17 जून को कनाडा में तीन दिवसीय ग्रुप ऑफ़ सेवन (जी7) शिखर सम्मेलन के समापन के बाद से, न्यूज़ एजेंसी ANI की एक X पोस्ट का एक कथित स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया गया. स्क्रीनशॉट में वैश्विक नेताओं की एक तस्वीर है, साथ ही लिखा है, “#WATCH | पीएम मोदी को G7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया, लेकिन मंच पर आमंत्रित नहीं किया गया? #BoycottG7Summit.”

स्क्रीनशॉट के मुताबिक, ये तस्वीर 17 जून को 14:25 बजे IST (दोपहर 2 बजकर 25 मिनट पर) पर पोस्ट की गई थी.

इस साल कनाडा के कानानास्किस, अल्बर्टा में आयोजित 51वें जी7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आखिर समय में आमंत्रित किए जाने के कारण भारतीय मीडिया ने इसकी सावधानीपूर्वक जांच की. देर से आए निमंत्रण को भारत-कनाडा संबंधों में तनाव के संकेत के रूप में देखा गया.

कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सात ग्रुप या G7 के 7 देश हैं. हालांकि, यूरोपीय संघ और भारत सहित कई गैर-G7 देशों को भी शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. गैर-G7 सदस्यों को निमंत्रण देना मेजबान देश का विशेषाधिकार है.

एक X यूज़र ‘@rebelliousdogra’ ने ANI की पोस्ट में टाइम स्टैम्प के तुरंत बाद 17 जून को 1429 बजे (2 बजकर 29 मिनट) स्क्रीनशॉट पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि ANI ने इस पोस्ट को हटा दिया. (आर्काइव)

इसके तुरंत बाद, एक और यूज़र ‘@yasarsha_SP’ ने वही स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें दावा किया गया कि न्यूज़ एजेंसी ने पोस्ट हटा दी है. (आर्काइव)

कई यूज़र्स ने वही स्क्रीनशॉट पोस्ट किया जिसमें दावा किया गया कि न्यूज़ एजेंसी ने पहले विवादास्पद कैप्शन वाला ट्वीट पोस्ट किया और बाद में हटा दिया. इसके कुछ उदाहरण आगे हैं:

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल दावों की शुरुआती जांच में विवादास्पद कैप्शन और हैशटैग ‘#BoycottG7Summit’ के कारण ऑल्ट न्यूज़ को इस स्क्रीनशॉट की प्रामाणिकता पर शक करने पर मजबूर कर दिया.

हमने 17 जून को 2 बजकर 20 मिनट से 2 बजकर 40 मिनट के बीच ANI द्वारा की गई सभी X पोस्ट की जांच की. उन 20 मिनटों में न्यूज़ एजेंसी ने पांच पोस्ट्स किये थे, लेकिन कोई भी पोस्ट जी7 शिखर सम्मेलन से संबंधित नहीं था. इसके अलावा, हमने न्यूज़ एजेंसी द्वारा 16 से 18 जून के बीच G7 से संबंधित सभी पोस्ट की जांच की, और उनमें से किसी ने भी वायरल स्क्रीनशॉट में G7 नेताओं को दिखाने वाली तस्वीर का इस्तेमाल नहीं किया.

फिर, ये जांचने के लिए कि क्या ANI ने 2 बजकर 20 मिनट से 2 बजकर 40 मिनट के बीच कोई पोस्ट हटाई है. हमने उस विंडो के दौरान ANI को दिए गए सभी रिप्लाईज की जांच की. ध्यान दें कि भले ही कोई X पोस्ट हटा दिया गया हो, उसके रिप्लाईज़ तब तक नहीं हटाए जाते जब तक कि रिप्लाइ करने वाले यूज़र्स खुद ऐसा न करें. हमें उस दौरान किसी भी कथित रूप से हटाए गए पोस्ट पर किया गया कोई रिप्लाई नहीं मिला.

इसके अलावा, अपने ज़्यादातर G7 कवरेज के लिए, ANI ने हैशटैग #PMModiAtG7 का इस्तेमाल किया था. इतनी व्यापक पहुंच वाली न्यूज़ एजेंसी ​​द्वारा #BoycottG7Summit जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करने की संभावना भी लगभग नहीं है.

 

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ऑल्ट न्यूज़ ने इस बारे में जानने के लिए ANI से भी कॉन्टेक्ट किया. न्यूज़ एजेंसी की संपादक स्मिता प्रकाश ने ऑल्ट न्यूज़ को साफ तौर पर बताया कि स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है और ANI ने ऐसा कोई ट्वीट पोस्ट नहीं किया था. इसके अलावा, जांच करते वक्त, स्क्रीनशॉट शेयर करने वाले X यूज़र्स में से एक ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि तस्वीर असली ANI ट्वीट की नहीं थी बल्कि ये उनके द्वारा बनाई गई थी. हालांकि, हम मेटाडेटा के साथ इसकी पुष्टि नहीं कर पाए.

हालांकि, ये ध्यान रखना दिया जाना चाहिए कि एएनआई की पोस्ट के एडिट किए गए स्क्रीनशॉट में इस्तेमाल की गई जी-7 नेताओं की तस्वीर पुरानी या फ़र्ज़ी नहीं है. ये इस साल जी-7 शिखर सम्मेलन में ली गई थी और यह जी-7 समूह की एक “पारिवारिक तस्वीर” है, जो हर शिखर सम्मेलन में नियमित रूप से ली जाती है.  शिखर सम्मेलन में उपस्थित लोगों के साथ ली गई एक और “आउटरीच पार्टनर्स के साथ पारिवारिक तस्वीर” में शामिल विश्व नेताओं के साथ प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद हैं.

यानी, हम ये निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि G7 समिट में मोदी को स्टेज पर नहीं बुलाए जाने पर विरोध करने वाला ANI का वायरल स्क्रीनशॉट एडिटेड है. न्यूज एजेंसी ने ऐसा कोई पोस्ट नहीं किया था.

(मोहम्मद जुबैर और दिति पुजारा के इनपुट्स के साथ)

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