देश भर में गणेश चतुर्थी समारोह के बीच एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें गणेश की मूर्ति ले जा रहे जुलूस पर छत से दो युवक कुछ चीजें फेंकते हुए दिख रहे हैं. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि ये लोग मुस्लिम थे और जुलूस पर पथराव कर रहे थे.

क्रिएटली मीडिया ने 4 सितंबर को X पर वीडियो शेयर किया और लिखा, “वे मूर्तिपूजकों से नफरत करते हैं.” ध्यान दें कि इस यूज़र ने पहले भी कई मौकों पर सांप्रदायिक गलत सूचनाएं शेयर की हैं. (आर्काइव)

एक अन्य X यूज़र @wokeflix_ ने भी वीडियो शेयर किया और लिखा, “देश के गद्दारों को…”. ये संदर्भ एक भड़काऊ नारा “देश के गद्दारों को, गोली मारो *** को” का है. पहले भी, ये नारा नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उठाया गया है और अक्सर इसका इस्तेमाल सिर्फ देशद्रोहियों को नहीं बल्कि मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए किया जाता है. (आर्काइव)

वीडियो शेयर करते हुए X यूज़र @jpsin1 ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की, “तो क्या अब, भारत में मुसलमान भगवान गणेश की मूर्ति पर पत्थर भी नहीं फेंक सकते?” (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि पथराव करने वाले लोग मुस्लिम थे. (आर्काइव 123, 45678910) इस वीडियो को शेयर करने वालों में से कई लोग अक्सर अपनी टाइमलाइन पर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील कंटेंट शेयर करते हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया और उस जगह का पता लगाया जहां ये घटना घटी थी. ये जगह कर्नाटक के रायचूर में पेटला बुर्ज रोड के पास है. नीचे वायरल वीडियो की तस्वीर और उस जगह के गूगल स्ट्रीट व्यू के बीच तुलना की गई है.

कीवर्ड सर्च का इस्तेमाल करते हुए हमें स्थानीय कन्नड़ प्रकाशन, ‘ई दीना’ में घटना की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. इसके मुताबिक, 31 अगस्त को डैडी वीरेश और बीजेपी नेता यू नरसारेड्डी के गुटों के बीच निजी कारणों को लेकर हाथापाई हो गई. झड़प के दौरान कथित तौर पर उपद्रवियों ने स्थिति को नियंत्रित करने आए मार्केट यार्ड पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर की आंखों में मिर्च फेंक दी और जुलूस पर पथराव किया गया. स्थिति बेकाबू होने पर पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए हल्का लाठीचार्ज किया और डीजे सेट ज़ब्त कर लिया. घटना में चार लोग घायल हो गये और उनका इलाज शहर के रिम्स अस्पताल में किया जा रहा है. चूंकि दोनों समूहों के बीच मौखिक विवाद सुबह तक जारी रहा, इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात की गई.

इस घटना की रिपोर्ट कन्नड़ दैनिक प्रजावाणी ने भी की थी. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, लड़ाई गणेश पूजा का आयोजन करने वाली दो मंडलियों के बीच थी और रायचूर में गडवाल रोड के पास हुई थी. रिपोर्ट में साफ बताया गया कि झगड़ा एक ही समुदाय के लोगों के बीच हुआ था. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है लेकिन पुलिस घटना की जांच कर रही है. अन्य विवरण वैसा ही है जैसा ऊपर बताया गया है. नीचे प्रजावानी का स्क्रीनशॉट है. 

इसके बाद ऑल्ट न्यूज़ ने रायचूर के पुलिस अधीक्षक, पुट्टमदैया एम से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि हाथापाई में दोनों पक्ष हिंदू थे. इसके अलावा, उन्होंने हमें बताया कि हाथापाई इसलिए हुई क्योंकि एक समूह नहीं चाहता था कि दूसरा समूह जुलूस निकाले. SP ने घटना में किसी भी सांप्रदायिक ऐंगल से साफ इनकार किया है.

कुल मिलाकर, गणेश चतुर्थी के जुलूस पर दो लोगों को पत्थर फेंकते हुए दिखाने वाला वीडियो झूठी सांप्रदायिक कहानियों के साथ वायरल है. ये मुसलमानों द्वारा किसी हिंदू देवता पर पथराव करने का मामला नहीं था, बल्कि गणेश पूजा का आयोजन करने वाले दो समूहों के बीच एक स्थानीय लड़ाई थी. मारपीट में शामिल दोनों पक्ष हिंदू थे.

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