एक बार फिर सोशल मीडिया पर एक वीडियो को सांप्रदायिक ऐंगल देकर शेयर किया जा रहा है. इसमें 2 गुट आपस में लड़ रहे हैं और पुलिस उन्हें छुड़ाने की कोशिश कर रही है. वीडियो में हिन्दू देवता गणेश की मूर्ति भी नज़र आ रही है. फे़सबुक और ट्विटर पर एक मिनट का वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि हैदराबाद में गणेश की मूर्ति लगाये जाने पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने झगड़ा शुरू कर दिया. ये वीडियो गणेश चतुर्थी के अगले दिन खूब शेयर किया गया.

ट्विटर यूज़र @kapilverma73 ने ये वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “हैदराबाद में गणेश जी की मूर्ति लगाने पर मुसलमानो ने हिन्दुओ के साथ मारपीट किया. मजहब ही सिखाता है हिन्दुओ से बैर रखना..” इस वीडियो को 35,000 से ज़्यादा बार देखा गया और 3,000 से ज़्यादा बार शेयर किये जाने के बाद डिलीट कर दिया गया. (आर्काइव पोस्ट)

एक और ट्विटर यूज़र @AshishJaggi_1 ने यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “ये पाकिस्तान नहीं हैदराबाद में हो रहा है. आस-पास के कुछ गुंडों ने श्री गणेश की मूर्ति लगाने का विरोध किया और इसे नुकसान पहुंचाया, फिर कुछ भाइयों को उन्हें सबक सिखाना पड़ा. KCR को लगता है वो अगले निज़ाम हैं और अपने रज़ाकारों की टीम बना रहे हैं. (ऑरिजिनल इन इंग्लिश : “This is happening in Hyderabad & not Pakistan. Some local goons were opposing to the installation of Shri Ganesha’s statue & damaged it too, then some brothers had to bash them. KCR thinks that he’s the next Nizam is teaming up with Razakars.”) इस ट्वीट को करीब 5,000 बार रीट्वीट. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

तेलुगू भाषी ट्विटर और फे़सबुक यूज़र्स ने भी ये वायरल वीडियो शेयर किया. इन पोस्ट्स के मुताबिक यह घटना हैदराबाद के लाल दरवाजा इलाके की है और झगड़े में मूर्ति को नुकसान हुआ है. ट्विटर यूज़र @anushabinny ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “బలగంజ్, లాల్ దర్వజా హైదరాబాద్ లో గణేష్ విగ్రహం పెడుతుంటే అభ్యంతరం తెలుపుతూ…విగ్రహం చేయి విరగొట్టిన కొడుకుల్ని చితగొట్టిన టైగర్ అలె జితేందర్ అన్న మరియు హిందు సోదరులు. సమాధానం ఇట్లనే ఉండాలి… జై శ్రీరామ్” इस पोस्ट को 88,000 बार देखा गया (ट्वीट का आर्काइव). इसी तरह फेसबुक यूज़र पटेल प्रसाद ने भी वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया. इसे 26,000 से ज्यादा लोगों ने दखा.(आर्काइव लिंक)

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फै़क्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर जब कीवर्ड सर्च किया तो पता चला द न्यूज़ मिनट (The News Minute) ने अपनी रिपोर्ट में इस दावे का फै़क्ट चेक किया है कि क्या यह घटना सांप्रदायिक तनावों की वजह से हुई. रिपोर्ट में मोघलपुरा पुलिस के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) का बयान है जिसमें इस बात कि पुष्टि हुई है कि ये झगड़ा सामुदायिक नहीं था.

ऑल्ट न्यूज़ ने मोघलपुरा SHO से बात की. उन्होंने हमें बताया, “इस वीडियो में दो परिवारों के बीच लड़ाई हो रही है. पहला परिवार दूसरे के घर के सामने पिछले 40 सालों से गणेश चतुर्थी मनाता हुआ आ रहा है. लेकिन इस साल कोविड के कारण दूसरे परिवार ने त्यौहार अपने घर के सामने मनाने से मना कर दिया. इसी वजह से दोनों के बीच झगड़ा हुआ. दोनों परिवार एक ही समुदाय से हैं. यहां संप्रदाय वाला कोई एंगल ही नहीं है.”

तेलुगू सोशल मीडिया पोस्ट के दावों के मुताबिक मूर्ति को लड़ाई के दौरान नुकसान पहुंचाया गया. लेकिन, पुलिस ने इस बात से इनकार किया है और बताया, “दोनों परिवारों ने सुलह कर ली थी और कोई FIR नहीं दर्ज की गयी.”

हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर अंजनी कुमार ने 25 अगस्त को ट्वीट किया, “वार्निंग. मोघलपुर में एक ही समुदाय के दो परिवारों के बीच छोटा-सा झगड़ा हो गया था जिसे पुलिस और समुदाय के बुजुर्गों ने सुलझा दिया है. कुछ उत्पाती लोगों ने एक वीडियो करते हुए इसे समुदायों के बीच लड़ाई बताने की कोशिश की. ऐसे शरारती लोगों को इन हरकतों के लिए वार्निंग दी जाती है.”(Warning. A small quarrel which took place within same community in Moghalpura was settled by Police and community elders. Some mischief makers have uploaded a video and projected it as an intercommunity issue. Such trouble makers are warned not to indulge in these mischieves.)

यानी, हैदराबाद में हिन्दू देवता गणेश की मूर्ति लगाने पर दो समुदायों के बीच झगड़ा होने की बात ग़लत है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.