सोशल मीडिया पर एक दावा धड़ल्ले से वायरल हो रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, इलेक्ट्रॉनिक कचरे से ड्रोन बनाने वाले, 22 साल के, कर्नाटक के प्रताप एन एम को डिफ़ेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइज़ेशन (DRDO) में शामिल किया है. फ़ेक न्यूज़ पोर्टल पोस्टकार्ड न्यूज़ ने अंग्रेज़ी और कन्नड़, दोनों भाषाओं में इसका इन्फ़ोग्राफ़िक्स बनवाया, जो अब सोशल मीडिया पर घूम रहा है.

अमित सिंह राजावत ने एक ट्विटर थ्रेड में दावा किया कि प्रताप को DRDO में पीएम मोदी ने नियुक्त किया है. इसे 17,000 से अधिक बार री-ट्वीट किया जा चुका है.

ये दावा हिंदी में भी वायरल है – “#Karnatak के 21 साल के NM Pratap की कबाड़ से #ड्रोन बनाने से DRDO साइंटिस्ट बनने की कहानी दिलचस्प है”. बीजेपी की नेता अमीता सिंह ने इसे #DRDO के साथ ट्वीट किया है.

फ़ैक्टचेक

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, प्रताप ने दावा किया कि बाकी सभी जानकारियां सच हैं, लेकिन DRDO में नियुक्ति की बात ग़लत है. प्रताप ने कहा, “अभी नहीं. मुझे प्रधानमंत्री के ऑफ़िस से कोई ऑफ़र नहीं मिला है. प्रधानमंत्री किसी को DRDO में रिक्रूट नहीं कर सकते हैं, है न? कन्नड़ मीडिया के कई लोगों ने मुझे कहा है कि कॉल आता ही होगा. लेकिन मैं इसको लेकर श्योर नहीं हूं. अभी तक मेरे पास कोई कॉल या ईमेल नहीं आया है.

DRDO में साइंटिस्ट के तौर पर प्रताप की नियुक्ति से संबंधित न्यूज़ रिपोर्ट्स को सर्च करने पर हमें दिसंबर, 2019 की इंडिया टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली. इसमें लिखा है, “वो अभी गंभीर राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स में ड्रोन के विकास के प्रोजेक्ट में, भारत की DRDO के साथ काम कर रहे हैं.” रिपोर्ट के बारे में पूछने पर प्रताप ने हमें बताया, “मैंने बेंगलुरू की एक कंपनी के साथ काम किया था, जो DRDO के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही थी.”

हर साल, DRDO डिफ़ेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट सर्विस में वैज्ञानिकों को एंट्री लेवल (साइंटिस्ट ‘बी’) पर भर्ती करती है. DRDO की रिक्रूटमेंट एंड एसेसमेंट वेबसाइट के अनुसार, “हालांकि, रिसर्च एंड डेवलपमेंट के कुछ खास क्षेत्रों में, ज़रूरत के अनुसार, सीमित संख्या में ऊंचे ग्रेड्स (साइंटिस्ट ‘सी’ से साइंटिस्ट ‘एच’ तक) पर भी वैज्ञानिकों की भर्ती होती है.”

साइंस/इंजीनियरिंग केटेगरी में, वैज्ञानिकों की भर्ती के लिए ज़रूरी योग्यताएं हैं – संबंधित विषयों में फ़र्स्ट क्लास की मास्टर्स डिग्री और पद के अनुसार, 3 से 15 वर्ष तक का कार्यानुभव.

पीएम मोदी द्वारा प्रताप एनएम को DRDO में नियुक्त किए जाने का दावा आधारहीन है. गौरतलब है कि ऑल्ट न्यूज़ ने प्रताप एनएम के साथ जुड़े अवॉर्ड्स और उपलब्धियों को स्वतंत्र रूप से वेरिफ़ाई नहीं किया है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.