सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति कमरे में एक महिला को बेरहमी से लात-घूंसों से पीट रहा है. इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में जिस महिला को पीटा जा रहा है वह हिंदू है और आरोपी मुस्लिम समुदाय से है.
हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेंद्र उर्फ पिंकी ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि मुस्लिम लड़कों के साथ भाग जाने वाली हिंदू लड़कियों के साथ ऐसा ही होता है.
अक्सर गलत सूचना फैलाने वाले दक्षिणपंथी इन्फ्लुएंसर दीपक शर्मा ने भी सांप्रदायिक एंगल से वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट शेयर किए. (आर्काइव लिंक)
ओशन जैन नाम के यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि एक मुस्लिम घर में हिंदू लड़की के साथ ऐसा ही होता है. (आर्काइव लिंक)
फैक्ट-चेक
हमने देखा कि दीपक शर्मा के ट्वीट का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश की हापुड़ पुलिस ने 26 जून को सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे का खंडन किया और इसे भ्रामक बताया. अपने ट्वीट में पुलिस ने कहा कि कुछ शरारती तत्व मुस्लिम दंपति के बीच झगड़े को हिंदू-मुस्लिम मोड़ देकर सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें पोस्ट कर रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, वीडियो करीब डेढ़ महीने पुराना है, महिला की पिटाई करने वाला व्यक्ति उसका पति है और दोनों दंपत्ति जन्म से मुस्लिम हैं. इस मामले में पुलिस ने सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर लिया है. फिलहाल दोनों पति-पत्नी आपसी सहमति से साथ रह रहे हैं.
— HAPUR POLICE (@hapurpolice) June 26, 2025
जांच के दौरान हमने देखा कि इस वीडियो को एक यूज़र ने 19 जून को पोस्ट करते हुए आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हापुड़ पुलिस को टैग किया था. इसपर पुलिस ने जवाब देते हुए कहा था कि पहले ही हापुड नगर में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर इस मामले पर कार्रवाई की जा रही है.
उक्त वायरल वीडियो करीब डेढ़ माह पुराना है, जिसमें महिला को पीटने वाला व्यक्ति उसका पति है, जिसके संबंध में पूर्व में थाना हापुड नगर पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत है, साक्ष्य संकलन की कार्यवाही कर आरोप पत्र मा0 न्यायालय प्रेषित किया जा चुका है।
— HAPUR POLICE (@hapurpolice) June 19, 2025
कुल मिलाकर, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने मुस्लिम महिला को उसके पति द्वारा बेरहमी से पीटे जाने के वीडियो को सांप्रदायिक एंगल से शेयर करते हुए दावा किया कि पीटे जाने वाली महिला हिंदू है और उसका पति मुस्लिम है. पुलिस ने मामले की जांच की और पाया कि इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, असल में दोनों दंपत्ति मुस्लिम हैं.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.