तेलंगाना सरकार ने 15 फ़रवरी को एक नोटिस जारी किया जिसमें मुस्लिम कर्मचारियों को रमज़ान के महीने में नमाज़ के लिए 4 बजे शाम को ऑफिस छोड़ने की अनुमति दी गई. इससे वो लोग नमाज़ अदा कर सकें. कई राज्यों की सरकारें ये निर्णय कई सालों से लेती आ रही है. आंध्र प्रदेश सरकार ने भी तेलंगाना से पहले ऐसा ही नोटिस जारी किया था. लेकिन तेलंगाना को लेकर मीडिया की रिपोर्टिंग में पूर्वाग्रह और सनसनीखेजता साफ तौर पर देखी जा सकती है जिसमें मीडिया ने न सिर्फ रिपोर्ट किया, बल्कि इसपर रिएक्शन लेने के लिए कई नेताओं के पास गई.
तेलंगाना सरकार के नोटिस पर ANI ने 18 फरवरी को 12 बजकर 39 मिनट पर कांग्रेस शासित तेलंगाना सरकार के नोटिस के बारे में ट्वीट किया. हालांकि, इस रिपोर्ट के कई घंटों बाद तक ANI ने इसी महीने एनडीए शासन वाले आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे ही नोटिस के बारे में रिपोर्ट नहीं किया. जबकि आंध्र प्रदेश ने तेलंगाना से पहले इसी तरह की घोषणा की थी.
Telangana Government has issued an order permitting all Government Muslim Employees/Teachers/Contract /Out-sourcing/Boards/ Corporations & Public Sector Employees working in the State to leave their Offices/Schools at 4.00 pm during the Month of Ramzan from 2nd March to 31st… pic.twitter.com/bMXUpxPr3m
— ANI (@ANI) February 18, 2025
इसके बाद कई भाजपा नेताओं और समर्थकों ने कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए बयान जारी किया और ट्वीट किया जिसमें भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय शामिल हैं. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया और साथ ही इस मामले को एक सांप्रदायिक एंगल देकर इसे हिन्दू-मुस्लिम करने का प्रयास किया. जबकि दूसरी तरफ असल में उनकी पार्टी के समर्थन वाली आंध्र प्रदेश सरकार ने भी ऐसा ही नोटिस जारी किया था.
The appeasement bug strikes the Congress government in Telangana, which has approved relaxed work hours for Muslim state employees during Ramzan. No such concessions are ever granted to Hindus when they fast during Navratri. This tokenism isn’t about being sensitive to the… pic.twitter.com/r2cw1NPGRj
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 18, 2025
अक्सर विवादित बयानों के लिए जाने जाने वाले भाजपा नेता टी राजा सिंह ने भी तेलंगाना सरकार पर हिन्दू त्योहारों को नज़रअंदाज़ करने और मुस्लिमों को ज़्यादा तरजीह देने का आरोप लगाया.
Appeasement politics at its peak!
Telangana govt allows early leave for Ramzan but ignores Hindu festivals.
Equal rights for all, or none. pic.twitter.com/dIMh8bxWFs
— Raja Singh (@TigerRajaSingh) February 18, 2025
इस बीच, कई मीडिया आउटलेट्स ने इस खबर को सनसनीखेज बनाने के लिए इसपर लगातार ट्विट्स किये और कई नेताओं के बयान लिए. मीडिया आउटलेट्स की आंध्र प्रदेश सरकार के ऐसे ही नोटिस को लेकर चुप्पी ने काफी देर तक भाजपा को कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाने का मौका दिया जिससे आम धारणा बनती दिखाई देती है कि कांग्रेस मुस्लिम समुदाय को ज़्यादा फ़ेवर करती है.
मीडिया एजेंसी IANS ने 18 फ़रवरी को तेलंगाना मामले पर अलग-अलग पार्टियों के 12 नेताओं से बयान लिए जिसमें उन्होंने कहीं भी आंध्र प्रदेश में भी ऐसे ही नोटिस जारी होने का ज़िक्र नहीं किया. ये साफ तौर पर एक आम मुद्दे को सनसनीखेज बनाने का प्रयास प्रतीत होता है. विभिन्न मीडिया एजेंसियों ने भी इस मुद्दे पर एक तरफा रिपोर्टिंग की. लोगों की राय मांगी और इस मुद्दे पर टीवी शो भी किया.
