एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें कुछ लड़के एक लड़की के साथ हैवानियत कर रहे हैं. लड़की उन लड़कों से गुहार भी लगा रही है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये घटना बिहार की है और जिस लड़की के साथ हैवानियत हुई वह मुस्लिम है, जबकि आरोपी लड़के हिन्दू हैं.
रुहीन बी नामक एक यूज़र ने वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि बिहार में एक मुस्लिम लड़की को हिन्दू लड़कों ने जंगल में ले जाकर उसके साथ बलात्कार किया. (आर्काइव लिंक)
पारो निधि राव नाम की यूजर ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘हिन्दू ट्विटर और फ़ेसबुक ग्रुप्स’ में एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, इसमें हिन्दू पुरुषों द्वारा एक मुस्लिम लड़की का जंगल में सामूहिक बलात्कार किया जा रहा है. (आर्काइव लिंक)
इसी प्रकार अब्दुल कादिर खान और अफ़क अली मंसूरी नाम के यूज़र्स ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया.
फ़ैक्ट-चेक
वीडियो से जुड़े की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें एबीपी न्यूज़ की वेबसाइट पर 26 सितंबर 2019 को पब्लिश्ड एक आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना उत्तर प्रदेश के कौशांबी की थी जिसमें सराय अकिल थानाक्षेत्र के एक गांव में घास काटने गई एक किशोरी को मोहम्मद नाज़िम, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद छोटका ने पकड़ लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. साथ ही इसका वीडियो भी बनाया था. शोर मचाने पर लोगों ने घटनास्थल को घेर लिया, मौके पर मोहम्मद नाजिम को पकड़ा गया, जबकि अन्य आरोपी घटनास्थल से भाग गए. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अभियान चलाकर फरार आरोपी मोहम्मद छोटका और मोहम्मद आकिब उर्फ बड़का को भी गिरफ्तार कर लिया था.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना में शामिल आरोपी मोहम्मद छोटका पर 25 हजार का इनाम था जिसे पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. मुठभेड़ के दौरान उसके पैरों में पुलिस की दो गोलियां लगी थी.
यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें NYOOZ UP – Uttarakhand नाम के यूट्यूब चैनल पर 23 सितंबर 2019 का एक वीडियो मिला. इस रिपोर्ट में पीड़िता का बयान मौजूद है. वह कहती है कि जब वह घास काटने गई थी तब आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. वहीं पीड़िता के पिता ने पुलिस पर आरोप लगाया कि जब वे इस घटना का रिपोर्ट लिखाने थाने गए थे तब पुलिस ने उनकी ही पिटाई कर दी थी. पुलिस के बदसुलूकी से नाराज़ सैंकड़ों ग्रामीणों ने जब सराय अकिल थाने का घेराव किया तब पुलिस ने मामला दर्ज किया था.
कुछ यूज़र्स ने ट्विटर पर भी वीडियो शेयर किया था. 23 सितंबर 2019 को कौशांबी पुलिस ने इन ट्वीट्स का जवाब देते हुए लिखा कि इस घटना को लेकर थाना सराय अकिल में अभियोग पंजीकृत कर दिया गया है और एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु दबिश दी जा रही है. वहीं पुलिस ने यूज़र्स से पीड़िता की गरिमा और मानवता के मद्देनज़र उस ट्वीट को तत्काल डिलीट करने की अपील की. (आर्काइव लिंक)
उक्त प्रकरण के संबंध में थाना स0अकिल में अभियोग पंजीकृत कर 01 अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु दबिश दी जा रही है, पीड़िता की गरिमा, मानवता एवं भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए उक्त ट्वीट को तत्काल डिलीट कर देंl
— KAUSHAMBI POLICE (@kaushambipolice) September 23, 2019
एबीपी गंगा की वेबसाइट पर 6 फरवरी 2020 को पब्लिश्ड एक आर्टिकल के मुताबिक कोर्ट ने कौशांबी में 21 सितंबर, 2019 को दलित किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म को अंज़ाम देने वाले तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई और एक लाख 83 हज़ार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था.
कुल मिलाकर, उत्तर प्रदेश में हुए सामूहिक दुष्कर्म की 4 साल पुरानी घटना का वीडियो बिहार का बताकर झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि घटना में पीड़िता मुस्लिम समुदाय की है और आरोपी हिन्दू समुदाय के हैं. जबकि असल में पीड़िता हिन्दू समुदाय की है और आरोपी मुस्लिम समुदाय के हैं.
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