दिल्ली के शाहदरा ज़िले के दिलशाद गार्डन इलाके में सड़क के एक हिस्से पर कांच के टुकड़े बिखरे हुए थे जहां से कांवरियों को पैदल यात्रा करनी थी – इस घटना का फ़ुटेज हाल ही में सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया और कुछ भाजपा नेताओं और राईटविंग हैंडल्स को इस मामले में ‘एक हिंदू धार्मिक त्योहार को बाधित करने की साजिश’ दिखाई दी.

कांवड़ यात्रा सावन के महीने में हिंदू देवता शिव के भक्तों द्वारा की निकाली जाने वाली एक वार्षिक तीर्थयात्रा है. इस दौरान कांवड़िए नंगे पैर घड़े लेकर गंगा तक जाते हैं, उनमें पानी भरते हैं और शिवालयों में जाकर शिव लिंग पर पवित्र जल चढ़ाते हैं. पूरी यात्रा में अक्सर कई दिन लग जाते हैं.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने X पर इस कथित वीडियो पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक FIR दर्ज़ की गई है और दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच इस मामले को देख रही है. उन्होंने ये भी कहा कि “PWD द्वारा 2 घंटे के भीतर सड़क को साफ कर दिया गया था.”

भाजपा दिल्ली के उपाध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा जो अक्सर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हेटफ़ुल और सांप्रदायिक कमेंट करते हुए पाए जाते हैं, ने X पर इस बारे में पोस्ट करते हुए दावा किया कि “कुछ शरारती तत्वों ने लगभग एक किलोमीटर तक कांवर यात्रा मार्ग पर कांच के टुकड़े बिखेर दिए.” (आर्काइव)

PTI ने रिपोर्ट किया कि बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि सड़क पर बिखरे कांच के टुकड़े सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए एक “पूर्व नियोजित साजिश” थी और ये “असामाजिक तत्वों” का काम लगता है. (आर्काइव)

X यूज़र रौशन सिन्हा (@MrSinha_) को पहले भी कई बार ग़लत सूचना और सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा करते हुए पाया गया है. इन्होंने वायरल क्लिप 13 जुलाई को इसी कैप्शन के साथ शेयर की और बताया कि किसी ने जानबूझकर कांवड़ यात्रा बाधित करने के लिए ऐसा किया था. “भाईचारा, एनीवन?” का ज़िक्र करके पोस्ट में मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की कथित संलिप्तता का संकेत दिया गया है, क्यूंकी “भाईचारा” शब्द का इस्तेमाल अक्सर राईटविंग द्वारा धर्मनिरपेक्ष मान्यताओं का मजाक उड़ाने के लिए किया जाता है. इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक 72 हज़ार से ज़्यादा बार इस पोस्ट को देखा गया और 3 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (आर्काइव)

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स, जैसे @KumaarSaagar, @ssaratht और प्रॉपगेंडा हैंडल जैसे @SudarshanNewsDL, @OpIndia_com, ने ऐसा ही दावा किया – कि उनकी तीर्थयात्रा को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर कांवड़ियों के मार्ग में कांच के टुकड़े बिखेर दिए गए थे. (आर्काइव लिंक्स 123456)

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फ़ैक्ट-चेक

फ़ैक्ट्स को वेरिफ़ाई करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने संबंधित की-वर्ड्स के साथ सर्च किया. हमें कई सबंधित न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. 14 जुलाई को पब्लिश द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 13 जुलाई को सीमापुरी पुलिस स्टेशन में एक जूनियर PWD इंजीनियर द्वारा दर्ज़ की गई FIR के आधार पर दिल्ली पुलिस ने पहले ही इस मामले में गिरफ़्तारी कर ली थी. हिरासत में लिया गया व्यक्ति एक ई-रिक्शा चालक है जिसे CCTV में उसी रास्ते को पार करते हुए और अपने वाहन पर ग्लास पैनल (शीशे) ले जाते हुए देखा गया था.

रिपोर्ट में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि ड्राइवर अपनी ई-रिक्शा में 19 ग्लास पैनल, उत्तर प्रदेश के शालीमार गार्डन से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर ले जा रहा था. रास्ते में ये शीशे गिरकर टूट गए.

X पर, ANI ने सीधे कपिल शर्मा के ट्वीट को संबोधित किया और दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया पोस्ट की. इसमें कहा गया था कि जब एक ई-रिक्शा उनमें से 19 लोगों को शालीमार गार्डन से सीलमपुर ले जा रहा था तो ग्लास पैनल टूट गए थे. ड्राइवर की पहचान कुसुम पाल के रूप में हुई है जिसे हिरासत में लिया गया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने ये पुष्टि करने के लिए सीमापुरी पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से कॉन्टेक्ट किया कि क्या उनकी जांच में तोड़फोड़ या साजिश का कोई पहलू सामने आया है, और पुलिस अधिकारी ने इससे साफ तौर पर इनकार किया. पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस मामले में कोई सांप्रदायिक या तोड़फोड़ का ऐंगल नहीं है. जब वो (ड्राइवर) उन्हें ले जा रहा था तो कांच के पैनल दुर्घटनावश गिर गए और टुकड़े-टुकड़े हो गए.”

हमें इंडियन एक्सप्रेस की एक न्यूज़ रिपोर्ट भी मिली जिसमें ई-रिक्शा चालक की पहचान कुसुम पाल के रूप में की गई थी.

यानी, ये दावा पूरी तरह से ग़लत है कि दिल्ली के शाहदरा में सड़क पर पाए गए कांच के टुकड़े जानबूझकर कांवड़ियों को नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाए गए थे या तो ये कोई सांप्रदायिक साजिश थी.

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