दुनिया ने #KashmirIssue पर ध्यान देना शुरू कर दिया है और यह अपने आप में पाकिस्तान के लिए एक कूटनीतिक जीत है। हमारा एकमात्र उद्देश्य, कश्मीर में मीडिया ब्लैकआउट के माध्यम से उन्हें चुप कराने के मोदी के प्रयासों के बावजूद, कश्मीरी आवाज़ों को सुनाना है। आज @nytimes में! #ImranKhanVoiceOfKashmir – (अनुवादित)
उक्त संदेश पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया गया, जो पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की अध्यक्षता वाली राजनीतिक पार्टी है। इस संदेश के साथ, द न्यू यॉर्क टाइम्स के पहले पेज जैसी दिखाई देने वाली एक तस्वीर पोस्ट की गई थी। ट्वीट को अब डिलीट कर लिया गया है।
इस अखबार में छपी बातें कश्मीर के मुद्दे पर भारत सरकार को निशाना बनाती हैं। इसमें लिखा है, ‘कश्मीर के 80 लाख लोग 5 अगस्त से लाखों सैनिकों की घेराबंदी में हैं’ और ‘कश्मीर की यह घेराबंदी घोर नस्लवाद है।’ -(अनुवाद) इस तस्वीर को कई ट्विटर उपयोगकर्ताओं ने इस निहितार्थ के साथ साझा और रीट्वीट किया है कि द न्यूयॉर्क टाइम्स ने कश्मीर मुद्दे पर व्यापक कवरेज दिया है और 5 अगस्त से इस क्षेत्र में हुए कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर किया है।
From the pages of today’s.@nytimes : #Kashmir 8 million under siege by a million soldiers since August 5th. #EndtheSiege pic.twitter.com/zykhmbwZml
— Parthiban Shanmugam (@hollywoodcurry) September 27, 2019
तथ्य-जांच: रिपोर्ट नहीं, विज्ञापन
अखबार की तस्वीर को गौर से देखने पर पता चलता है कि जिसे द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बतलाया गया है, वह वास्तव में एक प्रायोजित लेख है। इस तस्वीर के निचले बाएं कोने में छपे शब्द ‘अंतर्राष्ट्रीय मानवीय फाउंडेशन द्वारा प्रायोजित’ साफ देखे जा सकते हैं।
जैसा कि ऊपर देखा जा सकता है, उसमें एक वेबसाइट www.IHF-US.org, का भी उल्लेख किया गया है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस वेबसाइट को देखा तो पाया कि यह उस विरोध प्रदर्शन के इर्द-गिर्द केंद्रित था, जो टेक्सास के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया कार्यक्रम के मौके पर हुआ था, हालांकि, इन्होंने अपना वर्णन इस प्रकार किया है : “हमारा मिशन, कमज़ोर लोगों को सामान्य समय के दौरान और बाढ़, सूखा, तूफान, बीमारियों, जैव-आतंकवाद और युद्ध जैसी जटिल आपात स्थितियों के दौरान भी वैश्विक राहत और धर्मार्थ सेवाएं प्रदान करना; मनुष्य को जीने योग्य वैश्विक समाज प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय सरकारों और अन्य गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम करके जटिल वैश्विक आपात स्थितियों से सामूहिक रूप से लड़ना है।”
‘इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन’ के बारे में इस वेबसाइट पर जानकारी बहुत कम है, हालांकि, पंजीकरण और डोनेशन का लिंक दिया हुआ है।
इस बीच, 28 सितंबर को द न्यूयॉर्क टाइम्स के पहले पन्ने पर कश्मीर पर कोई कवरेज नहीं है। इस अखबार का उस दिन का पहला पन्ना ऐसा है-

कश्मीर मुद्दे को द न्यूयॉर्क टाइम्स में 10 अगस्त, 2019 को फ्रंट-पेज कवरेज मिला था।
निष्कर्षतः कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं द्वारा साझा की गई 28 सितंबर के द न्यू यॉर्क टाइम्स अख़बार की तस्वीर, अखबार द्वारा कश्मीर पर कोई कवरेज नहीं, बल्कि एक प्रायोजित पोस्ट है।
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