Mumbai: Regarding the Telangana government reducing work hours for Muslim employees ahead of Ramzan, Maharashtra Minister Nitesh Rane says, “Our Maharashtra government follows Hindutva ideology. No one will indulge in appeasement politics here, nor should they. As we have said… pic.twitter.com/r0uq9nm7N5
— IANS (@ians_india) February 18, 2025
न्यूज़ 24 ने ट्वीट करते हुए तेलंगाना सरकार के फैसले पर लोगों की राय मांगी. चैनल ने इस ट्वीट में आंध्र प्रदेश का ज़िक्र नहीं किया.
तेलंगाना सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों को रमजान के दौरान चार बजे से पहले छुट्टी देने का आदेश जारी किया
◆ राज्य सरकार के इस फैसले पर क्या है आपकी राय?#Ramadan Telangana govt | leave offices at 4 pm during | #Ramzan pic.twitter.com/6a0yMThLsM
— News24 (@news24tvchannel) February 18, 2025
न्यूज़ 18 ने भी इस मुद्दे पर रिपोर्ट करते हुए हिन्दू संगठन विश्व हिन्दू परिषद का बयान चलाया जिसमें उन्होंने तेलंगाना सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकारण और हिंदुओं के त्योहारों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया.
रमजान को लेकर तेलंगाना सरकार का बड़ा फैसला#Telangana #Congress #Ramzan #Muslims@AnchorAnandN @pri_kandpal pic.twitter.com/vjczxQm1J1
— News18 India (@News18India) February 18, 2025
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने न्यूज़ एजेंसी की आलोचना करते हुए मीडिया कवरेज में असंगति की ओर इशारा करते हुए तर्क दिया कि ऐसे नोटिस एनडीए के नेतृत्व वाली सरकारों सहित विभिन्न राज्य की सरकारों द्वारा दिए गए, लेकिन एक खबर को नज़रअंदाज़ कर चुनिंदा रिपोर्टिंग ने ये धारणा बनाई कि तेलंगाना सरकार के कार्य कुछ अलग या सनसनीखेज हैं. लोगों ने मीडिया पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाना शुरू कर दिया और तेलंगाना सरकार के नोटिस को “मुस्लिम तुष्टिकरण” के रूप में सनसनीखेज तरीके से पेश करने और सांप्रदायिक सद्भाव को हानि पहुंचने और एक पार्टी को फेवर करने का आरोप लगाया. लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर आलोचना के कई घंटों बाद ANI ने आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे ही नोटिस जारी करने को लेकर खबर प्रकाशित की. हालांकि, तबतक कांग्रेस पार्टी द्वारा मुस्लिम “तुष्टिकरण” की धारणा पहले ही जड़ जमा चुकी थी, और इस भावना को बढ़ाने में मीडिया की अहम भूमिका है, एजेंसियों ने इसपर नेताओं की टिप्पणी लेना शुरू कर दिया था जिसमें भाजपा और उनके समर्थन की पार्टियों ने इसका विरोध किया. लेकिन कांग्रेस और उसके समर्थन वाली पार्टियों ने इसका समर्थन किया.
Andhra Pradesh Government permits all the employees who profess Islam, including Teachers and persons hired on contract, outsourcing basis and also Village/Ward Secretariats, to leave their Offices/ Schools early by an hour before closing time on all working days during the Holy… pic.twitter.com/LDbD0vt5Bc
— ANI (@ANI) February 18, 2025
ये घटना सरकारी कार्यवाहियों को सांप्रदायिक चश्मे से पेश करने की धारणा को उजागर करती है, जबकि असल में रमज़ान के समय ऐसी नोटिस पहले भी तेलंगाना सरकार द्वारा जारी हुए हैं जब वहाँ कांग्रेस की सरकार नहीं थी. बिहार में भी इस तरह का नोटिस 2023 में भी जारी किया गया था.
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