9 मार्च को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम ने फ़ाइनल में न्यूज़ीलैंड को हराकर 12 साल बाद ICC चैंपियंस ट्रॉफी जीती. जीत के बाद, जश्न मनाने के लिए पूरे भारत में सड़कों पर बड़ी भीड़ जमा हो गई.

कथित तौर पर तेलंगाना से जश्न के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए. इन वीडियोज में जश्न पर रोक लगाते हुए दिखाया गया है, यहां तक ​​कि पुलिस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हिंसा का भी सहारा ले रही है. चूंकि तेलंगाना एक कांग्रेस शासित राज्य है, इसलिए कई सोशल मीडिया यूजर्स ने आरोप लगाया कि ये कार्रवाई भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए पार्टी के विरोध को दिखाती है. इन यूज़र्स में से कई अपने सोशल मीडिया बायो में खुद को राईटविंगर्स मानते हैं. इन्होंने कांग्रेस को ‘पाकिस्तान’ के साथ जोड़ दिया.

तेलंगाना में जश्न और पुलिस कार्रवाई के वीडियो भाजपा नेता जी किशन रेड्डी, केंद्रीय कोयला और खान मंत्री और सिकंदराबाद के एक सांसद द्वारा X पर शेयर किए गए थे. उन्होंने कहा कि ये शर्मनाक है कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार जश्न मनाने की इजाजत नहीं दी. इस आर्टिकल के लिखे जाने तक, उनकी पोस्ट को 5.3 लाख से ज़्यादा बार देखा गया था. (आर्काइव)

बीजेपी IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इसी तरह के आरोपों के साथ वीडियो शेयर किया. उनके कैप्शन में ये भी सुझाव दिया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार नागरिकों द्वारा अपने देश की जीत का जश्न मनाने के विचार के खिलाफ थी. (आर्काइव)

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ‘दो संस्थाओं’ को छोड़कर, पूरा भारत भारतीय टीम की चैंपियंस ट्रॉफी जीत का जश्न मना रहा था. उन्होंने कहा कि विरोधी संस्थाएं पाकिस्तान और “शमा मोहम्मद की कांग्रेस” थीं. (आर्काइव)

2 मार्च को कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने एक बड़े विवाद को जन्म दिया. X पर किए गए एक पोस्ट में उन्होंने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा को “एक खिलाड़ी के लिए मोटा” और “सबसे अप्रभावी कप्तान” कहा. ये पोस्ट अब हटा दिया गया है. कांग्रेस नेता अपने इस बयान के लिए निशाने पर आ गए. और देश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों का अपमान करने के लिए पार्टी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा.

रौशन सिन्हा (@MrSinha_) (जो खुद को हिंदू अधिकार कार्यकर्ता कहते हैं) ने भी X पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां और डंडे बरसाते हुए दिखाया गया. उन्होंने इस आरोप को आगे बढ़ाया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने देश की जीत का जश्न मना रहे लोगों पर पुलिस बल तैनात किया था. यूज़र ने कहा कि ऐसा शायद इसलिए किया गया क्योंकि पार्टी पाकिस्तान के ट्रॉफ़ी नहीं जीतने से नाराज़ थी. इस पोस्ट को भी काफी लोकप्रियता मिली और इसे 4 लाख से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव)

X यूज़र्स @MeghUpdates और @VlKAS_PR0NAM0 ने भी इसी तरह के दावों के साथ वायरल वीडियो पोस्ट किया. पहले ने पूछा कि कांग्रेस सरकार जश्न क्यों रोक रही है जबकि दूसरे ने आश्चर्य जताया, “क्या हम भारत में हैं या पाकिस्तान में?” (आर्काइव 1,2)

अनावश्यक राजनीतिक ऐंगल?

इन दावों पर गौर करते हुए, ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि अव्यवस्थित भीड़ को रोकने में पुलिस का हस्तक्षेप सिर्फ तेलंगाना तक सीमित नहीं था. भारतीय टीम की चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद, लोग जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में जमा हुए और बेकाबू हो रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए दूसरी जगहों पर भी पुलिस बल तैनात किए गए.

9 मार्च को न्यूज़ एजेंसी ANI ने महाराष्ट्र के नागपुर में पुलिस द्वारा ऐसा करते हुए वीडियो शेयर किया.

एक अन्य वीडियो भी नागपुर से है, जिसमें हजारों लोगों की मौजूदगी वाले अराजक विजुअल्स के बीच एक व्यक्ति को अनियंत्रित व्यवहार के लिए हिरासत में लिया गया है.

