एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें साधु के वेश में कुछ लोग ज़मीन पर बैठे हैं और वीडियो रिकॉर्ड करने वाला उनसे नाम पूछ रहा है. जवाब में वे लोग अपना नाम सुनील, गोपी और गौरव बताते हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में 3 लोग साधु बनकर घूम रहे थे जिन्हें बच्चा चोर समझकर लोगों ने पकड़ लिया. इसके बाद इन साधुओं की पिटाई का भी वीडियो सामने आया. कई लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया की ये साधू नहीं मुसलमान हैं.
◆ मेरठ में तीन साधुओं को बच्चा चोरी और नकली साधु समझकर डंडों से बुरी तरह पीटा गया!
◆ पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तीनों साधुओं को हिरासत में लिया। पूछताछ में पता चला कि ये तीनों साधु हरियाणा के यमुनानगर के निवासी हैं और भीख मांगते हैं!#meerut #UttarPradesh pic.twitter.com/QSxv9WQa4U
— 𝗦𝗼𝗰𝗿𝗮𝘁𝗲𝘀 (@NetaClix) July 14, 2024
सुदर्शन न्यूज़ ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि पब्लिक ने मेरठ में 3 लोगों को पकड़ा जो साधू बनकर घूम रहे थे. पकड़े गए व्यक्ति के पास से मो. शमीम के नाम का आधार कार्ड निकला. (आर्काइव लिंक)
मेरठ में साधु बनकर घूम रहे 3 लोगो को पब्लिक ने पकड़ा
पूछताछ में नाम बताया सोहन , आधार कार्ड में निकाला “मो० शमीम”
“मो० शमीम” अपने गैंग के साथ भगवा कपड़े पहनकर हिंदू मोहल्लों की करता था रेकी
पब्लिक ने तीनों पर बच्चे चुराने का भी लगाया आरोप@meerutpolice @Uppolice pic.twitter.com/PlowznsQM3
— Sudarshan UP (@SudarshanNewsUp) July 13, 2024
अक्सर फ़र्ज़ी ख़बर फैलाते हुए पाया जाने वाला अकाउंट अजय चौहान ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि जिनकी पिटाई हो रही है वे बांग्लादेशी हैं और साधू के भेष में मंदिर के लिए चन्दा मांग रहे थे. (आर्काइव लिंक)
सुदर्शन न्यूज़ के रजत मिश्रा ने ट्विटर पर वीडियो शेयर करते हुए पकड़े गए व्यक्ति को मोहम्मद शमीम और गैंग बताया. वहीं सुदर्शन न्यूज़ से जुड़े सागर कुमार ने इसे कोट करते हुए लिखा कि मोहम्मद शमीद अपने गैंग के साथ भगवा कपड़ा पहनकर मोहल्ले की रेकी करता था.
फ़ैक्ट-चेक
हमने वायरल वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मेरठ पुलिस का आधिकारिक ट्विटर हैंडल चेक किया. हमें इस मामले पर पुलिस का एक बयान मिला. सुदर्शन न्यूज़ को जवाब देते हुए मेरठ पुलिस ने कहा कि मौके पर पहुंचकर तीनों साधुओं को थाने लाया गया और पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि तीनों हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले नाथ सम्प्रदाय के साधू हैं जो भिक्षा मांगने का काम करते हैं. यानी, ये लोग ना तो मुस्लिम हैं और ना ही बांग्लादेशी.
बंधक बनाने व मारपीट की सूचना असत्य है। पुलिस द्वारा मौके पर पहुंचकर तीनों साधुओं को थाने लाया गया। पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि तीनों यमुनानगर (हरियाणा) के निवासी है तथा साधु/फकीर है जो नाथ समुदाय के हैं तथा मांगने का कार्य करते है।
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) July 13, 2024
हालांकि पुलिस ने पहले जारी किये गए बयान में मारपीट और बंधक बनाये जाने की बात को नकारते हुए इसे झूठा बताया था. लेकिन बाद में पुलिस ने एक और बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए 2 लोगों को थाने पर पूछताछ के लिए बुलाया है जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
साधु संतों के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा
थाना लिसाडी गेट क्षेत्र में साधुओ से मारपीट की वायरल वीडियो के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक नगर मेरठ द्वारा वीडियो बाईट। pic.twitter.com/OfCwBy2k7r— Pooja Goswami 🇮🇳 (@iPoojaGoswami_1) July 14, 2024
हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर 14 जुलाई को पब्लिश्ड एक रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस ने पहले मारपीट की बात को नकार दिया था. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ़्तार किया.
कुल मिलाकर, सुदर्शन न्यूज़ और उसके कर्मचारियों समेत कई यूज़र्स ने साधु को बंधक बनाए जाने का वीडियो इस झूठे दावे के साथ शेयर किया कि मेरठ में पकड़े गए लोग मुस्लिम समुदाय के थे जो साधुओं के वेश में घूम रहे थे. कई यूज़र्स ने ये भी दावा किया कि वे बांग्लादेश से थे. जबकि असलियत में वे हरियाणा के नाथ संप्रदाय के साधु थे.
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