फ़्रेंच टीचर सेमुएल पैटी की 16 अक्टूबर को बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी. उन्होंने क्लास को अभिव्यक्ति की आज़ादी पढ़ाने के दौरान पैगम्बर मोहम्मद पर बना एक कार्टून दिखाया था जिसके बाद 18 वर्षीय अब्दुलाख अन्ज़ोरोव ने गला काट कर उनकी हत्या कर दी थी. फ्रे़ंच राष्ट्रपति एमेनुएल मैक्रों ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कार्टून का बचाव किया था. मोहम्मद का विज़ुअल चित्रण इस्लाम में एक विवादास्पद मुद्दा रहा है इसलिए विश्व के कई मुस्लिम बहुल देशों ने मैक्रों का विरोध किया और फ़्रांस को बॉयकॅाट करने की बात कही. कुछ दिनों पहले ही फ़्रांस के नीस में 3 नागरिकों की हत्या कर दी गयी थी जिसके बाद मामला और भी गंभीर हो गया. स्क्रॉल ने रिपोर्ट किया, “सेमुएल की हत्या के बाद एक ओपिनियन पोल करवाया गया और पता चला कि रिस्पॅान्स देने वालों में 79% लोग मानते हैं कि ‘इस्लाम ने फ़्रांस और फ्रे़ंच रिपब्लिक के खिलाफ़ जंग छेड़’ दी है.” लगातार हुए इन हमलों ने फ्रे़ंच मुस्लिमों की फ़्रांस के प्रति वफ़ादारी पर सवाल खड़े कर दिए.
सोशल मीडिया यूज़र्स ने हाल में एक क्लिप शेयर किया जिसमें एक शख्स रास्ते में बच्चों के साथ जा रही, बुर्खा पहनी एक महिला पर हमला कर रहा है. इस पोस्ट के साथ ही ख़ुशी व्यक्त करता हुआ कैप्शन है, “फ़्रांस से रुझान आने शुरू.” ये वीडियो ट्विटर पर काफ़ी वायरल है. @Aviknandi3 ने 31 अक्टूबर को ये वीडियो शेयर किया था और अब तक 32,000 बार देखा जा चुका है. (आर्काइव लिंक)
फ्रांस से रुझान आने शुरू🙏🙏👍👍💪💪 pic.twitter.com/CuYki54mVs
— अविक नन्दी (मोदीभक्त..एक स्वयंसेवक🚩🚩🚩) (@Aviknandi3) October 31, 2020
इसे कुछ फे़सबुक युज़र्स ने भी शेयर किया.
रूस का पुराना वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो वेरिफ़िकेशन टूल InVid की मदद से गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. गूगल के ऑटो-जनरेटेड कीवर्ड ने इस तस्वीर का डिस्क्रिप्शन लिखा, ‘muslim mother is attacked in nizhnekamsk.’
सर्च रिज़ल्ट हमें बाइलाइन टाइम्स के एक कॉलमिस्ट, सी जे वर्लेमैन के एक ट्वीट तक ले गया. 8 जुलाई, 2020 के इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है, “रिपब्लिक ऑफ़ टटर्स्टन के निज़्ह्नेकाम्स्क (Nizhnekamsk) शहर में एक मुस्लिम मां पर उसके बच्चों के सामने हमला किया गया. (via DOAM).” ट्विटर अकाउंट डोक्युमेंटिंग ऑपरेशन अगेंस्ट मुस्लिम्स (DOAM) ने एक दिन पहले ये वीडियो अपलोड किया था.
Muslim mother brutally attacked in front her children in a park in #Nizhnekamsk city, Republic of #Tatarstan.
He attacked 5 women including a pregnant woman in a public park.
He was arrested and detained. When asked about his motive, he said because of his “hatred for women”. pic.twitter.com/INBfEoWaeN
— DOAM (@doamuslims) July 7, 2020
इस घटना के बारे में टटर्स्टन स्टेट टीवी एवं रेडियो कंपनी और रशियन न्यूज़ वेबसाइट ने भी रिपोर्ट किया था. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक गर्भवती महिला और अन्य राहगीरों पर हमला करने के लिए एक 34-वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया गया था.
अरबी न्यूज़ वेबसाइट Al-Quds Al-Arabi ने भी 9 जुलाई को यही रिपोर्ट किया था.
(روسيا.. اعتداء وحشي على امرأة مسلمة أمام أطفالها) – https://t.co/BVD1JobSow pic.twitter.com/cPfCc6SIk2
— القدس العربي (@alqudsalarabi) July 8, 2020
एक पुराना वीडियो जिसमें रूस के एक शहर में एक गर्भवती महिला को उसके बच्चों के सामने पीटा जा रहा है, लोगों ने शेयर करते हुए दावा किया कि ये फ़्रांस का वीडियो है.
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