कुछ दिन से तिरुवनंतपुरम के सबरीमाला पहाड़ी मंदिर का माहौल अस्त-व्यस्त रहा क्योंकि हज़ारों तीर्थयात्री वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए वहां पहुंचने लगे हैं. 10 दिसंबर को टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि 18 घंटे से ज़्यादा समय तक कतारों में इंतजार करने के बाद तीर्थयात्रियों ने अपना धैर्य खो दिया और बैरिकेड्स तोड़ दिए. इससे सीढि़यों के पास भीड़ बेकाबू हो गई. सेवाओं में बढ़ोतरी और तीर्थयात्रियों की आमद को सीमित करने के कई दिनों के गहन प्रयासों के बाद, आख़िरकार अधिकारी 12 दिसंबर को भीड़ को नियंत्रित करने में कामयाब हुए.
इसी बीच एक बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में बस के अंदर बच्चे को अपने पिता के लिए रोते हुए और बार-बार ‘अप्पा’ (मलयाली भाषा में ‘पिता’) चिल्लाते हुए देखा जा सकता है. यूज़र्स ये दावा कर रहे हैं कि ये ‘केरल में हिंदुओं की दुर्दशा’ के दृश्य हैं. गौरतलब है कि केरल में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का नेतृत्व है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता, राधारमण दास ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए ये दावा किया कि बच्चे को ‘सनातन धर्म का पालन करने की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया था.’ बाद में उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया. नीचे इसका एक स्क्रीनशॉट देखा जा सकता है.
हिंदू कार्यकर्ता और हिंदू सेवा केंद्र के संस्थापक प्रतीश विश्वनाथ ने भी वायरल वीडियो शेयर किया. उनके ट्वीट को 140000 से ज़्यादा बार देखा गया. (आर्काइव)
Hello @pinarayivijayan & communist govt !!!
Karma has no deadline…!!#Sabarimala #Kerala #Hindus pic.twitter.com/PC8Z5vKOJe
— Pratheesh Viswanath (@pratheesh_Hind) December 12, 2023
राईट विंग इंफ्लुएंसर ऋषि बागरी ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि सरकारी अधिकारियों ने हिंदू भक्तों पर “कार्रवाई” की और यहां तक कि बच्चों को भी नहीं बख्शा. इसी तरह के दावों के साथ वीडियो ट्वीट करने वाले अन्य राईट विंग इंफ्लुएंसर लोगों में @MrSinha_ और @randomsena शामिल हैं. (आर्काइव- 1, 2, 3)
कई अन्य वेरिफ़ाई अकाउंट्स ने भी इसी तरह के दावों के साथ वायरल वीडियो को ट्वीट किया. जिनमें @ajaychauhan41, @RashmiDVS, @Incognito_qfs, @curlykrazy07, @changu311, @BattaKashmiri, @thakkar_sameet, @Sunil_Deodhar, @Lotus_indrajit, @Alphat00nist, @desi_thug1 and @Warlock_Shabby. शामिल हैं.
फ़ैक्ट-चेक
वायरल वीडियो के एक कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें एशियानेट न्यूज़ की एक रिपोर्ट मिली. जिसका टाइटल था, “सबरीमाला भीड़: अपने पिता को ढूंढने के लिए मदद मांगते रोते हुए बच्चे का दिल दहला देने वाला वीडियो सामने आया.” रिपोर्ट से हमें पता चला कि ऑनलाइन शेयर किए जा रहे वीडियो में जो हुआ उसका सिर्फ एक हिस्सा ही दिखाया गया है. वीडियो के लंबे वर्जन में बच्चा अपने पिता को देखता है और उनकी ओर हाथ हिलाता है. एशियानेट न्यूज़ ने हमारे साथ वीडियो का लंबा वर्जन शेयर किया.
ये क्लिप 34 सेकंड का है, जिसके शुरुआत में बच्चा अपने पिता को बेसब्री से ढूंढता हुआ दिखाई देता है, 10 सेकेंड पर एक पुलिसकर्मी (जैसा कि खाकी वर्दी और कंधे की आस्तीन पर मौजूद निशान से साफ पता चलता है) बच्चे को सांत्वना देने की कोशिश करता है.
27 सेकंड पर, बच्चे को अपने पिता दिखाई देते हैं और वो बस से अपना हाथ उनकी ओर बढ़ाते हुए दिखता है, बच्चा उनको बुलाता है और उसके पिता उसे इंतजार करने का इशारा करते हैं. ऐसा लगता है कि बच्चा तब तक कुछ हद तक शांत हो गया था.
एशियानेट न्यूज़ ने घटना का वीडियो भी ट्वीट किया. आखिर में बच्चा हाथ हिलाता नजर आता है.
Sabarimala rush: Heart-wrenching video of crying child seeking help to find his father emerges; WATCH
.#Sabrimala #ViralVideo #Darshan #LordAyyappa #Pandalam #Nilakkal pic.twitter.com/GqJLkVSiNr— Asianet Newsable (@AsianetNewsEN) December 12, 2023
इस घटनाक्रम से ये बिल्कुल साफ़ है कि न तो अधिकारियों ने उसे बंधक बनाया था और न ही हिंदू होने की वजह से उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया था. सबरीमाला पहाड़ी की चोटी पर भीड़ के बीच बच्चा अपने पिता से बिछड़ गया था, जो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर होने वाली एक आम घटना है.
इसके अलावा, कुछ यूज़र्स ने दावा किया कि लड़के को उसके धर्म की वजह से पुलिस ने हिरासत में लिया था. इस दावे की जांच करते समय, हमने नोटिस किया कि गाड़ी नंबर प्लेट, जो एशियानेट न्यूज़ द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में साफ़ दिख रहा था, उस पर KL-15 A-814 लिखा था.
इस नंबर को गूगल पर सर्च करने से पता चला कि ये गाड़ी सरकारी बस थी. ‘KL-15’ नंबर केरल राज्य सड़क परिवहन निगम के तहत तिरुवनंतपुरम में रजिस्टर्ड है. KSRTC का लोगो बस पर देखे गए लोगो से मेल खाता है. नीचे इसकी तुलना दी गई है.
हमने केरल पुलिस PRO प्रमोद कुमार से बात की, जिन्होंने वायरल दावों को ग़लत बताया. उन्होंने कहा, ”हम तीर्थयात्रियों की गाड़ियों को निलक्कल (सबरीमाला बेसकैंप) से आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दे रहे हैं. इसलिए सभी तीर्थयात्रियों को राज्य के बस से पंबा की यात्रा करनी होगी. वीडियो में बच्चा तो बस में चढ़ गया था, लेकिन उसके पिता पीछे छूट गए थे. लेकिन बस के आगे बढ़ने से पहले, हमने उसके पिता का पता लगाया और वो बस में आ गए. वे उस तरह भी अलग नहीं हुए थे. बच्चे को अपने पिता से मिलने में केवल दो या तीन मिनट का ही समय लगा था. कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस घटना को ग़लत तरीके से बता रहे हैं.”
कुल मिलाकर, ये साफ है कि सबरीमाला मंदिर में भीड़ के बीच थोड़ी देर के लिए अपने पिता से अलग हुए एक लड़के की क्लिप इस भ्रामक दावे के साथ वायरल है कि ये केरल में ‘हिंदुओं की दुर्दशा’ के दृश्य हैं.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.