https://www.youtube.com/watch?v=XQQFRctmLPM
हममें से कुछ लोगो ने फेसबुक या ट्विटर पर ऐसा विडियो देखा होगा जिसमें एक व्यक्ति अपने आप को ग्रैंड मास्टर शिफुजी भारद्वाज कहते है, यहाँ तक कि इनकी विडियो व्हाट्सएप पर भी वायरल हुई| इनकी अधिकतर विडियोज और फोटोज इनके द्वारा बनाये हुए चैनल से ही अपलोड हुई, जिसमे शिफूजी को एक उच्च सैन्य अधिकारी जैसा दिखाया गया है| इनकी ज्यादातर विडियो और फोटो में, ये सैनिक के पहनावे में दिखते हैं, जिसमे बलिदान बैज, मार्कोस बैज (जल सेना के कमांडो पहनते है), मरून रंग की चिपटी टोपी (सैनिक पहनते है) और नुकीली मूंछ (शहीद भगत सिंह जैसे) देखा जा सकता है।
अगर इनके उच्च सैनिक वाले दावे को अलग रखा जाये, तो इनके LinkedIn पेज पर भी ये दावा करते है की इनको मध्य प्रदेश का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया और इन्होंने एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार “Living Legend -True Patriot” भी जीता है | इसके साथ अपने LinkedIn पेज पर, 16 भाषा के साथ और बहुत कुछ जानने का भी दावा करते हैं|
हम में से अधिकतर लोगो ने इनको, एक भारतीय सेना का अधिकारी माना, जैसा कि वो अपने वीडियो, Instagram पोस्ट, ब्लॉग, इंटरव्यू और फेसबुक पेज पर दावा करते हैं| असल में वो यहाँ तक दावा करते हैं कि वो ही दूसरे भगत सिंह है| अपनी ज्यादातर YouTube विडियो (जो अब हटा ली गयी है), और अपने अधिकारिक चैनल पर, शिफुजी दावा करते है कि वो सेना की “लड़ाकु दल” के एक “विशेष कमांडो ट्रेनर” हैं, जो युद्ध या लड़ाई के लिए सेना के पास होता है | इसके अलावा वो और भी बहुत कुछ होने का दावा पर दावा करते है, जैसे कि मुंबई क्विक रिस्पांस दल (QRT) कमांडो, का “स्पेशल मेंटर(गुरु)”,”मुंबई पुलिस के “विशेष प्रशिक्षक” और “शहरी आंतक निरोधी दस्ता” और “स्पेशल कमांडो” वी.आई.पी प्रोटेक्शन (उच्च श्रेणी सुरक्षा) में कौशल हासिल करने जैसी बाते करते है| यह सब उनकी काल्पनिक विषेशज्ञता है, हालाँकि हममें से अधिकतर लोगों ने कभी ऐसी पदों के बारे में सुना भी नहीं होगा।
मुंबई और पुणे मिरर में प्रकाशित एक लेख में, इन्होने ये दावा किया है कि ये सेना में 29 साल, Hawk Commandos और Special Armed Force को ट्रेनिंग देकर बिताये है| अपने 29 साल के कार्य-अवधि से कार्यमुक्त होने के बाद शिफूजी ने महिलाओ को 15 साल तक आत्म-सुरक्षा सिखाने का भी कार्य किया है| इसका मतलब वो सिर्फ 44 साल का तो कार्य-अनुभव रखते हैं| एक व्यक्ति जो दिखने में सिर्फ 44-50 वर्ष तक का दिखता है। तो उससे अंदाजा यही लगता है की उन्होंने भारतीय सेना में प्रशिक्षण अपने बचपन के लंगोट वाले दिनों में ही शुरू कर दिया होगा |
इसलिए कुछ एक लोगो ने इनको एक पहेली की तरह लेना शुरू किया, उसमे अहमदाबाद के अभिषेक शुक्ला, जिन्होंने शिफूजी का भांडा-फोड़ एक विडियो-सीरीज से शुरू किया| उनमे से कुछ विडियो देखने के लिए YouTube पर “Shifuji Shaurya Bhardawaj EXPOSED”| STOLEN VALOUR” सर्च कर सकते है| आखिरकार, शिफूजी पर दबाव पड़ा और उन्होंने ये माना की वो भारतीय सेना से नही है | अब उन्होंने अपने फेसबुक पेज से कई विडियो हटा दिए है और अपना अधिकारिक पेज भी बंद कर दिया है (लेकिन दावा करते है कि वो हैक हो गया है)|
लेकिन अब, शायद बुलबुले फट सकते हैं, शिफुजी यह जानते थे कि, कैसे सेना के नाम पर मध्यवर्गी भारतीयों को सोशल मीडिया पर आसानी से बेवकूफ बनाया जा सकता है (“सैनिक बोल दिया, तर्क खत्म!!”) | यही कारण था कि उनका हर विडियो समाज के कुछ वर्ग और समुदाय के खिलाफ, पाकिस्तान के खिलाफ बहादुरी, गालियां और नफरत से भरा हुआ था| वो जानते थे कि आज के इस दौर के लोगो को कैसे बेवकूफ बनाना है| और उन्होंने किया भी, लोग उनकी बातों में फंस गये!
यह सब शुरू उन मीडिया हाउस के साथ हुआ जो उनको इंटरव्यूज में बुलाते थे और उनका परिचय एक सैन्य अधिकारी के रूप में कराते थे| उनको टेलीविज़न पर सर्जिकल स्ट्राइक, सेना के कैंप में खाने की गुणवता, उरी हमले का विश्लेषण करने, कारगिल युद्ध पर अनुभव साझा करने आदि के लिए बुलाया जाता था | क्या मीडिया इतनी ज़्यादा बेवकूफ थी कि उनकी सच्चाई नही जान सकी? यकीन करना वाकई मुश्किल है| टी.वी मीडिया का इन दिनों एकमात्र लक्ष्य होता है TRP, वो कैसे भी आये, चाहे उसके लिए शिफुजी को दिखाना हो या तारेक फतेह को| इस तरह ये नाम कमाने लगे और इनको बॉलीवुड से अवसर भी मिलने लगे जैसे की फिल्म “बाघी” | Zee ने इसको ऐसे दिखाया, शिफुजी शौर्य भारद्वाज :एक महान हस्ती जिसने टाइगर श्रॉफ की फिल्म “बाघी” में ट्रेनर का किरदार निभाया |
बॉलीवुड के कुछ नामचीन हस्तियों ने अब उनको एक प्रशिक्षक के रूप में रखा हुआ है, उस “सैनिक कार्ड” का धन्यवाद जो उन्होंने खेला। ये बाते ये दर्शाती है की सेना के नाम पर कुछ भी किया जा सकता है |
अब उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष, मेजर आशीष चतुर्वेदी ने शिफुजी के खिलाफ सेना और विशेष बल की वर्दी (यूनिफार्म) में फोटोज और विडियोज डालने और खुद को सेना का अधिकारी बताने, के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी है|
वेबसाइट Lallantop ने हाल ही में एक लेख प्रकाशित कर शिफूजी का खुलासा किया, जैसे ही ये लेख फैलना शुरू हुआ, हमारे बहादुर सैनिक शिफुजी लेख का हमला सह नही पाए और उनको अपनी वेबसाइट बंद करनी पड़ी और साथ ही उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वो कभी सेना में थे ही नही |
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