यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक मोबाइल-आधारित भारतीय पेमेंट सिस्टम और प्रोटोकॉल है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) ने विकसित किया है. यह स्मार्टफोन ऐप का उपयोग करके दो बैंक खातों के बीच आसानी से पैसे ट्रांसफर की सुविधा देता है. इसमें प्रत्येक लेनदेन के लिए बैंक डिटेल्स दर्ज करने की आवश्यकता नहीं होती. वर्तमान में, उपयोगकर्ताओं को UPI लेनदेन पर किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ता है. सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट्स वायरल हैं जिसमें दावा किया गया है कि UPI के माध्यम से 2000 रूपये से ऊपर होने वाले लेनदेन पर भारत सरकार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) लगाने जा रही है.

इंस्टाग्राम हैंडल @startupbydoc ने 14 अप्रैल को एक ग्राफिक शेयर करते हुए दावा किया कि UPI अब मुफ़्त नहीं रहा, नए नियम के अनुसार 2000 रूपये से ज़्यादा के भुगतान पर लगेगा GST. (आर्काइव लिंक)

CA विवेक खात्री ने 17 अप्रैल को ट्वीट करते हुए लिखा कि भारतीय सरकार कथित तौर पर 2000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने पर विचार कर रही है. (आर्काइव लिंक)

इसी प्रकार कई सोशल मीडिया यूज़र्स और वेबसाइट्स ने भी 2000 रूपये से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर सरकार द्वारा GST लगाने के विचार का दावा करते हुए खबर चलाया जिसमें भारतीय स्टॉकब्रोकर फर्म ऐन्जल वन, कैशीफ़ाई, आदि शामिल है.

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फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल पोस्ट से जुड़े की-वर्ड्स सर्च किया. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें किसी आधिकारिक श्रोत के हवाले से भारत सरकार द्वारा 2000 रूपये से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर GST लगाने का दावा किया जा रहा हो.

हमें वित्त मंत्रालय द्वारा 18 अप्रैल को जारी किया एक प्रेस रिलीज मिला. इसमें मंत्रालय ने 2,000 रुपये से अधिक के UPI लेनदेन पर GST लगाने के ऐसे किसी भी प्रस्ताव के दावे को खारिज कर दिया और ऐसे दावों को पूरी तरह से झूठा, भ्रामक और बिना किसी आधार के बताया.

कुल मिलाकर, कई सोशल मीडिया यूज़र्स और वेबसाइट्स ने बिना पुष्टि किये भ्रामक दावा किया कि सरकार 2000 रूपये से ज़्यादा के UPI लेनदेन पर GST लगाने जा रही है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).