रवासी यहां हथकड़ी लगाये नहीं दिख रहे हैं. (आर्काइव)
#BreakingNews: US military aircraft carrying 205 deported Indians set to arrive in Amritsar today afternoon @kaur_poviet brings in more details | @NivedhanaPrabhu pic.twitter.com/d1Yzo5HE0S
— Mirror Now (@MirrorNow) February 5, 2025
फ़ैक्ट-चेक
मिरर नाउ के प्रसारण क्लिप में संयुक्त राज्य अमेरिका से निर्वासित प्रवासी ग्वाटेमाला पहुंच रहे हैं; इनका भारतीयों के निर्वासन से कोई संबंध नहीं है. ये क्लिप, एसोसिएशन प्रेस के 25 जनवरी की एक रिपोर्ट में पब्लिश की गई थी.
मिरर नाउ के रिपोर्ट्स और एसोसिएटेड प्रेस के वीडियो के फ़्रेम की तुलना आगे दी गई है.
एक होर्डिंग पर ‘इंस्टीट्यूटो ग्वाटेमाल्टेको डी माइग्रेसियोन’ शब्द है. इसका अनुवाद ग्वाटेमाला इंस्टीट्यूट ऑफ़ माइग्रेशन है. ‘ग्वाटेमाला, सी.ए.’ शब्द भी देखे जा सकते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने भारतीय प्रवासियों के हुए ‘अपमान’ की निंदा की
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी एक तस्वीर शेयर की जिसमें हथकड़ी पहने अप्रवासियों को कतार में खड़ा करके एक विमान में ले जाते हुए दिखाया गया है. उन्होंने X पर लिखा, “हम इस अपमान के लिए और भारतीयों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करने के लिए अमेरिका के खिलाफ विरोध क्यों नहीं कर सकते?”. (आर्काइव)
एक और X अकाउंट ‘इंडियन ट्रेंड एक्स’ ने भी ऐसी ही एक तस्वीर शेयर की जिसमें दावा किया गया कि ट्रम्प के प्रशासन के तहत भारतीयों को अमेरिका से निर्वासित किया जा रहा है. 28 जनवरी के पोस्ट में कहा गया है, “ट्रंप प्रशासन के पहले हफ्ते में हमने देश में अवैध रूप से हिंसक अपराधियों को गिरफ़्तार और निर्वासित कर के राष्ट्रपति ट्रम्प के वादे को पूरा किया है.” (आर्काइव)
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कांग्रेस प्रवक्ता और X पोस्ट द्वारा शेयर की गई तस्वीरें भारतीयों की नहीं हैं. दोनों तस्वीरें असल में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट द्वारा 25 जनवरी को X पर शेयर की गई थीं – अमृतसर निर्वासन से कम से कम 11 दिन पहले.
Deportation flights have begun.
President Trump is sending a strong and clear message to the entire world: if you illegally enter the United States of America, you will face severe consequences. pic.twitter.com/CTlG8MRcY1
— Karoline Leavitt (@PressSec) January 24, 2025
तस्वीरों का इस्तेमाल US होमलैंड सिक्योरिटी द्वारा X पर शेयर किये गए वीडियो में भी किया गया था. 28 जनवरी की पोस्ट में दावा किया गया था कि केवल एक हफ्ते में अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने “7,300 अवैध एलियंस को हटा दिया और वापस कर दिया.”
In the first week of the Trump Administration, we have fulfilled President Trump’s promise to the American people to arrest and deport violent criminals illegally in the country. In one week, law enforcement officials have removed and returned 7,300 illegal aliens. pic.twitter.com/JKZYMD0f00
— Homeland Security (@DHSgov) January 28, 2025
भारतीय प्रवासियों के निर्वासन को दिखाने का दावा करने वाली एक और तस्वीर वायरल
इसी तरह की एक तस्वीर का इस्तेमाल पंजाब स्थित न्यूज़ आउटलेट द ट्रिब्यून ने भारतीयों के निर्वासन पर अपनी रिपोर्ट में किया था. (आर्काइव)
फ़ैक्ट-चेक
द ट्रिब्यून के आर्टिकल में इस्तेमाल की गई तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें सैन्य विमानों का इस्तेमाल करके इन निर्वासन की लागत पर रॉयटर्स की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में उसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है. ये तस्वीर, अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा जारी एक हैंडआउट, 23 जनवरी को फ़ोर्ट ब्लिस, टेक्सास में ली गई थी और इसमें अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा सुरक्षा एजेंटों को हिरासत में लिए गए प्रवासियों को अमेरिकी वायु सेना C -17 ग्लोबमास्टर III विमान में चढ़ने के लिए मार्गदर्शन करते हुए दिखाया गया है.
ये तस्वीर भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किए जाने से दो हफ्ते पहले की है.
ऑल्ट न्यूज़ की फैक्ट-चेक रिपोर्ट ने कई असंबंधित तस्वीरों और क्लिप्स की पुष्टि की है जिन्हें इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये भारतीय हैं, लेकिन असल में अन्य राष्ट्रीयताओं के प्रवासियों को निर्वासित किया जा रहा है.
हालांकि, इसका मतलब ये नहीं है कि भारतीय निर्वासित लोगों को इस तरह की परिस्थितियों का सामना नहीं करना पड़ा. गुरुवार, 6 फ़रवरी को, द इंडियन एक्सप्रेस ने रिपोर्ट किया कि अवैध रूप से वहां रहने वाले भारतीयों को वाकई हथकड़ी और जंजीरों से बांधकर भारत वापस भेज दिया गया था. रिपोर्ट में निर्वासित लोगों में से एक का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारतीयों को विमान में 40 घंटे तक जंजीरों में जकड़ कर रखा गया, “एक इंच भी आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी गई”, बार-बार अनुरोध करने के बाद उन्हें खुद को वॉशरूम में “खींचकर” ले जाने की अनुमति दी गई. यूएस बॉर्डर पेट्रोल के ऑफ़िशियल इंस्टाग्राम हैंडल ने निर्वासन के विजुअल्स भी जारी किए जिसमें बेड़ियों में जकड़े भारतीय अप्रवासियों को विमान में प्रवेश करते देखा जा सकता है. वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “USBP और साझेदारों ने अवैध एलियंस को सफलतापूर्वक भारत लौटाया जो सैन्य परिवहन का इस्तेमाल करते हुए अब तक की सबसे दूर निर्वासन उड़ान है.”
View this post on Instagram
साथ ही, यहां ये बताना भी जरूरी है कि ये पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों को निर्वासित किया है. लेकिन इससे पहले कभी भी ऐसा करने के लिए सैन्य विमान तैनात नहीं किए गए थे.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.