सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जो एक CCTV फ़ुटेज की तरह दिख रहा है. वीडियो में कुछ लड़कों को पत्थर फेंकते हुए देखा जा सकता है लेकिन ये नहीं दिख रहा है कि वो किस पर पत्थर फेंक रहे हैं. यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि ये वीडियो केरल की एक हालिया घटना का है जहां कुछ मुस्लिम लड़के हिंदूओं के बंगलों पर पत्थर फेंक रहे थे और उन्हें वो जगह खाली करने की धमकी दे रहे थे.

22 जुलाई को ट्विटर यूज़र नेशनलिस्ट (@Nationalist2575) ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि भविष्य में केरल को ‘कश्मीर जैसी स्थिति’ का सामना करना पड़ेगा. इस ट्वीट को करीब 2 लाख बार देखा और 5 हज़ार से ज़्यादा बार रीट्वीट किया. (आर्काइव)

अनूप कुमार सिंह (@rashtravad_aks) नामक एक अन्य यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि केरल में मुस्लिम हिंदू बंगलों पर पत्थर फेंक रहे हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई मौकों पर @rashtradevi_aks द्वारा शेयर की गई ग़लत सूचनाओं की पड़ताल की है. (आर्काइव)

कई अन्य यूज़र्स ने भी ट्विटर और फ़ेसबुक पर ऐसे ही दावों के साथ वीडियो शेयर किया.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो से की-फ्रेम लेकर उनपर रिवर्स इमेज सर्च करने से हमें मलयालम न्यूज़ चैनल मनोरमा न्यूज़ पर 15 अगस्त 2016 का एक यूट्यूब वीडियो मिला. वीडियो के टाइटल में कहा गया है: “नादापुरम में 50 से ज़्यादा घरों पर हमला | मनोरमा न्यूज़.” नदापुरम केरल के कोझिकोड जिले का एक शहर है. इससे साबित होता है कि वीडियो केरल का ही है लेकिन काफी पुराना है. 

मलयालम में वीडियो रिपोर्ट का हिंदी अनुवाद इस तरह किया जा सकता है: “नदापुरम के घरों में बड़े स्तर पर हमले. हालांकि, क्षेत्र में शांति लाने की कोशिश की जा रही है. पचास घरों पर हमला किया गया है. ये हमले ज़्यादातर कांग्रेस, भाजपा और CPI (M) के समर्थकों के घरों पर हुए हैं. लगभग 2 दर्जन मामले दर्ज किये गये हैं. पुलिस द्वारा पहचाने जाने से बचने के लिए हमलावरों ने अपने चेहरे ढके हुए थे. इस हमले से ऑटोरिक्शा, बाइक और कारों को नुकसान पहुंचा है. 50 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सभी राजनीतिक दल शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया है.”

इसे ध्यान में रखते हुए हमने एक की-वर्डस सर्च किया, हमें कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं जो वायरल क्लिप के संदर्भ में थीं.

द न्यूज़ मिनट की 13 अगस्त 2016 की न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, एक दिन पहले नादापुरम में 20 साल के असलम नामक इंडियन यूनियन ऑफ़ मुस्लिम लीग (IUML) के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी. रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि असलम की हत्या को कुनेरी शिबिन नामक 19 साल की CPI (M) कार्यकर्ता की हत्या से जोड़ा जा रहा है. असलम कथित तौर पर इस अपराध का आरोपी था, लेकिन बाद में उसे बरी कर दिया गया था.

हमें 18 अगस्त, 2016 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में बताया गया है कि नादापुरम और थुनेरी इलाकों में हिंसा, IUML के कार्यकर्ता असलम की कथित हत्या के बाद हुई थी.

28 अगस्त 2016 को मातृभूमि ने रिपोर्ट किया कि रमीश नाम के एक CPM कार्यकर्ता को असलम की हत्या के सिलसिले में गिरफ़्तार किया गया था.

2017 में भी ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो पर रिपोर्ट पब्लिश की थी. उस वक्त भी इसे झूठे सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा था.

कुल मिलाकर, सोशल मीडिया पर ग़लत सांप्रदायिक दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया जा रहा है. नादापुरम इलाके में घरों पर जो हमले किए गए थे उसकी वजह राजनीतिक दुश्मनी थी.

 

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