11 मई को पाकिस्तान के अंतर-सेवा जनसंपर्क (ISPR) के महानिदेशक और सशस्त्र बलों की PR विंग अहमद शरीफ़ चौधरी ने देश की वायु सेना, नौसेना और सेना के प्रमुखों के साथ एक प्रेस वार्ता की. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस सम्मेलन में, भारतीय रक्षा बलों की प्रेस ब्रीफिंग के क्लिप किए गए वीडियो का भ्रामक रूप से इस्तेमाल किया गया था.
11 मई की ब्रीफिंग में पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत द्वारा सुबह-सुबह किए गए हमलों में उनके हवाई क्षेत्र और हवाई अड्डों का उल्लंघन करने के बाद उसने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला किया. संदर्भ के लिए, भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए सैन्य हमलों की एक सीरिज के रूप में 6 और 7 मई की मध्यरात्रि को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था. भारतीय रक्षा बलों ने बार-बार दोहराया है कि हमले “मापे गए” और “गैर-आक्रामक” थे और सिर्फ आतंकी स्थलों पर हमला करते हुए इसे सटीकता से अंजाम दिया गया था. किसी भी नागरिक या सैन्य अड्डे को निशाना नहीं बनाया गया. हालांकि, कुछ ही समय बाद, पाकिस्तान ने भारतीय सीमा क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की जिससे नागरिकों की मौत हो गई और संपत्ति को नुकसान हुआ.
हालांकि, 11 मई की ब्रीफिंग में, शरीफ़ चौधरी ने साफ तौर पर कहा कि पाकिस्तान सशस्त्र बलों ने “पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने में शामिल पाकिस्तानी नागरिकों और संस्थाओं को निशाना बनाने के लिए भारत में सुविधाओं के साथ-साथ सैन्य लक्ष्यों को भी निशाना बनाया.” अपनी इस बात को साबित करने के लिए कि सिर्फ सैन्य चौकियों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था, नागरिकों को नहीं, चौधरी ने भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर 10 मई की ब्रीफिंग से दो क्लिप्स का इस्तेमाल किया.
इस क्लिप में, भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर व्योमिका सिंह पाकिस्तान द्वारा गोलाबारी में इस्तेमाल किए गए हथियारों का विवरण दे रही हैं. नुकसान वाले इलाकों का ब्यौरा देते हुए वो ये कहती नज़र आती हैं कि भारतीय सैन्य चौकियों को निशाना बनाया गया. उनकी बातों में नागरिकों का ज़िक्र नहीं है. उन्होंने कहा:
“पाकिस्तानी सेना ने अपनी उकसावे की कार्रवाई जारी रखी, पश्चिमी सीमा पर कई ख़तरे पैदा करने वाले कारकों के जरिए आक्रामक कार्रवाई की. पाकिस्तान ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए UCV, ड्रोन, लंबी दूरी के हथियारों, युद्ध सामग्री और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया. पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर ड्रोन का इस्तेमाल कर हवाई घुसपैठ और भारी क्षमता वाले हथियारों से गोलीबारी भी की… श्रीनगर से नलिया तक 26 से ज़्यादा जगहों पर हवाई घुसपैठ और उत्पीड़न के कई हमले भी किए गए… उपकरणों को नुकसान हुआ और उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज में भारतीय वायु सेना स्टेशनों पर भी कई उच्च गति वाले मिसाइल हमले हुए जिससे कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी और अखनूर सेक्टरों में अन्य सैन्य स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ.”
क्लिप के आखिर में, भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरेशी को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “भारतीय सशस्त्र बल दोहराते हैं कि वे तनाव वृद्धि नहीं चाहते, बशर्ते पाकिस्तान भी ऐसा ही व्यवहार करे.”
उपरोक्त क्लिप दिखाए जाने के बाद, चौधरी ने वहां मौजूद प्रेस को बताया कि भारतीय बलों ने भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान ने सिर्फ सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया और कहीं नहीं, निश्चित रूप से नागरिकों को निशाना नहीं बनाया गया.
