सरकार की एक नई सैन्य भर्ती नीति, अग्निपथ योजना के खिलाफ़ देश भर में विरोध किया जा रहा है. इन सब के बीच सोशल मीडिया पर एक व्हाट्सऐप ग्रुप की कथित चैट का स्क्रीनशॉट वायरल है. स्क्रीनशॉट में कथित रूप से ‘बॉयकॉट TOD (टूर ऑफ़ ड्यूटी)’ नामक ग्रुप की चैट दिख रही है. चैट में कुछ लोग रामादेवी पुलिस चौकी को जलाने की योजना बना रहे हैं.

इस कथित व्हाट्सऐप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए ट्विटर यूज़र @puspendrakusav2 ने दावा किया कि इस चैट में लोगों को पुलिस चौकी जलाने के लिए उकसाने वाले आयुष ठाकुर असल में ‘शमी असलम’ उर्फ़ ​​​​आयुष है. और ये एक मुस्लिम है. ट्रूकॉलर ऐप पर सर्च करने से इसका नाम दिखता है. ट्रूकॉलर एक मोबाइल ऐप है जो किसी कॉलर की पहचान करने में मदद करता है.

कई ट्विटर यूज़र्स ने ये स्क्रीनशॉट ट्वीट करते हुए ऐसा ही दावा किया.

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ये दावा फ़ेसबुक पर भी वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

कानपुर नगर के पुलिस आयुक्तालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि पुलिस आयुक्तालय द्वारा गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीम ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की और इस चैट में शामिल लोगों का पता लगाया. पुलिस ने पांच युवकों को IPC की अलग-अलग धाराओं के तहत गिरफ़्तार किया है. इनमें भूपेंद्र यादव (25 साल), आयुष (20 साल), हर्ष यादव (21 साल), अमित यादव (21 साल) और राजू यादव (20 साल) शामिल हैं.

ध्यान दें कि कथित चैट से ‘आयुष’ नामक व्यक्ति का नंबर ट्रूकॉलर ऐप पर सर्च करने से हकीकत में कॉलर का नाम शमी असलम दिखता है. ट्विटर पर इस नंबर को सर्च करने पर रिज़ल्ट में आयुष नाम के ट्विटर यूज़र का अकाउंट दिखता है. ट्वीट्स में वो सोनू सूद से अपने चाचा के लिए मेडिकल हेल्प और ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की अपील कर रहे हैं जिनकी हालत बिगड़ती जा रही थी. उन्होंने ट्वीट के आखिर में उसी फ़ोन नंबर का ज़िक्र किया है जो वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रहा है.

ट्विटर और व्हाट्सऐप प्रोफ़ाइल में दिख रही तस्वीरों की तुलना करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने कुछ चीज़े नोटिस कीं:

  • व्हाट्सऐप और ट्विटर की प्रोफ़ाइल में दिख रहा शख्स एक ही है.
  • व्हाट्सऐप डिस्प्ले पिक्चर में, युवक ने लाल धागा पहना है जो अक्सर हिन्दू पहनते हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने कानपुर नगर पुलिस द्वारा स्थापित मीडिया सेल से संपर्क किया. हमें बताया गया कि आयुष ठाकुर की गिरफ़्तारी के बाद, थाना चकेरी मामला संख्या 650/2022 की जांच में पता चला कि ये नंबर शकुंतला देवी के नाम पर रजिस्टर है और ये नंबर आयुष इस्तेमाल करता है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने भी ऑल्ट न्यूज़ से इस बात की पुष्टि की.

ट्रूकॉलर पर शमी असलम नाम क्यों आता है?

गूगल पर नंबर सर्च करने पर कई ब्लॉग्स पर ये नंबर ‘सना’ (बदला हुआ नाम) के नाम से दिखाई देता है. इस बात की संभावना सबसे ज़्यादा है कि ये नंबर पहले किसी मुस्लिम व्यक्ति के पास था. 2010 में एक ब्लॉग पोस्ट पर किए गए कमेंट से भी यही पता चला है. व्यक्ति की गोपनीयता बनाए रखने के लिए हमने इन ब्लॉग्स को हाइपरलिंक नहीं किया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने ये जानने के लिए ट्रूकॉलर से संपर्क किया कि ऐप पर कॉन्टेक्ट्स कैसे सेव किए जाते हैं. लेकिन हमें एक बॉयलरप्लेट जवाब भेजा गया. हालांकि, ट्रूकॉलर की वेबसाइट पर मौजूद एक ब्लॉग में कुछ इनसाइट दिए गए हैं कि कैसे ऐप किसी फ़ोन नंबर के माध्यम से किसी व्यक्ति की पहचान निर्धारित करता है. ‘हाउ ट्रूकॉलर्स कॉलर आईडी वर्क्स‘ टाइटल के इस ब्लॉग पोस्ट में बताया गया है कि ट्रूकॉलर एक कांटेक्ट नेम निर्धारित करने के लिए क्राउडसोर्सिंग का इस्तेमाल करता है. इसलिए अगर इसके ज़्यादातर यूज़र्स ने ये नंबर “शमी असलम” के नाम से सेव किया होगा तो ऐप वही दिखायेगा.

ऑल्ट न्यूज़ ने एक ऐसे व्यक्ति से बात की जिसके पास पहले ये नंबर था. नाम न उजागर करने की शर्त पर उसने कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने इस नंबर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था और वो किसी शमी असलम को नहीं जानते हैं. नंबर किसी और को ट्रांसफ़र कर दिया गया था. क्योंकि इन्होने कनेक्शन के बिलों का भुगतान नहीं किया था.

कुल मिलाकर, इस नंबर का इस्तेमाल असल में आयुष ठाकुर ही करता है. लेकिन ट्रूकॉलर पर नाम में दिख रहे अंतर की वजह से ग़लत जानकारी शेयर की गई.

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Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc