एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें साधु के वेश में कुछ लोग ज़मीन पर बैठे हैं और वीडियो रिकॉर्ड करने वाला उनसे नाम पूछ रहा है. जवाब में वे लोग अपना नाम सुनील, गोपी और गौरव बताते हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में 3 लोग साधु बनकर घूम रहे थे जिन्हें बच्चा चोर समझकर लोगों ने पकड़ लिया. इसके बाद इन साधुओं की पिटाई का भी वीडियो सामने आया. कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया की ये साधू नहीं मुसलमान हैं.

सुदर्शन न्यूज़ ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि पब्लिक ने मेरठ में 3 लोगों को पकड़ा जो साधू बनकर घूम रहे थे. पकड़े गए व्यक्ति के पास से मो. शमीम के नाम का आधार कार्ड निकला. (आर्काइव लिंक)

अक्सर फ़र्ज़ी ख़बर फैलाते हुए पाया जाने वाला अकाउंट अजय चौहान ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि जिनकी पिटाई हो रही है वे बांग्लादेशी हैं और साधू के भेष में मंदिर के लिए चन्दा मांग रहे थे. (आर्काइव लिंक)

सुदर्शन न्यूज़ के रजत मिश्रा ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए पकड़े गए व्यक्ति को मोहम्मद शमीम और गैंग बताया. वहीं सुदर्शन न्यूज़ से जुड़े सागर कुमार ने इसे कोट करते हुए लिखा कि मोहम्मद शमीद अपने गैंग के साथ भगवा कपड़ा पहनकर मोहल्ले की रेकी करता था.

फ़ैक्ट-चेक

हमने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मेरठ पुलिस का आधिकारिक ट्विटर हैंडल चेक किया. हमें इस मामले पर पुलिस का एक बयान मिला. सुदर्शन न्यूज़ को जवाब देते हुए मेरठ पुलिस ने कहा कि मौके पर पहुंचकर तीनों साधुओं को थाने लाया गया और पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि तीनों हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले नाथ सम्प्रदाय के साधू हैं जो भिक्षा मांगने का काम करते हैं. यानी, ये लोग ना तो मुस्लिम हैं और ना ही बांग्लादेशी.

हालांकि पुलिस ने पहले जारी किये गए बयान में मारपीट और बंधक बनाये जाने की बात को नकारते हुए इसे झूठा बताया था. लेकिन बाद में पुलिस ने एक और बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए 2 लोगों को थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.

हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर 14 जुलाई को पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस ने पहले मारपीट की बात को नकार दिया था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया.

कुल मिलाकर, सुदर्शन न्यूज़ और उसके कर्मचारियों समेत कई यूज़र्स ने साधु को बंधक बनाए जाने का वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया कि मेरठ में पकड़े गए लोग मुस्लिम समुदाय के थे जो साधुओं के वेश में घूम रहे थे. कई यूज़र्स ने ये भी दावा किया कि वे बांग्लादेश से थे. जबकि असलियत में वे हरियाणा के नाथ संप्रदाय के साधु थे.

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