“आप जानते है DNA में रिसर्च पर सबसे ज़्यादा ज़ोर दिया जा सकता…दिया जाता है”, यह बात सुधीर चौधरी ने 3 जुलाई के अपने चैनल के प्रमुख शो, डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस या अन्य नाम से लोकप्रिय DNA में कही थी।

7:50 मिनट के इस प्रोग्राम में, चौधरी ने नवनिर्वाचित टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के हालिया भाषण के सच से अलग होने का दावा किया है, जिसे उन्होंने ‘नफ़रतपूर्ण’ बताया है। इसके संदर्भ में, मोइत्रा ने 25 जून को संसद में अपने पहले भाषण के दौरान भारत में सात “फासीवाद के शुरुआती संकेतों” को एक चेतावनी के रूप में बताया था।

चौधरी ने इस लेख की तस्वीरों को ट्वीट करते हुए दावा किया है कि मोइत्रा ने इस से अपने भाषण के लिए “शब्दों को चुराया” है। उन्होंने लिखा,“संसद की गरिमा खतरे में है”

चुराया हुआ भाषण?

चौधरी ने आरोप लगाया कि सांसद के भाषण को 2017 के एक लेख से चुराया गया था, जिसमें डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिका में “फासिज्म के 12 शुरुआती चेतावनी संकेतों”-(अनुवाद) के बारे में बात की गई थी। पत्रकार ने कैमरा में इस भाषण की प्रिंटआउट को पकड़ कर दावा किया कि,“उनके भाषण में ‘ट्रम्प’ को ‘मोदी’ से बदल दिया गया है”।

चौधरी के हाथ में कागज़ पर ध्यान से देखने पर मालूम होता है कि इसके लेखक का नाम मार्टिन लॉन्गमैन है। 31 जनवरी, 2017 को, वाशिंगटन मंथली में प्रकाशित इस लेख को लॉन्गमैन द्वारा लिखा गया था। लेखक ने दावा किया कि लेख में दिए गए संकेत US Holocaust Museum में लगाए गए एक पोस्टर में दिए हुए है।

Zee News के इस मुद्दे पर शो करने से पहले ही, कई अन्य प्रमुख व्यक्तियों – शोभा डे, मकरंद परांजपे, कंचन गुप्ता ने दावा किया था कि मोइत्रा का भाषण चुराया हुआ है। विवेक अग्निहोत्री ने भी यही दावा किया है।

संदर्भित किया था, चुराया हुआ नहीं

मोइत्रा के भाषण का सच, जैसा कि चौधरी ने इसकी जांच करने का दावा किया है, यह एक भ्रामक खबर है। अपने संसदीय भाषण के अंत में, सांसद मोइत्रा ने भाषण के मूल स्रोत का उल्लेख किया था।

नीचे दिए गए वीडियो में 9:12 मिनट पर, मोइत्रा को कहते हुए सुना जा सकता है कि,”2017 में, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के होलोकॉस्ट मेमोरियल संग्रहालय ने अपनी मुख्य लॉबी में एक पोस्टर लगाया था और इसमें फासिज्म के शुरुआती सभी संकेतों की एक सूची लगाई गई थी। उस पोस्टर में दिए गए संकेतो में से सात संकेतों को मैंने यहां पर बताया है। “-(अनुवाद)।

लोंगमैन ने अपने 2017 के लेख में, उसी पोस्टर में दिए संकेत का उल्लेख किया था, जिसके बारे में मोइत्रा ने संसद में बात की थी। यह उल्लेखनीय है कि अमेरिका की एक वेबसाइट स्नोप्स द्वारा 2017 में की गई एक तथ्य-जांच में, यह पाया गया था कि पोस्टर संग्रहालय के लॉबी में नहीं, बल्कि किसी गिफ्ट की दुकान में मौजूद था।

Zee News और कई अन्य लोगों द्वारा भाषण की चोरी का विवाद उठाने पर, लोंगमैन ने ट्वीट करके बताया कि मोइत्रा पर भाषण के चोरी करने का “झूठा आरोप लगाया” जा रहा है।

उन्होंने इसी बात को अपने एक अन्य ट्वीट में भी दोहराया है।

एक प्रेस रिलीज़ में, मोइत्रा ने स्पष्ट किया कि उनका भाषण “स्री लॉरेंस डब्ल्यू ब्रिट द्वारा बनाए गए एक पोस्टर, जो प्रलय संग्रहालय में मौजूद है, जिसमें फासिज्म के शुरूआती 14 संकेतों को दिया गया है”-(अनुवाद) से प्रेरित था। उन्होंने लिखा कि,“मुझे इसमें भारत के लिए सात संकेत मिले, जिसके बारे में मैंने विस्तार से बात की थी”। और आगे उन्होंने बताया कि अपने भाषण में उन्होंने इसके स्त्रोत के बारे में भी बात की थी, उन्होंने कहा कि,”इसे चोरी तब कहा जाता जब भाषण के स्रोत के बारे में उल्लेख ना किया जाए “-(अनुवाद)।

ऑल्ट न्यूज़ को इसके अलावा एक कॉपी भी मिली, जिसमें डॉ.ब्रिट ने 14 संकेतो के बारे में बात की है। यह 15 जुलाई 2003 को फ्री इंक्वायरी मैगज़ीन के वॉल्यूम 22 नंबर 2 में प्रकाशित हुआ था।

Zee News द्वारा इस भाषण को चुराया हुआ बताया गया, जबकि वास्तव में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भाषण के दौरान मूल स्त्रोत की कॉपी का इस्तेमाल किया था और अंत में उन्होंने मूल स्त्रोत के बारे में भी कहा था। सुधीर चौधरी को इस बारे में कई लोगों, और खुद लेखक के द्वारा बताये जाने के बाद भी, उन्होंने ट्वीट करके लिखा कि,“#TukdeTukdeGang को खत्म करना चाहिए, जो अपनी चोरी के लिए रो रही है।”

सोशल मीडिया पर सुधीर चौधरी के इस DNA की काफी आलोचना होने के बाद उन्होंने 4 जुलाई के शो में यह कहा कि “महुआ मोइत्रा ने 25 जून को दिए गए अपने भाषण में अमेरिका के होलोकॉस्ट म्यूसियम में लगे एक पोस्टर को कोट तो किया लेकिन अपने भाषण के बिलकुल आखिर में।”

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.