ट्रिगर वार्निंग: नाबालिगों के खिलाफ हिंसा
सोशल मीडिया पर एक मार्मिक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक व्यक्ति तीन नाबालिग लड़कों की पिटाई कर रहा है. वीडियो में, हमलावर (जो खुद भी एक नाबालिग ही लग रहा है) दूसरों को मारते हुए अपशब्द कह रहा है, आरोप है कि वो धूम्रपान कर रहे थे.
घटना एक महीने से भी पहले मध्य प्रदेश के रतलाम में अमृत सागर तालाब के पास हुई थी, ज़ल्द ही ये सांप्रदायिक हो गई. आइए देखते हैं वहां क्या हुआ था.
एक हिंसक घटना
जब उन लड़कों को पीटा जा रहा था तो उनमें से एक ने दर्द में “अल्लाह” चिल्लाया जिससे हमलावर और गुस्सा हो गया. उसने अपना जूता निकाला और फिर से उन्हें पीटना शुरू कर दिया और उससे वो “जय श्री राम” का नारा लगाने पर मजबूर हो जाते हैं.
हमलावर को बार-बार कहते हुए सुना जा सकता है, “क्या बोला, क्या बोला? अल्लाह?” फ़ुटेज के अगले 30 सेकंड में वो तीनों को अपने जूतों से लगातार पीटता है, लड़के रोते हुए दया की भीख मांगते हैं. एक पॉइंट पर, लड़कों में से एक ने अपने सिर को रेलिंग से टकरा दिया जिसके बगल में वो बैठा था.
नाबालिगों में से एक ने बार-बार मारे जाने के बाद विनती की, “अब नहीं बोलूंगा.” एक और बच्चा “जय श्री राम” चिल्लाता है, जिससे हमलावर कुछ देर के लिए शांत हो जाता है, जिससे तीसरा बच्चा भी वही कहता है. लेकिन हमलावर बार-बार उस बच्चे को मारता है जिसने शुरू में “अल्लाह” कहा था, जब तक कि वो भी “जय श्री राम” नहीं कहता.
इस नाबालिग को ये कहते हुए भी सुना जा सकता है, “खून निकल रहा है” लेकिन हमलावर नहीं रुकता. इस दौरान, जब बच्चे दर्द से रो रहे थे, तब भी कोई इस घटना का वीडियो बना रहा था. आख़िरकार, हमलावर ने अपना जूता वापस पहनते हुए अन्य दो लोगों को अपशब्द कहना शुरू कर दिया.
ऑल्ट न्यूज़ ने सभी व्यक्तियों की पहचान की सुरक्षा के लिए वीडियो को धुंधला कर दिया है, क्योंकि वो नाबालिग हैं.
हमलावर
ऑल्ट न्यूज़ को इस मामले में मिली प्राथमिकी (FIR) के मुताबिक, जिस वक्त ये वाक्या हुआ तीनों युवा लड़के एक कंस्ट्रक्शन एरिया के पास बैठे थे. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि हमले के बाद, हमलावरों (एक जो लड़कों पर हमला करता हुआ दिखाई दे रहा है और दूसरा जिसने वीडियो बनाया) ने कथित तौर पर घटना का खुलासा करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी. रिपोर्ट में अपराध की तारीख 20 अक्टूबर बताई गई है.
FIR में पीड़ितों ने कहा है कि हमलावरों ने उनमें से एक को जबरन उठाकर ले जाने की कोशिश की. इसमें लिखा है, “हमने किसी तरह अपनी जान बचाई, वहां से भागे और घर चले गए. डर के कारण हमने किसी को नहीं बताया.”
