महिला कांस्टेबल के साथ दो लोगों की झड़प का वीडियो वायरल है. क्लिप में एक व्यक्ति ने मुस्लिम धर्म से जुड़ी टोपी पहनी है. महिला कांस्टेबल की मांग है कि दोनों व्यक्ति उससे बात करते वक्त उचित व्यवहार करें. वीडियो में एक पॉइंट पर महिला उनके द्वारा दी गई रिश्वत से इंकार कर देती है, और पैसे फेंक देती है. वीडियो के आखिर में वो उन दो लोगों की पिटाई करने के इरादे से अपनी बेल्ट उतार देती है जिसके बाद वो दोनों आदमी महिला को परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं.
सोशल मीडिया पर ये वीडियो शेयर करने वाले यूज़र्स ने दावा किया है कि दोनों व्यक्ति मुस्लिम थे जिन्होंने कथित तौर पर हिंदू महिलाओं को परेशान किया था और इसलिए उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दंडित किया जा रहा था. उन्होंने कांस्टेबल के साहस और बिना डरे अपराधियों के साथ सही व्यवहार करने के लिए उसकी सराहना की.
HATS OFF To this Woman Constable for taking these 2 Muslim Men to task for harassing Hindu Girls 🫡 Look at how they are threatening & abusing her while she is in UNIFORM pic.twitter.com/DzCKYrI0uO
— Rosy (@rose_k01) October 19, 2025
X यूज़र @Warlock_mohit ने वायरल वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि कुछ मुस्लिम पुरुष कथित तौर पर हिंदू लड़कियों को परेशान कर रहे थे और वीडियो में कांस्टेबल ने उन्हें सबक सिखाया. आर्टिकल के लिखे जाने तक इस पोस्ट को 10 लाख से ज़्यादा बार देखा और 9 हज़ार से ज़्यादा बार रिशेयर किया गया. (आर्काइव)

एक X यूज़र, अरुण यादव (@ArunKoslii) ने भी ये वीडियो शेयर किया था जिसे करीब पांच लाख बार देखा गया. (आर्काइव)

@VENUYADAV4BJP, @AmitLeliSlayer, @rose_k01, @secular_king और कई लोगों ने भी इसी तरह के कैप्शन के साथ ये क्लिप शेयर की. (आर्काइव: 1, 2, 3, 4)
फ़ैक्ट-चेक
वायरल दावों की सच्चाई जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो के फ्रेम लिए और रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 21 सितंबर, 2025 को ‘अमित दीक्षित सोशल मैसेज’ नाम के चैनल द्वारा अपलोड किया गया ये यूट्यूब वीडियो मिला. इस वीडियो में वायरल वीडियो वाला हिस्सा 2 मिनट 3 सेकेंड के आसपास है.
हमने ये भी देखा कि 3 सेकेंड के टाइमस्टैम्प के आसपास, एक डिस्क्लेमर दिखता है. डिस्क्लेमर में ये स्पष्ट किया गया कि ये एक काल्पनिक या मंचित वीडियो था. इसमें कहा गया है, “वीडियो में दिखाए गए नाम, पात्र, व्यवसाय, स्थान और घटनाएं काल्पनिक हैं, और किसी भी वास्तविक जीवन की घटना या चरित्र से समानता पूरी तरह से संयोग है.”

इस चैनल के और भी कई वीडियोज़ में हमने उन्हीं एक्टर्स को अलग-अलग भेष में अभिनय करते देखा जो कि वायरल वीडियो में हैं. इससे पता चलता है कि चैनल ने मनोरंजन के मकसद से ऐसे स्क्रिप्टेड परिदृश्य-आधारित वीडियोज़ बनाए और पोस्ट किये हैं.

उदाहरण के लिए, वायरल क्लिप में दिखाई देने वाले कई कलाकार अन्य वीडियो में भी हैं.

चैनल के यूट्यूब डिस्क्रिप्शन में क्रिएटर की फ़ेसबुक प्रोफ़ाइल का लिंक अटैच किया गया है. हमने फ़ेसबुक पेज पर भी ऐसे विषयों पर और एक जैसे एक्टर्स वाले कई वीडियोज़ देखें.
इस साल की शुरुआत में ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसे ही एक वीडियो से जुड़े भ्रामक दावों की पड़ताल की थी जिसमें वही एक्टर एक अलग परिदृश्य में दिखाई दिए थे. हाल में शेयर कथित वीडियो में टोपी पहना व्यक्ति ऐसे ही एक वीडियो में भी था जिसकी सच्चाई ऑल्ट न्यूज़ इस फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल में बताई थी. वहीं ये दोनों ही वीडियो एक ही कमरे में शूट किए गए थे.

कुल मिलाकर, हिंदू महिलाओं को परेशान करने के लिए एक महिला कांस्टेबल द्वारा मुस्लिम पुरुषों को दंडित किए जाने का एक क्लिप्ड, स्क्रिप्टेड वीडियो यूपी पुलिस द्वारा उत्पीड़कों को उनकी सही जगह दिखाने के दावे के साथ एक असली घटना के रूप में शेयर किया गया. ये वीडियो काल्पनिक है और “मनोरंजन” के मकसद से बनाया गया है और यही एक्टर पहले भी इसी तरह के वायरल वीडियो में दिखाई दिए हैं जिसकी ऑल्ट न्यूज़ ने पड़ताल की है.
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