हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली में आईटी पार्क बनाने के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही थी. ये जगह कई तरह के वन्यजीवों का घर मानी जाती है. इसको लेकर छात्रों और पर्यावरणविदों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें अंधेरे में बुलडोज़र चलता दिख रहा है, वहीं पीछे से मोर के झुंड की आवाज़ सुनाई देती है. इसे शेयर करते हुए कई छात्रों, नेताओं, और सोशल एक्टिविस्टस ने कहा कि जंगल की कटाई से मोर रो रहे हैं.
इसके बाद तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के समर्थकों द्वारा एक कथित फैक्ट-चेक सोशल मीडिया पर शेयर किया रहा है. जिसमें एक तरफ अंधेरे में बुलडोज़र चलता दिख रहा है और बैकग्राउंड में कई मोरों की आवाज़ सुनाई दे रही है (जिसे कुछ लोगों ने मोर के रोने की आवाज़ बताकर शेयर किया), वहीं दूसरी तरफ एक वीडियो में रात के समय बुलडोज़र चलता दिख रहा है, लेकिन उसमें मोरों की आवाज़ नहीं आ रही है. इस वीडियो को शेयर करते हुए रेवंत रेड्डी के समर्थक दावा कर रहे हैं कि मोरों की आवाज़ वाला वीडियो फ़र्ज़ी है और जिस वीडियो में मोरों की आवाज़ नहीं आ रही है, वह असली है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के समर्थक अकाउंट तेलंगाना गलम ने कथित फ़ैक्ट-चेक शेयर करते हुए लिखा कि मोर के रोने की आवाज़ को सच मानकर शेयर करने वालों को यह देखना चाहिए. ये बीआरएस पार्टी का फ़र्ज़ी सोशल मीडिया कैम्पैन है.
నెమలి అరుపులు నిజం అనుకుని స్టేటస్లు, స్టోరీలు పెట్టినవాళ్లు ఇది చూడండి..
నెమళ్లను, జింకలను తిరిగి యూనివర్సిటీలోకి పంపించాకే ప్రభుత్వ భూమిని చదును చేయడం మొదలు పెట్టారు..
తెలిసి తెల్వక రియాక్ట్ అవుతున్న సెలబ్రిటీలు సైతం ఏది నిజం అని తెలుసుకుని రియాక్ట్ అవ్వండి..
రాజకీయ… pic.twitter.com/NlaWuvdLcL
— Telangana Galam (@TelanganaGalam_) April 2, 2025
रेवंत रेड्डी समर्थक गणेश गंदम में इंस्टाग्राम पर कथित फ़ैक्ट-चेक इसी दावे के साथ शेयर किया कि मोर की आवाज़ वाला वीडियो फ़र्ज़ी है.
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तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया और कम्यूनिकेशन अध्यक्ष राम मोहन रेड्डी ने भी कथित फ़ैक्ट-चेक इसी दावे के साथ शेयर किया.
Kindly verify the facts and authenticity of the video before posting plz..
FYI👇
There is no name as you mentioned Kancha Gachibowli Forest (KGF ) existing in Telangana.
In the light of the orders passed by both the High Court and Supreme Court, the land admeasuring 400Acres… https://t.co/gQB8b54wyp pic.twitter.com/eK0TrlpmLW
— Sama Ram Mohan Reddy (@RamMohanINC) April 3, 2025
ये वीडियो रेवंत रेड्डी के कई समर्थकों ने इसी दावे के साथ शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
सबसे पहले गौर करें कि जिसे मोर के रोने की आवाज़ बताई जा रही है, दरअसल वो मोर के झुंड की आम आवाज़ है. और इसका कोई प्रमाण नहीं है कि मोर रो रहे थे. ऐसे कई वीडियोज़ इंटरनेट पर मौजूद है जिसमें सुबह के समय मोर के ऐसे आवाज़ सुने जा सकते हैं.
वायरल वीडियो का लोकेशन वेरीफाई करने के लिए हमने इसके कई फ्रेम को हैदराबाद यूनिवर्सिटी के आस-पास की लोकेशन से मिलाने की कोशिश की. हमने पाया कि वायरल वीडियो का एक फ़्रेम गूगल मैप्स पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी की गैलरी में मौजूद तस्वीर से मेल खाता है जिसे 2022 में अपलोड किया गया था, यानी, यह वीडियो हैदराबाद यूनिवर्सिटी कैंपस के आस-पास का ही है.
