भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली विंग के उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वो कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए दिख रहे हैं. दिल्ली चुनाव से एक दिन पहले काफी ज़्यादा शेयर किए गए इस वीडियो में कपिल मिश्रा को लोगों की भीड़ से ये पूछते हुए सुना जा सकता है, “तो फिर इन मुसलमानों को छोड़ दोगे तुम?” लोग एक साथ जवाब देते हैं, नहीं.

कपिल मिश्रा को लोगों से ये कहते हुए भी सुना जा सकता है कि भाजपा उन सीटों पर जीत रही है जहां मुस्लिम चुनाव लड़ रहे हैं. उनका इशारा पांच फ़रवरी को हुए दिल्ली चुनाव की ओर था.

उनका दावा है कि मुस्लिम वोट तीन पार्टियों में बंट रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और कांग्रेस पार्टी सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के वोट शेयर में कटौती कर रही है, जिससे भाजपा को बढ़त मिल रही है. वीडियो के अंत में, कपिल मिश्रा ने ये कहकर दर्शकों को उत्साहित किया कि एक बार मुस्लिम वोट बंट गए, तो भाजपा की जीत की गारंटी होगी. वो कहते हैं, “तो फिर क्या आप इन मुसलमानों को छोड़ देंगे?… नहीं, ठीक है? हमें शहर के हर कोने में भगवा झंडा फहराना चाहिए.” 

X यूज़र @MeMdHaider ने वीडियो पोस्ट करते हुए आरोप लगाया कि कपिल मिश्रा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य को बढ़ावा दे रहे थे. इस यूजर के बायो के मुताबिक वो AAP का जोनल अध्यक्ष है. (आर्काइव)

फ़ेसबुक यूज़र शकीलुर रहमान ने भी वीडियो शेयर किया, जिसे इस आर्टिकल के लिखे जाने तक 3 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया था.

Posted by Shakeelur Rahman on Tuesday 4 February 2025

ऑल्ट न्यूज़ को अपने व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (+917600011160) पर फ़ुटेज को वेरिफ़ाई करने के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले, हमने देखा कि वायरल वीडियो में कपिल मिश्रा की आवाज़ और आसपास की आवाज़ बनावटी लग रही थी. करीब से जांच करने पर, हमने पाया कि ऑडियो कपिल मिश्रा के होठों की हरकत से भी मेल नहीं खाता. वायरल क्लिप के अंत में ध्यान से देखने पर ये बात साफ़ हो जाती है, जहां वो कहते हैं, “…भगवा लहराओगे की नहीं…”

इसके बाद, हम कपिल मिश्रा के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर अपलोड किए गए वीडियोज़ से वो पूरा वीडियो ढूंढा जिसमें से वायरल क्लिप निकाली गई थी. मालूम चला कि वायरल फ़ुटेज 23 जनवरी को अपलोड की गई एक लंबी लाइवस्ट्रीम का हिस्सा है.

क्लिप किया गया हिस्सा इस स्ट्रीम के 8 मिनट 59 सेकेंड पर शुरू होता है और 9 मिनट 36 सेकेंड तक चलता है. इस बाईट में उन्हें ऐसी कोई टिप्पणी करते हुए नहीं दिखाया गया है जैसा कि वायरल वीडियो में देखा जा सकता है. कपिल मिश्रा को समर्थकों से ये पूछते हुए सुना जा सकता है कि क्या पांच साल पहले इलाके में सांप्रदायिक दंगों के दौरान आप के मंत्रियों ने कोई मदद की थी.

8 मिनट 38 सेकेंड के टाइमस्टैम्प के आसपास, कपिल मिश्रा दर्शकों से वोट मांगते हुए कहते हैं, “याद रखना… जब हमारे घर में आग लगाने के लिए भीड़ आई थी, तो सड़कों पे कोई नहीं आया था सिर्फ कपिल मिश्रा निकला था.” वो आगे कहते हैं कि वो न तो विधायक थे और न ही उस समय भाजपा में कोई वरिष्ठ पद पर थे. “ये लोग (आप नेता) अब आ रहे हैं और आपसे स्थानीय लोगों के रूप में आप को वोट देने के लिए कह रहे हैं, लेकिन क्या उस दौरान कोई आया था?” वो पूछते हैं, जिस पर भीड़ एकजुट होकर जवाब देती है, “नहीं.” वायरल वीडियो में दर्शकों का ना में जवाब साफ नज़र आ रहा है.

कुल मिलाकर, वायरल वीडियो से छेड़छाड़ की गई है. कपिल मिश्रा की आवाज की नकल करने वाला फ़र्जी ऑडियो एक असंबंधित वीडियो में डाला गया है ताकि ये ग़लत धारणा दी जा सके कि उन्होंने मुस्लिम वोटों के बंटने पर टिप्पणी की थी. असल में वायरल क्लिप कपिल मिश्रा के भाषण का एक छोटा सा हिस्सा है जिसमें भाजपा के लिए वोट मांगे गए थे और 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली सांप्रदायिक हिंसा के दौरान कुछ नहीं करने के लिए AAP पर निशाना साधा गया था. ऑल्ट न्यूज़ निर्णायक रूप से ये निर्धारित नहीं कर पाया कि ऑडियो AI-जनरेटेड था या नहीं.

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