“क्या आपको…भारतीय बयानों से…क्या पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों के अलावा किसी और पर हमला किया? नहीं. क्या कोई अंतरराष्ट्रीय मीडिया या यहां तक कि भारतीय मीडिया…वे क्या रिपोर्ट कर रहे हैं? ‘सैन्य प्रतिष्ठानों…चौकियों को सटीक निशाना बनाया जा रहा है.’
आगे, प्रेस कॉन्फ्रेंस का पूरा वीडियो है.
क्या IAF विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इस बात को ‘स्वीकार’ किया?
इसका संक्षिप्त जवाब है ‘नहीं’. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ऑपरेशन सिंदूर पर 10 मई की विशेष ब्रीफिंग से IAF विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पूरे बयानों को क्लिप किया गया था और एडिट किया गया था ताकि ऐसा लगे कि उन्होंने वही कहा जैसा चौधरी ने दावा किया था. व्योमिका सिंह ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं कहा.
विदेश मंत्रालय और रक्षा बलों द्वारा 10 मई की ब्रीफिंग पाकिस्तान के बढ़ते और उत्तेजक हमले के पैटर्न पर एक औपचारिक अपडेट थी. ध्यान दें कि इस ब्रीफिंग के कुछ घंटों बाद दोनों देश सीजफ़ायर पर सहमत हुए थे.
आगे, दी गई क्लिप बिल्कुल वही दिखाती है जो व्योमिका सिंह ने अपने अपडेट में कहा था.
वायुसेना अधिकारी का साफ कहना है कि पाकिस्तानी सेना ने नागरिक इलाकों और सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया. ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ने श्रीनगर, अवंतीपोरा और उधमपुर के हवाई अड्डों पर चिकित्सा केंद्रों और स्कूल परिसरों सहित नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने ड्रोन का इस्तेमाल करके कई हवाई घुसपैठ करने की कोशिश की, और भारी क्षमता वाली RT बंदूकों का इस्तेमाल करके गोलाबारी की, नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया और नागरिकों की जान ली.
उनके सटीक शब्द थे “पाकिस्तान ने नागरिक क्षेत्रों और सैन्य बुनियादी ढांचे को टारगेट करने के लिए UCV, ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार, युद्ध सामग्री और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया.” लेकिन 11 मई को पाकिस्तान की ओर से की गई ब्रीफिंग में उनके संबोधन से “नागरिक क्षेत्र” शब्द हटा दिए गए ताकि ऐसा लगे कि उन्होंने कहा था: “पाकिस्तान ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए UCV, ड्रोन, लंबी दूरी के हथियार, युद्ध सामग्री और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया.”
ऑल्ट न्यूज़ ने इसे भारतीय विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग के ट्रांसक्रिप्शन के साथ क्रॉस-चेक भी किया.
व्योमिका सिंह की कई टिप्पणियों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया
हैरानी की बात ये है कि ये एकमात्र मामला उदाहरण नहीं था. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि व्योमिका सिंह के कई बयानों को संदर्भ से बाहर कर और प्रेस को दिखाया गया जिससे भारतीय पक्ष ने असल में क्या कहा, इसके बारे में भ्रामक कहानियां बनाई गईं.
उदाहरण के लिए, 11 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई गई व्योमिका सिंह की क्लिप से ऐसा लगता है कि उन्होंने कहा था कि उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज में भारतीय वायु सेना स्टेशनों पर उपकरणों और कर्मियों को नुकसान हुआ है.
हालांकि, असल में उन्होंने जो कहा वो ये था कि भारतीय सशस्त्र बल श्रीनगर से नलिया तक 26 से ज़्यादा जगहों पर पाकिस्तानी बलों द्वारा किए गए हवाई घुसपैठ और कई उत्पीड़न हमलों को बेअसर करने में सक्षम थे और उधमपुर, पठानकोट, आदमपुर और भुज में भारतीय वायु सेना स्टेशनों पर उपकरणों और कर्मियों को सीमित नुकसान हुआ था.