हम वायरल वीडियो के सोर्स रजत कुमार (बदला हुआ नाम) तक पहुंचे. उन्होंने हमें 1 मिनट 9 सेकेंड का ओरिजिनल वीडियो भेजा और बताया कि ये वीडियो उन्होंने ही रिकार्ड किया था. इसके साथ ही उन्होंने हमें उस समय का दो अन्य वीडियो भी शेयर किया जिसे उनके मोबाइल से उसी वक्त रिकार्ड किया गया था, जब वायरल वीडियो रिकार्ड किया गया था. (पारदर्शिता के लिए, हमने सभी 3 वीडियो की ओरिजनल फ़ाइल यहां अपलोड कर दिए हैं)
हमने इन्हें ओपन सोर्स मेटाडाटा एक्स्ट्रैक्शन टूल के जरिए चेक किया तो उसके क्रियेशन की तारीख (2025:03:30 21:43:37 UTC) पता चला, जिसे इंडियन स्टैन्डर्ड टाइम में कन्वर्ट करने पर यह 31 मार्च के सुबह 3 बजकर 13 मिनट 37 सेकंड आता है. वहीं इसका फ्रेम विड्थ और हाइट 3840×2160, और मेगापिक्सेल 8.3 दिखा रहा है.
रजत कुमार ने हमें उनके मोबाइल का एक रिकॉर्डिंग भी शेयर किया उसमें वीडियो के डिटेल्स में इसके रिकार्ड होने का समय 31 मार्च के सुबह 3 बजकर 13 मिनट दिखा रहा है और फ्रेम विड्थ और हाइट 3840×2160, और मेगापिक्सेल 8.3 दिखा रहा है. और ये मेटाडाटा एक्स्ट्रैक्शन टूल के जरिए मिली जानकारी से मेल खाता है.
हमने रजत कुमार द्वारा भेजे गए दो अन्य वीडियोज़ को भी मेटाडाटा एक्स्ट्रैक्शन टूल के जरिए क्रियेशन की तारीख चेक की तो पाया कि दूसरे वीडियो को (2025:03:30 21:25:02 UTC) यानी इंडियन स्टैन्डर्ड टाइम के अनुसार 31 मार्च को 2 बजकर 55 मिनट 2 सेकेंड और तीसरे वीडियो को (2025:03:30 21:45:47 UTC) यानी इंडियन स्टैन्डर्ड टाइम के अनुसार 31 मार्च को 3 बजकर 15 मिनट 45 सेकेंड पर रिकॉर्ड किया गया था. और इन दोनों वीडियो का भी फ्रेम विड्थ और हाइट 3840×2160, और मेगापिक्सेल 8.3 दिखा रहा है. यानी, तीनों वीडियो एक ही मोबाइल से रिकॉर्ड किया गया था.
एडिशनल वेरीफिकेशन (सैम्पल वीडियो)
वायरल वीडियो के एडीशनल वेरीफिकेशन के लिए हमने रजत से उसी मोबाइल से एक वीडियो रिकॉर्ड कर हमें असली फ़ाइल भेजने को कहा जिससे हम उस वीडियो का मेटाडाटा, पिछले तीनों वीडियो से मैच कर सकें. उन्होंने हमें एक वीडियो भेजा जिसे12 अप्रैल को 2 बजकर 59 मिनट पर रिकॉर्ड किया था. (ओरिजिनल फ़ाइल) हमने इस वीडियो को मेटाडाटा एक्स्ट्रैक्शन टूल के जरिए क्रियेशन की तारीख चेक किया तो पाया कि इसे 2025:04:12 09:29:58 UTC) यानी, इंडियन स्टैन्डर्ड टाइम के अनुसार 12 अप्रैल को 2 बजकर 58 मिनट 59 सेकेंड पर रिकॉर्ड किया गया था. पीछे तीनों वीडियो की तरह इस वीडियो का भी फ्रेम विड्थ और हाइट 3840×2160, और मेगापिक्सेल 8.3 दिख रहा है.
(सभी वीडियोज़ के मेटाडाटा में मीडिया क्रीऐट और मोडिफ़ाई डेट बिल्कुल एक है. यानी, इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है.)
कुल मिलाकर, जांच से पता चलता है कि जिस वीडियो में मोर की आवाज़ है, वो फ़र्ज़ी नहीं है. कांग्रेस समर्थकों का फैक्ट चेक झूठा है.
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