हमारी जांच में पाया गया कि तीन लड़कों में से सबसे छोटा 7-8 साल का है जबकि अन्य दो 13 साल के हैं. FIR दर्ज़ करने में मदद करने वाले वकील इमरान खोखर ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया “हमला खत्म होने के बाद, दोनों व्यक्तियों ने एक लड़के को अपने साथ ले जाने का फैसला किया. उन्होंने सबसे छोटे लड़के को पकड़ लिया और उसे ले जाने लगे. नाबालिग और भी ज़्यादा डर गए… उन्होंने मुझे बताया कि हमलावर बच्चे को लेकर काफी दूर तक चले गए थे, इससे पहले कि वो किसी तरह उसे बचाकर भाग पाते.”
इमरान खोकर ने पुष्टि की कि लड़कों की पिटाई करने वाला असल में नाबालिग था और उसे गिरफ़्तार कर किशोर न्यायालय में पेश किया गया है. हालांकि, पूरी घटना को रिकॉर्ड करने वाला, वीर परमार नामक एक वयस्क, अभी भी फरार है. दोनों अपराधी रतलाम के हैं.
वकील ने हमें ये भी बताया कि 5 दिसंबर की दोपहर को नशे में धुत वीर परमार ने किसी को वीडियो दिखाया और घटना के बारे में शेखी बघारी. ये व्यक्ति इमरान खोकर का परिचित था और किसी तरह वीडियो हासिल करने में कामयाब हो गया. फिर इसे शेयर किया गया और शाम 5 बजे इमरान खोकर ने इसे देखा. उन्होंने तुरंत एडिशनल पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया और उसके बाद FIR दर्ज़ की गई.
इमरान खोकर ने हमें ये भी बताया कि पीटा गया सबसे छोटा बच्चा अनाथ था जिसके माता-पिता की हाल ही में एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. वो अब अपनी दादी, चाची और भाई-बहनों के साथ रहता है. “वीडियो वायरल होने के बाद, हम उसे बुलाने उसके घर गए. वो इतना सदमे में था कि उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया. हमें उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस की मदद से दरवाजा तोड़ना पड़ा.”
ऑल्ट न्यूज़ ने हमले के अन्य दो पीड़ितों के माता-पिता से भी संपर्क किया. 13 साल के पीड़ितों में से एक के पिता ने कहा कि उन्हें ये वीडियो उनके दोस्तों से मिला, जिन्होंने उनके बेटे को पहचान लिया था. उन्होंने कहा, “ये शुक्रवार का दिन था. नमाज़ के बाद, वे अमृत तालाब में खेलने गए… इन लोगों ने उन्हें पीटना शुरू कर दिया और हमले के दौरान, मेरे बेटे ने ‘अल्लाह’ चिल्लाया. ये सुनने के बाद, उन्होंने उन्हें ‘जय श्री राम’ कहने के लिए मजबूर किया और उन्हें बार-बार पीटा… उन्होंने बच्चों से कहा कि वे घर पर किसी को न बताएं… मैं उन लोगों को नहीं जानता जिन्होंने उन पर हमला किया. मैं उन्हें पहली बार देख रहा हूं.” अपने बेटे की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर, पिता ने कहा, “वो ठीक है लेकिन डरा हुआ है… उसे पुलिस स्टेशन जाना पड़ा, पुलिस जांच कर रही है…”
दूसरे पीड़ित के माता-पिता ने कहा, “जब ये सब हुआ, तो मेरा बेटा असामान्य रूप से शांत था और डरा हुआ लग रहा था. वो इस बात से डर रहा था कि उसके आस-पास के लोग कैसे प्रतिक्रिया देंगे… ये रतलाम में पहला मामला है जिसके बारे में मैं जानता हूं. इस तरह के मामले आमतौर पर रतलाम में नहीं होते हैं. हमारा इलाका शांतिपूर्ण है. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि आरोपियों को दंडित किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.”
अपराधियों पर भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 296 (सार्वजनिक स्थानों पर अभद्र या अश्लील बातें करना), 115(2) (स्वेच्छा से किसी को चोट पहुंचाना), 126(2) (किसी को ग़लत तरीके से रोकना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 3(5) (एक से ज़्यादा व्यक्तियों द्वारा आपराधिक कृत्यों से निपटना) के तहत आरोप लगाए गए हैं.
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