8 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं को उजागर किया था. उसके एक दिन बाद उन्होंने कर्नाटक में वोट अधिकार रैली को संबोधित किया जहां उन्होंने दावा किया कि अप्रैल-मई-जून 2024 में विधानसभा चुनाव और नवंबर 2024 में लोकसभा चुनाव के बीच चार से पांच महीनों में महाराष्ट्र में 1 करोड़ नए वोट ‘जादुई’ रूप से सामने आए.
राहुल गांधी ने कहा, “लोकसभा का चुनाव हुआ, उसके बाद महाराष्ट्र का चुनाव होता है. लोकसभा में हमारा गठबंधन महाराष्ट्र के चुनाव को जीतता है. और फिर चार महीने बाद, बीजेपी महाराष्ट्र में विधानसभा जीतती है. आश्चर्यजनक नतीज़ा था. हमने पता लगाया तो पता लगा कि 1 करोड़ नए वोटरों ने वोट किया विधानसभा में. 1 करोड़ नए लोग, जिन्होंने लोकसभा में अपना वोट नहीं डाला था, जादू से ये विधानसभा में वोट करने के लिए निकल आए… हमारे गठबंधन के वोट कम नहीं हुए. जितने हमें लोकसभा में मिलें, उतने ही हमें विधानसभा में मिलें. और सारे के सारे के वोटर जो बढ़ाए गए बीजेपी के खाते में गए…”
ये पहली बार नहीं था जब राहुल गांधी ने ऐसा दावा किया कि महाराष्ट्र में दो चुनावों के बीच 1 करोड़ मतदाता बढ़े हैं. 17 अगस्त, 2025 को बिहार के सासाराम में इंडिया गठबंधन द्वारा मतदाता अधिकार यात्रा के शुभारंभ के दौरान विपक्ष के नेता ने 1 करोड़ का वही आंकड़ा सामने रखा था.
राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान कहा, “लोकसभा चुनाव के दौरान, हमारे गठबंधन ने जीत हासिल की. चार महीने बाद, उसी राज्य में भाजपा के गठबंधन ने चुनाव में जीत हासिल की. पूछताछ करने पर, हमने पाया कि लोकसभा चुनाव के बाद, चुनाव आयोग ने जादुई रूप से 1 करोड़ नए मतदाता जोड़े. लोकसभा और विधानसभा के बीच, 1 करोड़ मतदाताओं का अंतर है…हमने वोट नहीं खोए. लोकसभा में हमें जो भी वोट मिलें, विधानसभा में मिलें. बीजेपी को सारे नए वोट मिलें और उन्होंने चुनाव जीता…”
ध्यान दें कि 3 फ़रवरी को राहुल गांधी ने संसद में इससे जुड़ा दावा किया था. उनके सटीक शब्द कुछ यूं थे:
“भारत गठबंधन द्वारा जीते गए लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच, हिमाचल प्रदेश की मतदाता आबादी को महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था. मतलब, हिमाचल प्रदेश की पूरी आबादी को महाराष्ट्र की मतदाता सूची में जोड़ा गया था. कृपया समझें कि मैं क्या कह रहा हूं. लोकसभा में… लोकसभा और विधानसभा के बीच का अंतर हिमाचल प्रदेश की आबादी थी. पूरी आबादी… लोकसभा और विधानसभा के बीच अचानक लगभग 70 लाख नए मतदाता आ गए…”
फ़ैक्ट-चेक
राहुल गांधी के वोट बढ़ोतरी के इस दावों की जांच करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर इससे जुड़ा हुआ डेटा चेक किया.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) द्वारा जारी महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव परिणाम 2024 हैंडबुक के मुताबिक, अप्रैल-मई-जून 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में मतदान की कुल संख्या 5,71,79,131 थी, यानी 5.7 करोड़ से थोड़ा ज़्यादा.
