घटना के फ़ुटेज के हिंसक हैं. इसीलिए आर्टिकल में सिर्फ स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल किया गया है, असली वीडियो का नहीं.
PTI, NDTV, रिपब्लिक, इंडिया टुडे, न्यूज़ 24, लाइव हिंदुस्तान, न्यूज़ 24, NDTV वर्ल्ड, दैनिक भास्कर और WION सहित कई भारतीय मीडिया आउटलेट्स ने ख़बर चलाई कि बांग्लादेश में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी. और खबरों में पीड़ित की पहचान लाल चंद सोहाग नाम के एक हिंदू व्यापारी के रूप में की.
वायरल वीडियो में, एक व्यक्ति पीड़ित पर पत्थर की पटिया से हमला करता है, जबकि दूसरा व्यक्ति शरीर पर पैर पटकते और कूदते हुए दिख रहा है. ये सब दिन के उजाले में दर्शकों की भीड़ की मौजूदगी में होता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये भयानक घटना 9 जुलाई को पुराने ढाका में मिटफ़ोर्ड अस्पताल के पास रोजोनी घोष लेन में हुई. वीडियो में कैद हमले की बर्बरता से पड़ोसी देश में बड़े पैमाने पर आक्रोश फ़ैल गया और कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने ढाका में विरोध प्रदर्शन किया.
13 जुलाई को रिपब्लिक ने एक आर्टिकल पब्लिश किया जिसका टाइटल था, “शॉकिंग! बांग्लादेश में हिंदू स्क्रैप डीलर की कंक्रीट स्लैब से पीट-पीट कर हत्या; मौत के बाद हमलावरों ने उसके शरीर पर डांस किया.” रिपोर्ट में पीड़ित की पहचान कबाड़ विक्रेता लाल चंद सोहाग के रूप में की गई. प्रोथोम एलो की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा गया कि पीड़िता की बहन ने गुरुवार को कोतवाली पुलिस में हत्या का मामला दर्ज़ कराया.
इंडिया टुडे ने PTI वायर के हवाले से छपी एक ख़बर में बताया कि एक हिंदू व्यापारी की कंक्रीट स्लैब से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और हमलावरों ने उसके मरने की पुष्टि करने के बाद उसके मृत शरीर पर डांस किया.
इसी तरह के दावे कई भारतीय आउटलेट्स ने भी किए. इन रिपोर्ट्स के स्क्रीनशॉट्स आगे हैं:
ध्यान दें कि NDTV ने बाद में अपना ट्वीट और असली आर्टिकल दोनों डिलीट कर दिया. इस बीच, NDTV वर्ल्ड, PTI और WION ने अपनी रिपोर्ट अपडेट की जिसमें मृतक की डिटेल से ‘हिंदू’ शब्द हटा दिया गया.
पीड़ित के हिंदू होने का दावा सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा भी प्रचारित किया गया. फ़ार राईटविंग इन्फ्लुएंसर रौशन सिन्हा (@MrSinha_) ने 13 जुलाई को X पर कथित वीडियो शेयर किया जिसमें दावा किया गया कि “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार जारी है”, क्योंकि एक हिंदू व्यापारी को इस्लामवादियों द्वारा दिनदहाड़े मार डाला गया था.
वॉयस ऑफ़ बांग्लादेशी हिंदूज़ (VHindus71) ने X पर वीडियो शेयर किया जिसमें विश्व नेताओं से बांग्लादेशी नागरिकों को “मोहम्मद यूनुस की जमात समर्थित सरकार” से बचाने का आग्रह किया.
X-अकाउंट, मेघअपडेट्स (@MeghUpdates) ने भी ये वीडियो शेयर कर दावा किया कि इस्लामवादियों ने बांग्लादेश में एक हिंदू व्यापारी की हत्या की और उसकी लाश पर डांस किया.
रौशन सिन्हा ने बाद में अपना पोस्ट हटा दिया. जबकि बाकी दो हैंडल्स की पोस्ट अभी भी लाइव हैं.
फ़ैक्ट-चेक
इस मामले में आसान सा की-वर्ड्स सर्च करने से ऑल्ट न्यूज़ को कई बांग्लादेशी न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें मारे गए व्यक्ति की पहचान 39 साल के स्क्रैप डीलर मोहम्मद सोहाग उर्फ लाल चंद के रूप में की गई. इससे पता चलता है कि पीड़ित हिंदू नहीं है.
12 जुलाई को प्रोथोम एलो की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोहाग को मारने से पहले बेरहमी से पीटा गया और ईंटों और पत्थरों से कुचल दिया गया. हमले के बाद उसके कपड़े उतार दिए गए और कुछ हमलावरों को उसकी लाश पर कूदते देखा गया. जांचकर्ताओं और स्थानीय सूत्रों ने संकेत दिया कि हत्या जबरन वसूली से संबंधित विवाद की वजह से हुई थी.
रिपोर्ट में लाल चंद की बहन मंजुआरा बेगम का नाम शामिल है जिन्होंने कोतवाली पुलिस में FIR दर्ज कराई. इसमें 19 लोगों को आरोपी बनाया गया और लिंचिंग के संबंध में अतिरिक्त 15 से 20 अज्ञात संदिग्धों को सूचीबद्ध किया गया.
ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने 11 जुलाई शाम को जारी एक प्रेस रिलीज में राजधानी में दो संदिग्ध – महमूदुल और तारिक – की गिरफ़्तारी की पुष्टि की. जबकि रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने केरानीगंज में इब्न सिना अस्पताल के पास से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया जो मोहम्मद सोहाग की हत्या में शामिल थे.
ऑल्ट न्यूज़ को बांग्लादेशी सरकार के पेज, चीफ़ एडवाइज़र्स प्रेस विंग फ़ैक्ट्स की एक फ़ैक्ट-चेक पोस्ट भी मिली. पेज ने भारतीय मीडिया आउटलेट्स द्वारा शेयर किए गए सांप्रदायिक ख़बर को खारिज कर दिया और साफ तौर पर ज़िक्र किया कि मृत व्यक्ति का नाम मोहम्मद सोहाग था जिसे लाल चंद के नाम से भी जाना जाता था. और वो एक मुस्लिम व्यापारी था. वो मोहम्मद अय्यूब अली और अलेया बेगम के बेटे थे. उनकी शादी लकी बेगम से हुई थी और उनका सोहन नाम का एक बेटा भी था.
शुक्रवार को अंतिम संस्कार की प्रार्थना (सलात अल-जनाजा) के बाद, सोहाग को उनके पैतृक गांव बंदरगछिया, वार्ड 7, धलुआ यूनियन, बरगुना सदर उपज़िला में उनकी माँ की कब्र के पास दफनाया गया.
कुल मिलाकर, भारतीय मीडिया ने झूठी ख़बर दी कि ढाका की सड़कों पर जिस व्यक्ति की पत्थर मारकर हत्या की गई वो एक हिंदू व्यापारी था. मारे गए व्यक्ति का नाम मोहम्मद सोहाग था जो एक मुस्लिम व्यापारी था. इसकी कथित तौर पर रंगदारी न देने पर हत्या कर दी गई थी. हत्या का कोई सांप्रदायिक ऐंगल नहीं है.
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