सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित एक घायल बच्चे की तस्वीर को इस दावे से साझा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान वह घायल हो गया है। बच्चे की इस स्थिति के लिए मुस्लिम प्रदर्शनकारियों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए सन्देश में लिखा है – “पश्चिम बंगाल में मुसलमान द्वारा किया गया ट्रेन पर पथराव से बच्चे आंख फूट गई इसका जिम्मेदार कौन है।” फेसबुक पेज ‘सुनील दुबे’ के पोस्ट को करीब 10,000 बार शेयर किया गया है।

तस्वीर के साथ साझा किये सन्देश के अनुसार –“पश्चिम बंगाल में मुसलमान द्वारा किया गया ट्रेन पर पथराव से बच्चे आंख फूट गई इसका जिम्मेदार कौन है इस बच्चे का CAB से क्या लेना देना है ये बच्चा अपने माता पिता के साथ ट्रैन से यात्रा कर रहे थे यात्रा के दौरान CAB का विरोध कर रहे लोगो ने बंगाल मैं ट्रेन पर पथराव किया और बच्चे को चोट लग गई शायद आँख नही बच पाएगी ये कैसा विरोध है और ये विरोध क्यू है।”

एक उपयोगकर्ता अभिषेक आचार्य कुलश्रेष्ठ ने भी इस तस्वीर को साझा किया है, अभिषेक को भाजपा के – पीएम मोदी, अमित शाह, निर्मला सीतारमन, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी फॉलो करते हैं। कुलश्रेष्ठ ने अपनी पहचान, सोशल मीडिया और बीजेपी दिल्ली के IT सेल के सह-संयोजक के रूप में दी है।

उनके ट्वीट के अनुसार, “इस बच्चे की गलती क्या थी, जो वह अपना बाकि का जीवन एक आंख के ज़रिये बिताएगा? एक पत्थर से उसकी आंख पर चोट लगने के कारण उसे अस्पताल ले जाया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में पिछले दो दिनों में यह सब हुआ है। ममता के शांतिप्रिय प्रदर्शनकारियों ने एम्बुलेंस पर पथराव किया।” (अनुवाद)

पुरानी तस्वीर

इस तस्वीर को यांडेक्स पर रिवर्स सर्च करने से हमें कई लिंक मिले, जिसमें इस तस्वीर को विभिन्न दावों से साझा किया गया था – पाकिस्तानी उपयोगकर्ताओं ने इसे कश्मीर का बताकर साझा किया था (2019), अफगानिस्तान में अमेरीकी नरसंहार के रूप में साझा किया गया (2018), रूस के दावे से (2017) झा किया गया है। हालांकि, इस तस्वीर को साझा करने वाला सबसे पुराना उदाहरण है 2016 का।

तस्वीर को 24 नवंबर, 2016 को एक उपयोगकर्ता ने इस कैप्शन के साथ अपलोड किया था कि –“हर रोज़ महिलाओं के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों बढ़ोतरी हो रही है @PMOIndia @HMOIndia @CPDelhi क्या कर रही है !!!” @DaminiAndolan।” (अनुवाद)

हालांकि, ऑल्ट न्यूज़ इस तस्वीर के स्त्रोत का पता नहीं लगा पाया है मगर इस तस्वीर को 2016 में साझा किये जाने के आधार पर यह स्पष्ट है कि यह तस्वीर पश्चिम बंगाल में CAA के खिलाफ जारी प्रदर्शन में हुई घटना का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।

सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित है यह तस्वीर

तस्वीर और उसके साथ साझा किये गए गलत दावे को अनीमा सोनकर ने भी शेयर किया है, जिन्होंने खुद को ट्विटर पर दिल्ली राज्य एबीवीपी के संयुक्त सचिव बताया है।

यह तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर वायरल है।

हमने इस तस्वीर को इंस्टाग्राम पर भी इस दावे से शेयर किया गया पाया।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.