फिर, CEO महाराष्ट्र की वेबसाइट पर मौजूद वोटर टर्नआउट (VTR) डेटा के मुताबिक, नवंबर 2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान की कुल संख्या 6,40,88,195 थी, यानी 6.4 करोड़ से थोड़ा ज़्यादा.
इन दोनों के बीच का अंतर, यानी, लोकसभा चुनाव 2024 और पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में पड़े कुल वोटों का अंतर 69,09,064 है, या 69 लाख से थोड़ा ज़्यादा है, न कि 1 करोड़, जैसा कि राहुल गांधी ने दावा किया था.
हमने राज्य के दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों – राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और महा विकास अघाड़ी (MVA) को दो चुनावों में मिले वोटों की संख्या पर भी गौर किया.
अप्रैल-मई के लोकसभा चुनावों में NDA को 2,43,45,345 वोट मिलें, यानी 2.4 करोड़ से थोड़ा ज़्यादा. ये बीजेपी (1,49,13,914), शिवसेना (73,77,674) और NCP (20,53,757) को मिले वोटों का टोटल है.
पांच महीने बाद, महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एनडीए को 3,11,07,146 यानी 3.1 करोड़ से कुछ ज़्यादा वोट मिलें, बीजेपी को 1,72,93,650, शिवसेना को 79,96,930 और एनसीपी को 58,16,566 वोट मिलें.
यानी, NDA के वोटों में अंतर या उछाल 67,61,801 या 68 लाख से थोड़ा कम था जो कि कुल वोटों में उछाल (69,09,064) के करीब है.
आइए अब देखें कि इन दोनों चुनावों में MVA का प्रदर्शन कैसा रहा. लोकसभा चुनावों में MVA को 2,50,15,819 या 2.5 करोड़ से कुछ ज़्यादा वोट मिलें. ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (9641856), शिवसेना-UBT (9522797) और NCP-SP (5851166) को मिले वोटों का टोटल है.
नवंबर में राज्य चुनावों में MVA की वोट संख्या 32,74,088 से घटकर 2,17,41,731 या 2.2 करोड़ से थोड़ी कम हो गई जिसमें कांग्रेस को 80,20,921, शिवसेना-UBT को 64,33,013 और NCP-SP को 72,87,797 वोट मिलें.
कुल मिलाकर, चुनाव आयोग के आंकड़ों पर आधारित हमारा विश्लेषण राहुल गांधी को कम से कम तीन मामलों में ग़लत साबित करता है – एक, 2024 में महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच, मतदाता मतदान में 69 लाख की बढ़ोतरी हुई थी, न कि 1 करोड़ की.
दूसरा, राहुल गांधी का ये दावा भी ग़लत है कि ‘1 करोड़ नए वोट’ सभी भाजपा को गए. कोई भी अनुमान लगा सकता है कि बीजेपी से कांग्रेस नेता का मतलब असल में NDA था. पांच महीने के अंतराल पर हुए दो चुनावों में NDA को मिले कुल वोटों का अंतर लगभग 68 लाख था.
तीसरा, MVA की वोट संख्या दोनों चुनावों में समान नहीं थी, जैसा कि राहुल गांधी ने दावा किया था. लोकसभा से लेकर विधानसभा तक उनके वोटों में 33 लाख की कमी आई जो किसी भी तरह से नगण्य संख्या नहीं है.
जहां तक 3 फ़रवरी को सदन में विपक्ष के नेता की टिप्पणी का सवाल है, अगर “70 लाख नए मतदाताओं” से राहुल गांधी का मतलब मतदान में बढ़ोतरी या मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी से था, तो उनका डेटा असली आंकड़े के बहुत करीब है. हालांकि, अगर वो चुनावी भूमिका में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि के बारे में बात कर रहे थे, तो उनके द्वारा दिया गया आंकड़ा EC डेटा द्वारा समर्थित नहीं है. पोल पैनल के मुताबिक, 2024 में राज्य में लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक पांच महीनों में 40,81,229 यानी, लगभग 41 लाख नए मतदाता महाराष्ट्र मतदाता सूची में जोड़े गए.
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