जैसे ही नेपाल में विरोध प्रदर्शन तेज़ हुआ. X पर कई यूज़र्स ने एक क्लिप शेयर की जिसमें पुलिस कर्मियों को ढाल के नीचे छिपते हुए दिखाया गया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने हमले जारी रखे. लगभग 35 सेकंड लंबे क्लिप में प्रदर्शनकारियों को पुलिस पर हमला करते, उनके दंगा ढालों को लात मारते और लाठियों से मारते हुए देखा जा सकता है.
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा के शासन के भ्रष्ट और दमनकारी कार्यों से गुस्सा होकर, नेपाल के युवाओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. 9 सितंबर को केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा. प्रदर्शनों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 30 लोगों की जान चली गई, जिससे सैकड़ों लोग घायल हो गए.
भास्कर के राष्ट्रीय संपादक एलपी पंत (@pantlp) ने 10 सितंबर को ये वायरल वीडियो को पोस्ट किया. कैप्शन में उन्होंने नेपाल में प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल किए गए तरीकों पर सवाल किया. X पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है, जिसे अब हटा दिया गया है.
यही वीडियो भारतीय न्यूज़ आउटलेट मोलिटिक्स (@molitisindia) ने भी शेयर किया था. कैप्शन में पुलिसवालों पर प्रदर्शनकारियों के हमलों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया, जो खुद को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे थे. बाद में इस पोस्ट को भी हटा दिया गया. (आर्काइव)
ये वीडियो फ़ेसबुक पर भी इसी दावे के साथ वायरल है. नीचे स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है:
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो को ध्यान से देखने पर हमने नोटिस किया कि इस्तेमाल किए शील्ड पर ‘पॉलिसी’ शब्द है. हमने इसकी तुलना नेपाल पुलिस द्वारा इस्तेमाल होने वाले शील्ड से की और पाया कि दोनों अलग-अलग हैं.
इसके बाद हमने वायरल वीडियो से कीफ्रेम्स लिए. ऐसे ही एक कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें एक यूट्यूब शॉर्ट मिला जिसमें यही वायरल क्लिप शामिल थी. इसके अलावा, इसमें लोगों और पुलिस बलों के टकराव के अन्य फुटेज भी शामिल थे. कैप्शन, ‘इंडोनेशियाबेलम मर्डेका’, का अनुवाद ‘स्वतंत्रता से पहले इंडोनेशिया’ है.
हमें 30 अगस्त को अपलोड किया गया एक और यूट्यूब वीडियो मिला – जिसमें वायरल क्लिप जैसा ही फुटेज शामिल है. इंडोनेशिया कि भाषा में लिखे कैप्शन का अनुवाद है, ‘पुलिस बनाम जनता, विशाल प्रदर्शन.’
इन दो वीडियो को ध्यान में रखते हुए, हमने ये देखने के लिए जांच की कि क्या इंडोनेशियाई पुलिस बलों ने वायरल क्लिप के समान शील्ड का इस्तेमाल किया था.
हमने देखा कि ये शील्ड एक ही तरह के हैं. जो साबित करता है कि वायरल क्लिप नेपाल से जुड़ा नहीं है, बल्कि इंडोनेशिया में सत्ता विरोधी प्रदर्शन से संबंधित है. ये विरोध प्रदर्शन, युवाओं और श्रमिक संघों द्वारा सांसदों के लिए कम आवास भत्ते की मांग के साथ शुरू हुआ था, 28 अगस्त को अर्धसैनिक बलों के एक बख्तरबंद वाहन द्वारा 21 साल के डिलीवरी कर्मचारी को कुचलने के बाद एक बड़े आंदोलन में बदल गया. बाद के दिनों में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया, जो इंडोनेशिया में हाल के दिनों में देखे गए सबसे हिंसक विरोध प्रदर्शनों में से एक में बदल हुआ. प्रदर्शनों के कारण हजारों लोगों को गिरफ़्तार किया गया और सात लोग हताहत हुए.
निष्कर्ष के तौर पर, वीडियो को दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संपादक सहित सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स द्वारा ग़लत संदर्भ के साथ शेयर किया गया है कि इसमें नेपाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर हमला करते हुए दिखाया गया है. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये वीडियो इंडोनेशिया में अगस्त के अंत में हुए विरोध प्रदर्शन का है.
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