ISI के पूर्व महानिदेशक हामिद गुल के बेटे अब्दुल्ला गुल ने 10 अगस्त को एक वीडियो ट्वीट किया, जिसके साथ दावा किया गया कि यह वीडियो एक “कश्मीरी बहन” ने भेजा है और इसमें वहां हो रहे नरसंहार को दिखाया गया है। वीडियो में घायल लोगों को ले जाते हुए और लोगों पर कहर ढाते हुए दिखाया गया है। उर्दू में किए गए उनके ट्वीट का लगभग अनुवाद यह है –“कश्मीर में नरसंहार शुरू हुआ। यह वीडियो एक कश्मीरी बहन ने भेजा है। क़ैद-ए-आज़म ने सेना को कश्मीर की ओर मार्च करने का आदेश दिया है। हम इसे राजनयिक, नैतिक और राजनीतिक समर्थन प्रदान कर रहे हैं। इमरान खान का कहना है कि अगर वह जवाब देगा तो पाकिस्तान हमला करेगा। क्या कश्मीर पाकिस्तान नहीं है? क्या टीपू सुल्तान इस तरह गया?”-(अनुवाद)

गुल के ट्वीट को टाइम्स ऑफ़ ग़ज़ा नामक एक ट्विटर हैंडल द्वारा इस दावे के साथ साझा किया है कि –“भारतीय सेनाएं इस मुश्किल वक़्त के दौरान कश्मीर के लोगों को बेरहमी से मार रही हैं”-(अनुवाद)।

पुराना वीडियो

गुल द्वारा ट्वीट किया गया वीडियो कश्मीर में हाल में हो रही अशांति की घटनाओं से असंबधित है। ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई कीफ्रेम में तोड़ा और गूगल पर उनमें से एक कीफ्रेम का रिवर्स सर्च किया। इससे हमें एक यूट्यूब चैनल पर पिछले साल समान वीडियो अपलोड किया गया मिला। इस वीडियो के साथ दिए गए कैप्शन के मुताबिक,“कुलगाम में नागरिको के मौत की संख्या सात हुई।* श्रीनगर, 21 अक्टूबर (जीएनएस): नागरिकों की मृत्यु की संख्या एक अन्य व्यक्ति के मरने से सात हो गई है”-(अनुवाद)।

जब हमने यूट्यूब पर कीवर्ड ‘कुलगाम ब्लास्ट’ का उपयोग करके सर्च किया – तो हमें 22 अक्टूबर, 2018 को आईबी टाइम्स द्वारा प्रसारित किया गया समान वीडियो मिला। समान अत्याचार वीडियो में 0:32 सेकंड के बाद देखा जा सकता है।

JKNC के एक अतिरिक्त प्रवक्ता ने भी पिछले साल समान वीडियो ट्वीट किया था।

21 अक्टूबर, 2018 को कश्मीर के कुलगाम में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई लड़ाई के दौरान हुए विस्फोट में सात नागरिक मारे गए थे। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पुलिस ने कहा कि मुठभेड़ में तीन जैश आतंकवादी भी मारे गए। जब पुलिस ने नागरिकों को साइट से दूर रहने की सलाह दी, तो गुस्साए स्थानीय लोगों ने मुठभेड़ के स्थल से लोगों को हटाने की प्रक्रिया की विफलता पर सवाल उठाए।

निष्कर्ष के तौर पर, 2018 में हुए कुलगाम विस्फोट का वीडियो, कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के बाद स्थानीय हालत के दृश्यों के तौर पर साझा किया गया। ऑल्ट न्यूज़ के सामने ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें पुराने वीडियो और तस्वीरों को कश्मीर का बताकर साझा किया गया है, जैसे कि झारखंड का पुराना मॉक ड्रिल का वीडियो और पटना में हुए लाठीचार्ज का पुराना वीडियो

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.