पुणे के एक अन्य वीडियो में पुलिसकर्मियों के एक ग्रुप को कुछ लोगों को डंडों से मारते हुए दिखाया गया है. बाद में द फ्री प्रेस जर्नल ने एक पुलिसकर्मी के हवाले से कहा कि वे शराब के नशे में दुर्व्यवहार करने की वजह से एक व्यक्ति को वहां से अलग ले गए.

ध्यान दें कि महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में है और देवेंद्र फ़ड़नवीस मुख्यमंत्री हैं. इसलिए, भीड़ प्रबंधन में पुलिस का हस्तक्षेप शायद इस मामले में पार्टी की विचारधारा से असंबंधित था.

इसी तरह, ऑल्ट न्यूज़ को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में भी पुलिस द्वारा अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने की ख़बरें मिलीं. (लिंक 12) मध्य प्रदेश में भी हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. गुजरात के गांधीनगर में भारत की जीत का जश्न मनाने वाली देर रात की मोटरसाइकिल रैली के अनियंत्रित होने और हिंसा भड़कने के बाद 11 लोगों को हिरासत में लिया गया.

तेलंगाना में पुलिस की कार्रवाई असामान्य?

तेलंगाना की स्थिति को समझने के लिए, हमने कई X पोस्ट देखे. इससे हमें पत्रकार सूर्या रेड्डी द्वारा शेयर किए गए वीडियोज़ मिले, जो मुख्य रूप से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को कवर करते हैं. इनसे पता चलता है कि पुलिस ने मुख्य रूप से इसलिए हस्तक्षेप किया क्योंकि भीड़ बढ़ रही थी और सड़कें जाम कर रही थीं.

X पर, रेड्डी ने कई वीडियोज पोस्ट किए जिनमें दिखाया गया कि हैदराबाद में कई जगहों पर चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का जश्न मनाने के लिए भारी भीड़ जमा हुई थी. उदाहरण के लिए, यहां तेलंगाना सचिवालय के आसपास खुशी की भावना से इकट्ठा हुई भीड़, भारतीय झंडे को लहराते और जश्न में पटाखे फोड़ते हुए एक पोस्ट है:

एक अन्य जगह दिलसुखनगर में लोगों की भारी भीड़ देखी गई. इसके बाद ट्रैफ़िक जाम हो गया क्योंकि भीड़ ने राजमार्ग को रोक दिया, जिससे यात्रियों और पैदल यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने में दिक्कत हुई. कुछ वीडियो में महिलाएं और बच्चे भीड़ से घबराए हुए और भयभीत दिखाई दे रहे थे.

पत्रकार की एक अन्य पोस्ट में बताया गया है कि कैसे जश्न मना रहे लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-65 को रोक कर दिया और जिससे एक एम्बुलेंस का रास्ता बंद हो गया. भीड़ ने सड़कों पर महिलाओं और बच्चों को भी डराना-धमकाना शुरू कर दिया और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. पोस्ट के कैप्शन में ये भी स्पष्ट किया गया है कि पुलिस के हस्तक्षेप का कोई राजनीतिक पहलू नहीं था, जैसा कि भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है.

इसके अलावा, सरूर नगर पुलिस स्टेशन के X अकाउंट ने 10 मार्च को बीजेपी मंत्री जी किशन रेड्डी के X पोस्ट का जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि कोठापेट और दिलसुखनगर इलाकों के पास बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई थी. किशन रेड्डी को जवाब देते हुए एक अन्य पोस्ट में पुलिस ने कहा कि अचानक इतने सारे लोगों के जमा होने से राजमार्ग जाम हो गया, जिसके बाद यातायात बाधित हो गया.

पुलिस द्वारा शेयर किए गए वीडियो में राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पर भीड़ को यातायात जाम करते हुए दिखाया गया है.

नीचे X पोस्ट के वीडियो में एम्बुलेंस को दिखाता है, जिसका ज़िक्र किशन रेड्डी के पोस्ट में भी किया गया था. कैप्शन में कहा गया है कि गंभीर रूप से बीमार मरीज को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करना पड़ा.

कुल मिलाकर, ये दावा सच नहीं है कि तेलंगाना में कांग्रेस ने पुलिस कार्रवाई की मांग करके भारतीयों को उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाने से रोका. भीड़ ने चैंपियंस ट्रॉफी की जीत का जश्न मनाया था.

सामूहिक समारोहों के मामलों में पुलिस कार्रवाई आम है और पुलिस ने महाराष्ट्र में भी इसी तरह की कार्रवाई की, जहां एक भाजपा नेता सीएम हैं. पत्रकार के पोस्ट से ये भी स्पष्ट होता है कि अनियंत्रित भीड़ राजमार्ग पर यातायात रोक रही थी और पैदल चलने वालों के लिए समस्याएं पैदा कर रही थी.

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