अक्सर कॉन्सपिरेसी थ्योरी फैलाने वाले राइट-विंग इनफ़्लूएंसर और ओन्ली फ़ैक्ट नामक वेबसाइट के फाउंडर विजय पटेल ने दावा किया कि अमेरिका की फ़ॉरेन इंटेलिजेंस एजेंसी CIA ने नंदा देवी पर्वत पर एक परमाणु जनरेटर (जिसमें प्लूटोनियम था) खो दिया, जहाँ से गंगा नदी को सबसे ज़्यादा पानी मिलता है. विजय पटेल ने दावा किया कि सोनम वांगचुक के पिता, सोनम वांग्याल, इस CIA की टीम का हिस्सा थे, और बाद में वे कांग्रेस में एक नेता बन गए. इस पोस्ट के जरिए सोनम वांगचुक के पिता पर अमेरिका की फ़ॉरेन इंटेलिजेंस एजेंसी CIA के साथ काम करने का आरोप लगाया गया. ध्यान दें कि विजय पटेल के झूठ को ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार उजागर किया है.
सितंबर 2025 के अंत में लेह में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों में चार लोगों की मौत हो गई. इसके बाद जलवायु ऐक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को 26 सितंबर, 2025 को “राष्ट्र-विरोधी” गतिविधियों के लिए कथित तौर पर हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से ही सताधारी पार्टी भाजपा समेत राइट-विंग सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा उन्हें लागातार टारगेट किया जा रहा है, उनपर विदेशी ताकतों के साथ हाथ मिलाकर देश में अशान्ति फैलाने का आरोप लगा रहे हैं. उनको लेकर कई फ़र्ज़ी खबरें फैलाई गईं, जिनका ऑल्ट-न्यूज़ ने लगातार फ़ैक्ट-चेक किया है.
इसी क्रम में ये दावा सोशल मीडिया पर किया जाने लगा कि सोनम वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के साथ काम किया था.
फ़ैक्ट-चेक
हमने विजय पटेल द्वारा सोनम वांगयाल के बारे में किए गए दावों पर रिसर्च किया तो पाया कि दोनों सोनम वांग्याल अलग-अलग शख़्सियत हैं. सोनम वांगचुक के पिता ने अमेरिकी फ़ॉरेन इंटेलिजेंस एजेंसी सीआईए के साथ कभी काम नहीं किया है. साथ ही जिस सोनम वांगयाल के बारे में ये जानकारी है वो एक पर्वतारोही हैं और उन्हें भारत सरकार ने राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार भी प्रदान किये हैं. इसके अलावा उन्होंने भारत के इंटेलिजेंस ब्यूरो और अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA के जॉइन्ट ऑपरेशन में काम किया था.
कौन हैं सोनम वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल?
एनडीटीवी और अलज़जीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, 1975 में सोनम वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल जम्मू-कश्मीर सरकार में मंत्री बने थे. हमने मंत्री रहे सोनम वांग्याल (सोनम वांगचुक के पिता) के बारे में सर्च किया तो हमें लद्दाख की सरकारी वेबसाइट पर 10 नवंबर 2021 को उनकी 23वीं पुण्यतिथि को लेकर कार्यक्रम से जुड़ी खबर मिली. ये पुष्टि करती है कि उनकी मौत 2021 से 32 साल पहले, यानी 1998 में हो गई थी.
पर्वतारोही सोनम वांगयाल
दूसरे सोनम वांग्याल एक पूर्व पर्वतारोही हैं जिन्होंने 1965 में 23 वर्ष की आयु में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी. जब हमने सोनम वांग्याल के बारे में सर्च किया तो हमें उनका 2020 में rediff को दिया गया एक इन्टरव्यू मिला. इसमें पत्रकार उनसे पूछते हैं कि अक्टूबर 1965 में, अमेरिका की खुफिया एजेंसी और भारत के इंटेलिजेंस ब्यूरो ने नंदा देवी के शिखर पर एक परमाणु ऊर्जा चालित संवेदन उपकरण स्थापित करने के लिए एक गुप्त मिशन में हाथ मिलाया था.
इसपर जवाब देते हुए वे कहते हैं, “चार भारतीयों को एक गुप्त मिशन पर प्रशिक्षण के लिए अलास्का जाने के लिए चुना गया था, लेकिन हमें इसकी जानकारी नहीं दी गई. चुने गए चार लोग कैप्टन कोहली, हरीश रावत, गुरचरण सिंह भंगू और मैं (सोनम वांगयाल) थे. हम चारों एवरेस्ट अभियान का हिस्सा थे. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के कारण अलास्का में हमारा प्रशिक्षण बीच में ही रुक गया और हम जल्दी लौट आए. अगले साल, हमें यह उपकरण नंदा देवी शिखर पर ले जाकर वहीं छोड़ना पड़ा. उस समय, हमें इसके बारे में कुछ भी नहीं पता था, सिवाय इसके कि यह एक भारी बिजली इकाई थी जो सरकार को चीनी गतिविधियों की जानकारी देती थी. नंदा देवी पर चढ़ना आसान नहीं है, और कुली इस 56 किलोग्राम के उपकरण को अपनी पीठ पर ढो रहे थे. लेकिन इससे पहले कि हम और हमारे अमेरिकी साथी शिखर तक पहुँच पाते, मौसम खराब हो गया, इसलिए हमने उपकरण वहीं छोड़ दिया और अगले साल इसे सक्रिय करने के लिए वापस आने का फैसला किया. अगले साल, हम उसी जगह पर वापस आए. हमने खोजा, लेकिन वह उपकरण नहीं मिला.”
इंडिया टीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने 20 मई 2015 को 50 साल पहले एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पर्वतारोहण टीम से मुलाकात की थी, वहाँ सोनम वांग्याल भी मौजूद थे. नरेंद्र मोदी ने इस मुलाकात का एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा था कि उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर भारत के पहले सफल अभियान के जीवित सदस्यों और मृत सदस्यों के परिजनों से मुलाकात की.
2018 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने श्री सोनम वांग्याल को तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार प्रदान किया था.
#PresidentKovind presents Tenzing Norgay National Adventure Award 2017 to Shri Sonam Wangyal. As Principal, SGMI Gangtok (1976-1990), he has trained more than 4000 officers and Jawans of IB, paramilitary and the Indian Army. pic.twitter.com/s1OcsTPJb6
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 25, 2018
कुल मिलाकर, सोनम वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल के बारे में झूठा दावा किया कि वे CIA के साथ काम करने वाली टीम के हिस्सा थे. असल में जो सोनम वांग्याल, भारतीय खूफिया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो के साथ अमेरिकी खूफिया एजेंसी CIA के जॉइन्ट ऑपरेशन में शामिल थे, वे एक पर्वतारोही और भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान हैं. जबकि सोनम वांगचुक के पिता सोनम वांग्याल एक अग्रणी और नेता थे. इसीलिए विजय पटेल ने पहले तो सोनम वांगचुक के पिता के बारे में झूठा दावा किया और दूसरा उसने पर्वतारोही सोनम वांग्याल पर भी CIA के साथ काम करने का आरोप लगाया. जबकि ये भारत सरकार का अमेरिकी खूफिया एजेंसी के साथ जॉइन्ट ऑपरेशन था.
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