हेरफेर का तीसरा उदाहरण ये है: व्योमिका सिंह को ये कहते हुए दिखाया गया था कि हाई स्पीड वाले मिसाइल हमले हुए थे जिससे कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी और अखनूर सेक्टरों में अन्य सैन्य स्टेशनों को भारी नुकसान हुआ था.
दरअसल, व्योमिका सिंह ने कहा कि पंजाब में हवाई अड्डों पर तेज गति के मिसाइल हमले देखे गए हैं. ये कहने से पहले कि कुपवाड़ा, बारामूला, पुंछ, राजौरी और अखनूर सेक्टरों में तोपखाने मोर्टार और छोटे हथियारों से गोलीबारी का भारी आदान-प्रदान हुआ, उन्होंने ज़िक्र किया कि पाकिस्तान नागरिक बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहा है और नागरिकों को मार रहा है. नागरिकों के बारे में बोला गया हिस्सा आसानी से हटा दिया गया.
इस तरह, IAF विंग कमांडर व्योमिका सिंह के बयानों को चुनिंदा रूप से एडिट किया गया और जो उन्होंने असल में कहा था उसमें हेरफेर करने के लिए पेश किया गया; पाकिस्तान को सकारात्मक रूप में दिखाने और ये दावा करने की संभावित कोशिश कि किसी भी भारतीय नागरिक को निशाना नहीं बनाया गया या चोट नहीं पहुंचाई गई.
इतना ही नहीं यही दावा करने के लिए इस प्रेस ब्रीफिंग में भारतीय मीडिया के अधूरे क्लिप्स भी चलाए गए.
पढ़ें: पाकिस्तानी सैन्य ब्रीफिंग में भारतीय मीडिया का वीडियो काट-छांटकर ग़लत दावे के साथ दिखाया गया
भारतीय नागरिकों को निशाना बनाना
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान ने पश्चिम में कई सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की और पाकिस्तान की ओर से की गई गोलीबारी में तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित कम से कम 16 लोग मारे गए हैं. ये आंकड़े 8 मई को जारी किए गए थे, इसलिए अब हताहतों की संख्या ज़्यादा हो सकती है, ये देखते हुए कि सीमावर्ती इलाकों में लगातार गोलाबारी हो रही है. BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद से कम से कम 21 नागरिकों की मौत हो गई है, जबकि सशस्त्र बलों ने पांच अधिकारियों को खो दिया है.
मारे गए लोगों में 12 साल के जुड़वां बच्चे ज़ैन अली और उर्वाह फ़ातिमा भी शामिल थे. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में किराए के घर के पास गोले दागे जाने से उनकी मौत हो गई. उनके पिता, 48 साल के रमीज़ खान, जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. 7 मई को नियंत्रण रेखा के पार उनके घर पर पाकिस्तानी गोले गिरने के बाद हुई गोलीबारी में वो गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
गोलाबारी का के कारण 47 साल के शिक्षक कारी मोहम्मद इकबाल की भी मौत हो गई थी, जिन्हें कई मेनस्ट्रीम मीडिया आउटलेट्स ने ग़लत तरीके से आतंकवादी करार दिया था.
पढ़ें: उनका नाम कारी मोहम्मद इकबाल था. वो आतंकवादी नहीं था.
देखें: कारी मोहम्मद इकबाल कौन हैं? | गणतंत्र | ज़ी न्यूज़ | एबीपी न्यूज | CNN-न्यूज़18
उरी की एक 45 साल की कश्मीरी महिला, राजौरी में बिहार के दो प्रवासी, एक रिटायर्ड सैनिक और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक सदस्य की भी गोलाबारी में मौत हो गई. हमलों में दो साल की आयशा नूर, सात साल की मरियम खातून और 13 साल के विहान भार्गव की जान चली गई.
‘ऑपरेशन सिंदूर’: पाकिस्तान के झूठे दावों का सच!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.