19 जुलाई की देर रात, सोशल मीडिया पर मणिपुर का एक वीडियो सामने आया. वीडियो में दो महिलाओं को भीड़ द्वारा नग्न घुमाए जाने और कुछ व्यक्तियों द्वारा उनके साथ छेड़छाड़ करने के बहुत ही परेशान करने वाले विजुअल्स थे. इनमें से एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार भी किया गया. ये घटना 4 मई को बी फ़ीनोम गांव में हुई थी.

वीडियो के वायरल होने के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया. मणिपुर पुलिस ने ट्वीट किया कि आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है और थौबल ज़िले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में ‘अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या आदि का मामला’ दर्ज किया गया है.

20 जुलाई को रात 9 बजकर 39 मिनट पर मणिपुर पुलिस की ओर से एक अपडेट आया कि वायरल वीडियो के मामले में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

कुछ मिनट बाद, रात 9 बजकर 41 मिनट पर एक अलग ट्वीट में मणिपुर पुलिस ने इम्फ़ाल पूर्वी जिला पुलिस द्वारा PREPAK प्रो कैडर, अब्दुल हिलिम नाम के एक व्यक्ति की गिरफ़्तारी की ख़बर शेयर की.

रात 9 बजकर 47 मिनट पर न्यूज़ एजेंसी ANI ने ट्वीट किया कि वायरल वीडियो मामले में PREPAK (PRO) कैडर 38 साल के अब्दुल हिलिम को गिरफ़्तार कर लिया गया है. उन्होंने दावा किया कि नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में हिलिम की गिरफ़्तारी अपहरण और सामूहिक बलात्कार मामले के संबंध में हुई थी. ANI की यही ख़बर NDTV और आउटलुक ने भी बताई.

बाद में दोनों ट्वीट हटा दिए गए.

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इसके ठीक बाद, कई राईट विंग सोशल मीडिया यूज़र्स ने दावा किया कि मणिपुर पुलिस ने अब्दुल हिलिम नामक एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया. और ये 4 मई के वायरल वीडियो की घटना का मुख्य आरोपी है.

ट्विटर पर लगातार ग़लत सांप्रदायिक सूचनाएं शेयर करने वाले ट्विटर ब्लू यूज़र, @MrSinha_ मणिपुर पुलिस द्वारा किए गए ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ये दावा किया कि अब्दुल हिलिम नामक व्यक्ति की गिरफ़्तारी वायरल वीडियो के संबंध में की गई थी. यूज़र ने बाद में ये ट्वीट हटा दिया और वायरल वीडियो का ज़िक्र किए बिना मणिपुर पुलिस के ट्वीट का स्क्रीनशॉट लेकर फिर से ट्वीट किया. (आर्काइव्स 1, 2)

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भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा, ऋषि बागरी, BJYM के सदस्य अपूर्व सिंह, सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार, अभय प्रताप सिंह और हिंदुत्व कार्यकर्ता शेफाली वैद्य ने भी इसी तरह के दावे ट्वीट किए. उनमें से कई ने गिरफ़्तार किए गए व्यक्ति को ‘अब्दुल खान’ बताया और उसे मामले में मुख्य आरोपी बताया.

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फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले हमने देखा कि मणिपुर पुलिस ने वायरल वीडियो मामले के बारे में और अब्दुल हिलिम की गिरफ़्तारी के बारे में अलग-अलग ट्वीट किया था.

अब्दुल हिलिम की गिरफ़्तारी के संबंध में मणिपुर पुलिस के ट्वीट में बताया गया है कि इंफाल पूर्वी जिला पुलिस ने एक PREPAK प्रो कैडर को गिरफ़्तार किया था. PREPAK (पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ़ कांगलेईपाक) मणिपुर को एक अलग और स्वतंत्र बनाने की मांग करने वाले संगठनों में से एक है. हमने ये भी देखा कि गिरफ़्तारी एक अलग ज़िले में की गई थी. अब्दुल हिलिम को इंफ़ाल पूर्वी ज़िला पुलिस ने गिरफ़्तार किया था, जबकि मणिपुर पुलिस ने बताया था कि वायरल वीडियो के संबंध में अब तक गिरफ़्तार किए गए सभी चार आरोपी थौबल ज़िले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में हैं.

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इसके अलावा, हमें 20 जुलाई को मामलों के बारे में अपडेट शेयर करते हुए मणिपुर पुलिस का एक प्रेस नोट मिला. अब्दुल हिलिम (प्वाइंट नंबर 4) और वायरल वीडियो मामला (प्वाइंट नंबर 2) के संबंध में गिरफ़्तार किए गए चार आरोपियों का अलग-अलग ज़िक्र किया गया है. बाकी पॉइंट्स में संघर्षग्रस्त राज्य से अलग और असंबद्ध मामलों से संबंधित जानकारी भी थी.

इंफ़ाल पूर्वी ज़िले के पुलिस SP शिवकांत सिंह ने फ़ैक्ट-चेक वेबसाइट बूम लाइव को बताया कि अब्दुल हिलिम एक PREPAK विद्रोही समूह का सदस्य था और उसे गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17/20 के तहत जबरन वसूली के मामले में गिरफ़्तार किया गया था. SP सिंह ने ये भी कहा कि इस गिरफ़्तारी का वायरल वीडियो मामले से कोई संबंध नहीं है.

21 जुलाई को अपने शुरुआती भ्रामक ट्वीट के संबंध में ANI ने एक स्पष्टीकरण और माफीनामा पोस्ट किया.

कुल मिलाकर, अब्दुल हिलिम की गिरफ़तारी को मणिपुर में वायरल वीडियो मामले से जोड़ने वाला ANI का शुरुआती ट्वीट और उसके बाद राईटविंग यूज़र्स द्वारा किए गए दावे झूठे थे.

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